जल जीवन संवाद के तहत आईईसी पर राष्ट्रीय कार्यशाला का आयोजन


नई दिल्ली:जल जीवन मिशन में सामुदायिक भागीदारी के महत्व पर विचार-विमर्श करने के लिए 9 दिसंबर, 2021 को सूचना, शिक्षा और संचार (आईईसी) पर एक दिवसीय राष्ट्रीय कार्यशाला का आयोजन किया गया। इसका उद्देश्य गांवों में रहने वाले लोगों को विशेष रूप से महिलाओं और बच्चों के जीवन जीने को आसान बनाना है। जल जीवन संवाद के तहत आयोजित कार्यशाला में डब्ल्यूएसएसओ के निदेशकों, मुख्य अभियंताओं और आईईसी प्रभारी सहित राज्यों व केंद्र शासित प्रदेशों के 70 से अधिक साझेदारों ने भाग लिया।

अपर सचिव और राष्ट्रीय जल जीवन मिशन के मिशन निदेशक श्री भरत लाल ने अपने संबोधन में मुख्य रूप से योजना बनाने की आवश्यकता पर बल दिया। उन्होंने कहा कि हमें गांव के जल संसाधनों, जल आपूर्ति और निगरानी प्रबंधन प्रणाली की योजना, कार्यान्वयन, प्रबंधन, संचालन और रख-रखाव में सामुदायिक भागीदारी की गंभीरता को समझने की जरूरत है। हमें पानी समितियों को मजबूत करने और विभिन्न साझेदारों की क्षमता का निर्माण करने की आवश्यकता है। हमारी सफलता को हर घर में दीर्घकालिक, नियमित और स्वच्छ नल के पानी की आपूर्ति सुनिश्चित करके मापा जाएगा। हमें गांवों में रहने वाले लोगों के जीवन को आसान बनाने के लिए खुद को प्रतिबद्ध करने की जरूरत है।



डब्ल्यूएएसएमओ गुजरात के पूर्व परियोजना निदेशक श्री आर. के. समा ने गुजरात में डब्ल्यूएएसएमओ की उपलब्धियों और जल जीवन मिशन में इस संगठन की भूमिका के बारे में चर्चा की। प्रतिभागियों के साथ बातचीत में उन्होंने कहा, सभी हितधारकों के साथ भागीदारी महत्वपूर्ण है। इसमें महिलाएं प्राथमिक साझेदार हैं। घर पर पानी उपलब्ध कराने से उनके स्वास्थ्य में सुधार होता है, बेहतर स्वच्छता मिलने के साथ समय की बचत होती है और कठिन परिश्रम से छुटकारा मिलता है।

स्वच्छ भारत मिशन के विशेष परियोजनाओं के पूर्व महानिदेशक श्री अक्षय राउत ने आम लोगों से संवाद स्थापित करने के लिए विभिन्न मीडिया के प्रभावी उपयोग पर बात की। उन्होंने कहा, लोगों से संवाद करने के लिए हमें उनकी मनःस्थिति को समझना होगा। व्यवहार में बदलाव लाने के लिए महत्वपूर्ण है कि इसमें महिलाओं और बच्चों को शामिल किया जाए।

एडिटरजी टेक्नोलॉजीज के संस्थापक श्री विक्रम चंद्रा ने मीडिया तक पहुंच को लेकर अपने विचार साझा किए। उन्होंने कहा कि जमीन पर हो रहे अच्छे प्रयासों को संबंधित लोगों तक पहुंचने की जरूरत है। जल जीवन मिशन के तहत हो रहे विशाल कार्य व्यवहार में बदलाव लाने के लिए यह महत्वपूर्ण है यह सभी तक पहुंचे।

यूनिसेफ इंडिया के वॉश के प्रमुख श्री निकोलस ऑस्बर्ट ने जल जीवन मिशन संवाद को भारत के हर गांव में ले जाने के लिए संचार के महत्व और युवाओं की भूमिका के बारे में बात की। एनजेजेएम के निदेशक श्री प्रदीप सिंह और श्री पी. विश्वकन्नन ने जल जीवन मिशन में तकनीकी उपाय, पारदर्शिता और जवाबदेही के साथ 2024 तक देश को हर घर जल बनाने में हितधारकों की क्षमता और प्रमुख संसाधन केंद्रों (केआरसी) और कार्यान्वयन सहायता एजेंसियों की भूमिका के निर्माण करने की आवश्यकता पर चर्चा की। ओडिशा के ग्राम विकास के श्री लीबि टी. जॉनसन और यूनिसेफ के विशेषज्ञों ने प्रतिभागियों के साथ जल जीवन मिशन में आईईसी के विभिन्न पहलुओं और विषयों पर चर्चा कर अपने अनुभव साझा किए