एसबीएम-जी में समरूपता के आधार पर पीएमएवाई-जी की 750 महिला लाभार्थियों को शौचालय बनाने के लिये वित्तीय सहायता


नई दिल्ली:आजादी के अमृत महोत्सव के क्रम में सात से 13 मार्च, 2022 तक चलने वाला केंद्रीय ग्रामीण विकास मंत्रालय के ग्रामीण विकास विभाग का प्रतीक-सप्ताह सम्पन्न हो गया। यह कार्यक्रम अंतर्राष्ट्रीय महिला दिवस सप्ताह के दौरान आयोजित किया गया था। प्रतीक-सप्ताह का विषय ‘नये भारत की नारी’ था, जिसके तहत देश की ग्रामीण महिलाओं के योगदान का अभिनंदन किया गया।

ग्रामीण विकास विभाग के विभिन्न कार्यक्रमों के मद्देनजर देश और राज्य स्तर पर 18 महिला केंद्रित समारोहों और गतिविधियों की एक पूरी श्रृंखला का आयोजन किया गया। इनमें दीन दयाल उपाध्याय-ग्रामीण कौशल्य योजना (डीडीयू-जीकेवाई), ग्रामीण स्वरोजगार प्रशिक्षण संस्थान (आरसेटी), दीन दयाल अंत्योदय-राष्ट्रीय ग्रामीण आजीविका मिशन (डीएवाई-एनआरएलएम), प्रधानमंत्री आवास योजना-ग्रामीण (पीएमएवाई-जी), महात्मा गांधी राष्ट्रीय ग्रामीण रोजगार गारंटी अधिनियम और रूरबन शामिल हैं।

अवसर की आजादी | सात मार्च, 2022 (सोमवार)

देश भर में सात मार्च, 2022 को दीन दयाल उपाध्याय ग्रामीण कौशल्य योजना (डीडीयू-जीकेवाई) के तहत 174 से अधिक ‘महिला केंद्रित’ एकजुटता शिविरों का आयोजन किया गया। इस तरह के विभिन्न शिविरों के जरिये 4281 से अधिक महिला प्रत्याशियों को सफलतापूर्वक साथ लाया गया, ताकि उन्हें सहायक सौंदर्य थेरेपिस्ट, कपड़ा सिलाई और सैंपल सिलाई, आदि पाठ्यक्रमों में पंजीकृत किया जा सके। डीडीयू-जीकेवाई योजना के तहत प्रशिक्षण पाने वाले लोगों में से एक-तिहाई महिलायें होनी चाहियें। इसके अलावा, योजना का लक्ष्य 15-35 आयुवर्ग के ग्रामीण युवा हैं, लेकिन महिलाओं के लिये अधिकतम आयुसीमा 45 वर्ष रखी गई है।

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देशभर में आरसेटी (ग्रामीण स्वरोजगार प्रशिक्षण संस्थानों) ने सात मार्च, 2022 को महिला केंद्रिय पाठ्यक्रमों के नये बैच शुरू किये। ये नये बैच, गृह-निर्मित अगरबत्ती, हल्के-फुल्के खिलौने बनाने और बेचने, पापड़, अचार, मसाला पाउडर, ब्यूटी पार्लर प्रबंधन तथा आभूषण आदि के निर्माण सम्बंधी कारोबारों में शुरू किये गये। आरसेटी योजना के तहत चलने वाले कुल 64 पाठ्यक्रमों में से 10 प्रशिक्षण पाठ्यक्रम विशेषकर महिलाओं के लिये हैं। आरसेटी कार्यक्रम के तहत कुल प्रशिक्षित प्रत्याशियों में से 66 प्रतिशत महिलायें हैं। अब तक, लगभग 26.28 लाख महिला प्रत्याशियों को योजना की शुरुआत से अब तक की अवधि में प्रशिक्षित किया गया तथा लगभग 18.7 लाख का सफलतापूर्वक समायोजन हो गया है।