जापान सरकार ने पौने दो करोड उपकरण दिये, आंखो के पर्दे के मंहगे ऑपरेशन गरीबों के नि:शुल्क किये जा सकेगें tap news india

विक्रम पांडे

नई दिल्ली :जापान की ग्रांट असिस्टेंस फॉर ग्रासरूट प्रोजेक्ट्स (जीसीपी) के तहत गांव के आंखो के इलाज से वंचित मरीजो पौने दो करोड उपकरण, आईसीएआरई आई हॉस्पिटल एंड पोस्ट ग्रेजुएट इंस्टीट्यूट फनिट ईश्वर चैरिटेबल ट्रस्ट को ग्रांट के रुप में प्रदान किया है नोएडा के सेक्टर 26 में आयोजित एक समारोह के जापान के आर्थिक और विकास मंत्री श्री शिंगो मियामोटो, ने आईकेयर हॉस्पिटल को सौपा. 

स्टेराड 1008 (प्लाज्मा स्टेरलाइजर) और एप्लानेशन ट्रोनोमीटर का निरीक्षण हुए शिंगो मियामोटो, जापान के मंत्री संतुष्ट नजर आये और कहा कि यह परियोजना हमारे लिए छोटी परियोजना है जापान इंडिया के विकास के लिए सहयोग कर रहा है इसके अलावा जापान इंडिया में बड़े स्तर पर प्रोजेक्ट जिनमें मुंबई अहमदाबाद हाई स्पीड रेल को फाइनेंस किया है. लेकिन यह प्रोजेक्ट छोटा जरुर लेकिन बहुत महत्वपूर्ण है क्योंकि इस प्रोजेक्ट बहुत से लोगों के जीवन को बेहतर बनाने में सीधे तौर पर मदद करता है यह साल भारत और जापान के संबंधों का 70वा वर्ष है मुझे बहुत खुशी है कि इसी साल ऐसा कर रहे है. 
बाइट : शिंगो मियामोटो (आर्थिक और विकास मंत्री, जापान) 

इस अवसर पर मीडिया से बातचीत करते हुए डॉ सौरभ बताया कि यह तीसरी बारी है जापान ने हमको मदद की है हम और बेहतर तरीके से काम करता है और गरीब मरीजों की सहायता कर सकें इससे पहले 2008 में हमें जापान की तरफ से ग्रांट मिला था,  2014 में दूसरा ग्रांट मिला था और अब 2021 में जाकर में तीसरा ग्रैंड मिला है इस ग्राउंड में हमें छप्पन लाख रुपए का एक स्टेराड 1008 (प्लाज्मा स्टेरलाइजर) और आठ लाख का एप्लानेशन ट्रोनोमीटर मिला है उपकरणों से हम ऐसी चीजें कर पा रहे हैं जो कि हम पहले नहीं कर पा रहे थे. 
बाइट : डॉ सौरभ 

आई केयर हॉस्पिटल पिछले 25 साल से गरीब मरीजों के लिए काम कर रहा हैं कोरोना के कारण हम पिछले 2 सालों में काफी सारी सर्जरी नहीं कर पाए लेकिन उतार के बनने के बाद से हम लगातार 16000 मरीजों की फ्री सर्जरी कर रहे हैं इसके अलावा आज 8:30 हजार हम पेड़ सर्जरी कर रहे हैं हमें पिछली बार जापान में से ग्रांट मिला था ताकि हम आंखो के पर्दे का ऑपरेशन नि:शुल्क गरीबों के लिए कर सकें. आंखो के पर्दे का ऑपरेशन काफी महंगे किस्म के होते हैं जो चैरिटी के तौर पर नहीं किए जा सकते पिछली बार जो ग्रांट मिला था उससे हम आंखो के पर्दे के ऑपरेशन कर पा रहे हैं.  जापान एंबेसी की सहायता से ऐसे लोगों का भी ऑपरेशन कर पा रहे हैं जिनका ऑपरेशन किया जाना संभव नहीं था.
बाइट : डॉ सौरभ 

इस अवसर पर अन्य विशिष्ट अतिथि भारत में जापान के दूतावास के प्रथम सचिव श्री स्युही निशी और सुश्री बबीता, परियोजना समन्वयक- जीजीपी, डॉ सुशील चौधरी, प्रबंध टुस्टी, ईश्वर चैरिटेबल ट्रस्ट और आईकेयर हॉस्पिटल, नोएडा के अन्य प्रतिनिधि थे।