भारतीय हिन्दी सेवी पंचायत के बैनर तले हुआ वर्चुअल कवि सम्मेलन

बदायूँ /गोविंद राणा/ वर्चुअल कवि समेलन गुगल मीट ऐप के माध्यम से आयोजित किया गया । कवि सम्मेलन में मुख्य अतिथि के रूप में भारतीय हिंदी सेवी पंचायत के अध्यक्ष व व्यवस्था सुधार मिशन के जनक हरि प्रताप सिंह राठौड़ एडवोकेट उपस्थित रहे तथा अध्यक्षता वरिष्ठ साहित्यकार एवं भारतीय हिंदी सेवी पंचायत के बिल्सी तहसील के संयोजक विष्णु असावा ने की।
 
कार्यक्रम की शुरुआत बीसलपुर के श्रेष्ठ रचनाकार प्रियाशु त्रिपाठी की सरस्वती वंदना से हुई ।

तत्पश्चात वरिष्ठ साहित्यकार विष्णु असावा ने पढ़ा :

भारत की आन पर कर गये जाॅ निसार
ऐसे महाराणा जी प्रताप को नमन है ।

                             
अचिन मासूम ने कहा -

हे वीर शिरोमणि शक्तिपुंज हे अतुलतेज बलधारी
हे क्रांति दूत राणा प्रताप जय जय हो सदा तुम्हारी।
              
          
प्रियाशु त्रिपाठी बीसलपुर ने पढ़ा------


सागर समान विधमान उसमे गुमान,निज देशवासियों का अटल सहारा है
खड़ग की धार से प्रहार कर जोरदार ,तेरे सेना नायक को उसने ही मारा है
मेवाड़ पे तेरी जीत धुँधली सी हो प्रतीत, हाथ जोड़ माँगो और कोई नहीं चारा है
चेतक की टाप को और राणा के प्रताप को,
शत्रु के समक्ष झुकना नहीं गंवारा है ।

ओजस्वी संचालक षटवदन शंखधार ने कहा -----

माटी , हल्दी घाटी वाली आज भी सुनाती जिसे 
चेतक और भाला की कहानी को प्रणाम है ।

उमेश त्रिगुणायत ने पढ़ा: 

शूरवीर राणाप्रताप के झंकारित उस भाले की।
भू से अम्बर तक जय है उस मातृभूमि रखवाले की।
हँसते हँसते युद्धभूमि में अर्पण प्राण किए लेकिन,
मुग़ल रुधिर से प्यास बुझा दी रणचंडी के प्याले की।


इसके अलावा हर्षवर्धन मिश्रा ,आकाश पाठक  ने भी काव्य पाठ किया ।

कार्यक्रम लगातार दो घंटे तक चला ।

कार्यक्रम में प्रमुख रूप से क्षत्रिय महासभा उत्तर प्रदेश के प्रदेश कोषाध्यक्ष डॉ सुशील कुमार सिंह, जिला संयोजक मुनीस कुमार सिंह, जिला अध्यक्ष राकेश सिंह, जिला उपाध्यक्ष शिशुपाल सिंह,  जिला महासचिव वेदपाल सिंह कठेरिया, , जिला सचिव अखिलेश चौहान, दिनेश सिंह एडवोकेट,  सैनिक सभा के जिला अध्यक्ष रतन वीर सिंह तोमर, नगर अध्यक्ष डाल भगवान सिंह, महिला सभा की जिला महासचिव सरिता सिंह, उमेश कुमार सिंह,  नारद सिंह, सतेंद्र सिंह, अरएन्द्र पाल सिंह, राजपाल सिंह, अवनीश सोलंकी, सुरेश पाल सिंह, आकाशदीप, अखिलेश सोलंकी आदि उपस्थित रहे।