बहुभाषी इंटरनेट के क्षेत्र में भारत को अग्रणी बनाने के लिए रोडमैप पर चर्चा की गई


नई दिल्ली:इलेक्ट्रॉनिक्स और सूचना प्रौद्योगिकी राज्य मंत्री श्री राजीव चंद्रशेखर ने कहा, 'प्रधानमंत्री श्री नरेन्द्र मोदी के डिजिटल इंडिया का विजन यह सुनिश्चित करना है कि इंटरनेट सभी भारतीयों तक पहुंचे और उन्हें सशक्त बनाया जाए। इसके लिए, बहुभाषी इंटरनेट कोई चुनौती नहीं बल्कि एक अति-आवश्यक जरूरत है।' बहुभाषी इंटरनेट पर इलेक्ट्रॉनिक्स और सूचना प्रौद्योगिकी मंत्रालय (एमईआईटीवाई) द्वारा आयोजित एक कार्यशाला के दौरान, श्री राजीव चंद्रशेखर ने सभी भारतीयों को जोड़ने के लिए बहुभाषी इंटरनेट की सरकार की महत्वाकांक्षा के बारे में बताया। उन्होंने कहा कि आधुनिक भारत के इतिहास में शिक्षा क्षेत्र में सबसे बड़ा सुधार- नई शिक्षा नीति, शिक्षा के माध्यम के रूप में क्षेत्रीय भाषाओं के इस्तेमाल को प्रोत्साहित करता है। ऐसे में, यह आवश्यक है कि डिजिटल समावेशन सुनिश्चित करने के लिए इंटरनेट के साथ-साथ प्रौद्योगिकी प्लेटफॉर्म क्षेत्रीय भाषाओं को बढ़ावा दें। इंटरनेट को बहुभाषी बनाने के रणनीतिक लक्ष्य को हासिल करने की दिशा में रोडमैप को अंतिम रूप देने के लिए एमईआईटीवाई उद्योग के साथ साझेदारी करेगा।

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इलेक्ट्रॉनिक्स और सूचना प्रौद्योगिकी मंत्रालय (एमईआईटीवाई) ने भारत में बहुभाषी इंटरनेट पर एक रोडमैप के लिए 'बहुभाषी इंटरनेट (कनेक्टिंग ऑल इंडियन: ओपन, सेफ एंड ट्रस्टेड एंड अकाउंटेबल इंटरनेट)' शीर्षक से कार्यशाला आयोजित की। कार्यशाला में गूगल, माइक्रोसॉफ्ट, मोजिला, जोहो कॉरपोरेशन, रेडिफ, एक्सजेन प्लस; अकादमिक, उद्योग निकाय और एमईआईटीवाई व भारत के राष्ट्रीय इंटरनेट एक्सचेंज के अधिकारियों समेत सरकारी और निजी दोनों हितधारकों को आमंत्रित किया गया था।

डिजिटल इंडिया मिशन पर पीएम के दृष्टिकोण को साझा करते हुए, श्री राजीव चंद्रशेखर ने कहा कि 2015 में प्रधानमंत्री श्री नरेन्द्र मोदी ने तीन प्रमुख उद्देश्यों के साथ- भारतीयों के जीवन को बदलने, डिजिटल उद्यमिता के साथ आर्थिक अवसरों का विस्तार करने और इंटरनेट सहित कुछ प्रौद्योगिकियों में रणनीतिक क्षमताओं को बढ़ाने के लिए, डिजिटल इंडिया मिशन का शुभारंभ किया था ताकि इंटरनेट के भविष्य को उन देशों द्वारा आकार दिया जा सके, जहां समाज खुला है और समान लोकतांत्रिक मूल्यों को साझा करने के साथ ही नागरिक अधिकारों का सम्मान करते हैं। उन्होंने कहा, 'इंटरनेट लगातार महत्वपूर्ण होता जा रहा है, और अगले 400 मिलियन इंटरनेट उपयोगकर्ता अर्ध-शहरी और ग्रामीण क्षेत्रों से जुड़ने की संभावना है, ऐसे में बिना किसी भेदभाव या अहित के इंटरनेट तक पहुंच सुनिश्चित करना महत्वपूर्ण हो जाता है।' उन्होंने आगे कहा, 'एक देश के रूप में इंटरनेट को आगे ले जाना एक अति-आवश्यक जरूरत है। भाषा का ज्ञान न होना किसी भी नागरिक के इससे अलग-थलग रहने का कारण नहीं होना चाहिए। ऐसे में यह अनिवार्य हो जाता है कि सभी हितधारकों को साथ मिलकर इंटरनेट को प्रत्येक नागरिक के लिए सुलभ बनाना चाहिए।'