श्राद्ध पक्ष में पितरों के निमित्त तर्पण करें और पाए उनका आशीर्वाद

नई दिल्ली:भाद्रपद मास की पूर्णिमा तिथि से श्राद्ध पक्ष की शुरुआत हो जाती है। श्राद्ध पक्ष में पितरों के निमित्त तर्पण किया जाता है। ज्योतिष मान्यताओं के अनुसार कुंडली में दूसरे, चौथे, पांचवें, सातवें, नौवें और दसवें भाव में सूर्य राहु या सूर्य शनि की युति बनने पर पितृ दोष लगता है। सूर्य के तुला राशि में रहने पर या राहु या शनि के साथ युति होने पर इस दोष का प्रभाव बढ़ जाता है। इसके साथ ही लग्नेश का छठे, आठवें, बारहवें भाव में होने और लग्न में राहु के होने पर भी पितृ दोष लगता है। पितृ दोष की वजह से व्यक्ति का जीवन परेशानियों से भर जाता है। इस दोष से मुक्ति के लिए श्राद्ध पक्ष में पितरों का स्मरण कर पिंड दान करना चाहिए और अपनी गलतियों के लिए माफी मांगनी चाहिए। धार्मिक मान्यताओं के अनुसार सभी तरह के दोषों से मुक्ति के लिए हनुमान जी की पूजा- अर्चना करनी चाहिए। हनुमान जी की पूजा- अर्चना करने से पितृ दोष समेत सभी तरह के दोषों से मुक्ति मिल जाती है। रोजाना हनुमान चालीसा का पाठ करने से हनुमान जी की विशेष कृपा प्राप्त होती है और जीवन सुखमय हो जाता है।