गायत्री जयंती पर हुए पुसंवन, चूडा़कर्म, यज्ञोपवीत, विद्यारंभ और दीक्षा संस्कार

गोविंद राणा
बदायूँ गायत्री शक्तिपीठ एवं आध्यात्मिक चेतना केंद्र पर गायत्री जयंती के पावन पर्व पर पांच कुंडीय गायत्री महायज्ञ हुआ। सूक्ष्म जगत के परिशोधन, प्राकृतिक आपदाओं, सूखा निवारण और विश्व कल्याण की भावना से गायत्री मंत्र, महामृत्यंुजय मंत्र और कोरोना निवारणार्थ विशेष आहुतियां यज्ञभगवान को समर्पित कीं। संस्कार संपन्न हुए। आत्मीय परिजनों ने वेदमूर्ति तपोनिष्ठ पंडित श्रीराम शर्मा आचार्य और वंदनीया माता भगवती देवी शर्मा के सूक्ष्म संरक्षण में गायत्री महामंत्र की दीक्षा ली और श्रेष्ठ कार्य करने का संकल्प लिया। 
नगर विकास राज्यमंत्री महेश चंद्र गुप्ता ने मां गायत्री, शक्तिकलश और गंगाजलि का विशेष पूजन किया। गायत्री परिजनों ने गायत्री मंत्र का पटका और युगऋषि वेदमूर्ति पंडित श्रीराम शर्मा आचार्य का सद्साहित्य भेंट किया।
मुख्य वक्ता अनिल प्रकाश गुप्ता ने कहा कि गंगा से पवित्रता और गायत्री से प्रखरता मिलती है। इसी दिन मां गंगा का धरती पर अवतरण हुआ और महर्षि विश्वामित्र गायत्री मंत्र के द्रष्टा बनें, ब्रह्मर्षि के पद पर प्रतिष्ठित हुए।
नत्थूलाल शर्मा ने कहा कि कामधेनु मां गायत्री को पूज्यगुरूदेव पंडित श्रीराम शर्मा आचार्य ने कठोर तपस्या करके जन-जन के सुलभ बना दिया। गायत्री मंत्र की दीक्षा के साथ ‘वयं राष्ट्रे जागृयाम पुरोहिताः‘ का संदेश दिया। 
गायत्री परिवार के संजीव कुमार शर्मा ने कहा कि मां गायत्री, मां गंगा अवतरण दिवस और युगऋषि वेदमूर्ति तपोनिष्ठ पं. श्रीराम शर्मा आचार्य का महाप्रयाण दिवस तीनों पर्वों का संगम है। 
मुख्य प्रबंध ट्रस्टी अनिल कुमार राठौर ने सभी का आभार व्यक्त किया। मातृशक्ति माया सक्सेना ने संस्कार संपन्न कराए। परिब्राजक सचिन देव, सृष्टि ने वेदमंत्रोच्चारण कर यज्ञ संपन्न कराया।
लोकमंगल की कामना से एक वर्षीय अनुष्ठान करने वाले आत्मीय परिजनों ने पांच कुंडीय गायत्री महायज्ञ में पूर्ण आहुति दी। शक्तिपीठ पर पुसंवन, चूडा़कर्म, यज्ञोपवीत, विद्यारंभ, विवाह दिवस और दीक्षा संस्कार संपन्न हुए। इस मौके पर सुरेंद्र नाथ शर्मा, नरेंद्र पाल शर्मा, कालीचरन पटेल, रघुनाथ सिंह, रामचंद्र प्रजापति, मदनलाल झा, श्यामनिवास, सुजाता, पूनम, दया, सीमा, ममता, केपी सिंह आदि मौजूद रहे।