नदी उत्सव नदियों के सम्मान की परंपरा को पुनर्जीवित करने का बीज बोएगा: गजेंद्र सिंह शेखावत

रामजी पाण्डे

3 दिवसीय गंगा उत्सव 2021- नदी महोत्सव के आखिरी दिन की शुरुआत पिछले दो दिनों की मुख्य झलकियों के साथ हुई। इसके बाद प्रसिद्ध नृत्यांगना श्रीमती शोवना नारायण द्वारा कथक नृत्य प्रदर्शन किया गया। उन्होंने माँ गंगा की पीड़ा की कहानी का प्रदर्शन किया और सभी से अपने नृत्य के माध्यम से इसे स्वस्थ रखने में मदद करने की अपील की। इस भारतीय शास्त्रीय नृत्य द्वारा प्रकृति के संरक्षण के संदेश को शक्तिशाली रूप से संप्रेषित किया गया।

श्री किरेन रिजिजू, माननीय कानून और न्याय मंत्री, श्री गजेंद्र सिंह शेखावत, जल शक्ति मंत्री और अन्य प्रतिनिधियों का स्वागत करते  हुए श्री राजीव रंजन मिश्रा, महानिदेशक, एनएमसीजी ने बताया कि प्रसिद्ध गायकों, संगीतकारों, कलाकारों, कहानीकारों, विद्वानों और साहित्यकारों ने गंगा उत्सव 2021 में अपनी प्रस्तुतियां पेश कीं और इस आयोजन में हिस्सा लिया है। उन्होंने यह भी बताया कि इस दौरान क्लैप, गंगा कायाकल्प पर पहली चाचा चौधरी कॉमिक्स, आईआईटी मद्रास द्वारा भारत की नदियों पर एक गीत जैसे कई महत्वपूर्ण लॉन्च हुए हैं। उन्होंने बताया कि इस वर्ष गंगा उत्सव पूरे भारत में मनाया जा रहा है और इसके समारोह सूरत से नागालैंड और लेह से कन्याकुमारी तक हो रहे हैं। उन्होंने कहा, "गंगा उत्सव ने राष्ट्रव्यापी नदी उत्सव का रूप ले लिया है और यह अभी शुरुआत है।"

अपने मुख्य भाषण में एनएमसीजी को आजादी का अमृत महोत्सव में उनके योगदान के लिए बधाई देते हुए माननीय कानून और न्याय मंत्री श्री किरेन रिजिजू ने कहा, "मैंने देश की लगभग हर नदी के उद्गम स्थल की यात्रा की है। कुछ साल पहले गंगा विशेष रूप से बहुत प्रदूषित दिखती थी लेकिन आज यह साफ और उदार दिखती है। यह काम प्रेरणादायक है और मैं मिशन को अपना पूरा समर्थन देने की प्रतिज्ञा करता हूं और इसमें शामिल होने और योगदान करने में हमेशा खुशी होगी।" उन्होंने इस सफलता का श्रेय माननीय प्रधानमंत्री के दृष्टिकोण, एनएमसीजी के समग्र दृष्टिकोण और स्वयंसेवकों की कड़ी मेहनत को दिया।

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श्री गजेंद्र सिंह शेखावत, जल शक्ति मंत्री ने गंगा उत्सव 2021 के अपने समापन संबोधन में नदी उत्सव मनाने के लिए माननीय प्रधानमंत्री के आह्वान को याद करते हुए कहा, "भारत में नदियों के प्रति श्रद्धा की परंपरा है, लेकिन उपभोक्तावाद के उदय के साथ यह जुड़ाव कहीं खो गया था। नदी उत्सव नदियों के सम्मान की इस परंपरा को पुनर्जीवित करने के लिए बीज बोएगा। यह लोगों को हमारी नदियों के संरक्षण के लिए प्रोत्साहित करेगा।" उन्होंने नमामि गंगे को पिछले कुछ वर्षों में गंगा उत्सव के सफल आयोजन के माध्यम से नदी उत्सव की नींव रखने के लिए बधाई दी और इस वर्ष गंगा उत्सव ने देश में मजबूत नदी उत्सव की नींव रखी।