हेलीकॉप्टर प्रौद्योगिकी में प्रगति हमारे रक्षा क्षेत्र के लिए प्रभावी होगा और भारत को अंतरराष्ट्रीय बाजार में एक प्रमुख शक्ति बनाएगा: रक्षा मंत्री

रामजी पांडे

नई दिल्ली देश की सुरक्षा सरकार की सर्वोच्च प्राथमिकता है और इसकी एकता और अखंडता की रक्षा के लिए सभी प्रयास किए जा रहे हैं।” यह बात रक्षा मंत्री श्री राजनाथ ने राष्ट्र के लिए चेतक हेलीकॉप्टर की सेवा के 60 साल पूरे होने के उपलक्ष्य में आयोजित एक सम्मेलन को संबोधित करते हुए कहा। भारतीय वायु सेना द्वारा 02 अप्रैल, 2022 को हैदराबाद के हाकिमपेट स्थित वायु सेना स्टेशन में 'चेतक- आत्म-निर्भरता, बहुविज्ञता और विश्वस्तता के 6 गौरवशाली शतक'विषय पर 'यशस्वत् षट् शतकम्'सम्मेलन का आयोजन किया गया। इस अवसर पर वायु सेना प्रमुख एयर चीफ मार्शल वीआर चौधरी,तीनों सेनाओं के हेलीकॉप्टर स्ट्रीम के वरिष्ठ सेवानिवृत्त और सेवारत अधिकारी और रक्षा मंत्रालय, भारतीय तटरक्षकऔर हिंदुस्तान एयरोनॉटिक्स लिमिटेड (एचएएल) के अधिकारी उपस्थित थे।

रक्षा मंत्री श्री राजनाथ सिंह ने सम्मेलन को उन लोगों के लिए एक उचित श्रद्धांजलि के रूप में बताया जिन्होंने कड़ी मेहनत और समर्पण के साथ राष्ट्र की सेवा की है। इस अमूल्य योगदान के लिए अपना सम्मान व्यक्त करते हुए उन्होंने कहा कि,"जब भी कोई देश सुरक्षा के लिए युद्ध लड़ता है,तो इसमें केवल सशस्त्र बल ही हिस्सा नहीं लेते हैं बल्कि पूरा देश उस युद्ध में शामिल होता है। एचएएल जैसे संगठनों के वैज्ञानिक, इंजीनियर और तकनीशियन, जो 'चेतक' और अन्य प्लेटफॉर्म जैसे हेलीकॉप्टर विकसित करते हैं,हमारे सैनिकों के समान ही महत्वपूर्ण भूमिका निभाते हैं। एमएसएमई से जुड़े लाखों कर्मचारी भी इन परियोजनाओं के लिए पुर्जों की आपूर्ति करके योगदान करते हैं। यह सम्मेलन उन सभी की कड़ी मेहनत और समर्पण का जश्न मनाता है।"

 

इतिहास में राजपूत राजा राणा प्रताप के 'चेतक' नाम के घोड़े की तुलना करते हुए श्री राजनाथ सिंह ने 'चेतक' हेलीकॉप्टर को न केवल एक मशीन, बल्कि एक जीवंत और समर्पित इकाई बताया, जो पिछले छह दशकों से लगातार राष्ट्र की सेवा में लगी हुई है और दूसरों के लिए एक मिसाल कायम की। उन्होंने कहा कि अब तक निर्मित लगभग 700 चेतकों ने पूरे समर्पण के साथ युद्ध और शांति के समय में राष्ट्र की सेवा की है। उन्होंने इसके कई तरह के उपयोग को संयुक्तता का एक ज्वलंत उदाहरण बताया है।

रक्षा मंत्री ने इस हेलीकॉप्टर की क्षमताओं के बारे में बताते हुए कहा कि,'चेतक'ने सटीकता के साथ दुश्मनों को निशाना बनाकर और सैनिकों को सफलतापूर्वक उतारकर युद्ध के मैदान में अपनी क्षमता साबित की है। इसने युद्ध के मैदान में आवश्यक सामान पहुंचाने में भी मदद की है। इसने आपात स्थिति में अपने फंसे लोगों को बचाकर निकाल ले जाने के प्रयासों के माध्यम से कई बहुमूल्य जीवन बचाए हैं। इसने जब भी आवश्यक हुआ महत्वपूर्ण जानकारी प्रदान की है, जिससे निर्णय लेने और युद्धों में जीत का मार्ग प्रशस्त करने में मदद मिली है। प्राकृतिक आपदाओं के दौरान मानवीय सहायता और आपदा राहत पहुंचाने में 'चेतक'हमेशा सबसे आगे रहा है। यह पहली बार है जब कोई हेलीकॉप्टर इस मुकाम पर पहुंचा है।”उन्होंनेइसतथ्यकीसराहनाकीकिअनुकूलन,संशोधन और उन्नयन के माध्यम से 'चेतक'अपने निर्माण के 60 वर्षों के बाद भी एक अग्रणी हेलीकॉप्टर बना हुआ है।

रक्षा मंत्री श्री राजनाथ सिंह ने 1971 के युद्ध के दौरान चेतक हेलीकॉप्टर के असाधारण योगदान को याद किया। उन्होंने बताया कि, "जमीन पर अपने सैनिकों को हवाई सहायता प्रदान करने से लेकर हेली-ब्रिजिंग ऑपरेशन और दुश्मन के ठिकानों को नष्ट करने तक, 'चेतक'पर सवार हमारे वायु योद्धाओं ने युद्ध के दौरान अनुकरणीय साहस और दक्षता दिखाई। चेतक हेलीकॉप्टर का इस्तेमाल 'मुक्ति वाहिनी' के पायलटों को प्रशिक्षित करने के लिए भी किया जाता था। चेतक की भूमिका को एकीकरण और संयुक्तता को बढ़ावा देने के एक शानदार उदाहरण के रूप में भी देखा जा सकता है। युद्ध में हमारी जीत को इतिहास की किताबों में सुनहरे अक्षरों में लिखा गया है। न हमें कोई सत्ता चाहिए थी,न जमीन,न संसाधन और न ही कोई आधिपत्य। हमने वह युद्ध मानवता और लोकतंत्र की रक्षा के लिए लड़ा था।"