केंद्रीय मंत्री डॉ. जितेंद्र सिंह ने नई दिल्ली में फिनलैंड के आर्थिक मामलों के मंत्री श्री मीका लिंटिला के साथ प्रतिनिधिमंडल स्तर की वार्ता की TNI

रामजी पांडे

नई दिल्ली भारत के दौरे पर फिनलैंड के आर्थिक मामलों के मंत्री मीका लिंटिला ने आज केंद्रीय राज्य मंत्री (स्वतंत्र प्रभार) विज्ञान एवं प्रौद्योगिकी, राज्य मंत्री (स्वतंत्र प्रभार) पृथ्वी विज्ञान, एमओएस, पीएमओ, कार्मिक, लोक शिकायत, पेंशन, परमाणु ऊर्जा और अंतरिक्ष मंत्री, डॉ. जितेंद्र सिंह से मुलाकात की। दोनों मंत्रियों ने क्वांटम कंप्यूटिंग पर एक इंडो-फिनिश वर्चुअल नेटवर्क सेंटर स्थापित करने के निर्णय की घोषणा की।

बाद में, डॉ. जितेंद्र सिंह और उनके फिनलैंड के समकक्ष मीका लिंटिला की उपस्थिति में, इस आशय के एक समझौता ज्ञापन पर सचिव विज्ञान और प्रौद्योगिकी, भारत सरकार और सचिव विज्ञान, फिनलैंड सरकार द्वारा हस्ताक्षर किए गए। अपने-अपने देशों की ओर से दोनों मंत्रियों के नेतृत्व में प्रतिनिधिमंडल स्तर की वार्ता के समापन के बाद मीडिया को औपचारिक ब्रीफिंग की गई।

डॉ. जितेंद्र सिंह ने कहा, दोनों देशों के बीच द्विपक्षीय एसटीआई सहयोग अभिनव अनुसंधान एवं विकास परियोजनाओं को प्रोत्साहित करने का एक प्रयास है जो एक विशिष्ट आवश्यकता या चुनौती को संबोधित करता है। साथ ही यह उच्च औद्योगिक प्रासंगिकता और वाणिज्यिक क्षमता प्रदर्शित करता है और दोनों देशों को लाभ पहुंचाने का लक्ष्य रखता है।

डॉ. जितेंद्र सिंह ने कहा कि भारत ने क्वांटम कंप्यूटिंग पर वर्चुअल नेटवर्क सेंटर के लिए तीन प्रमुख संस्थानों जैसे आईआईटी मद्रास, आईआईएसईआर पुणे और सी-डैक पुणे की पहचान की है। उन्होंने कहा, यह कदम नवंबर 2020 में हुई संयुक्त समिति की पिछली बैठक में लिए गए निर्णय के मद्देनजर उठाया गया है जिसके तहत 5जी जैसे नए उभरते क्षेत्रों में सहयोग शुरू करना, दोनों देशों के अकादमिक, उद्योग और स्टार्ट-अप को शामिल करके क्वांटम कंप्यूटिंग और स्थिरता लाना है।

 डॉ. जितेंद्र सिंह ने कहा कि विज्ञान और प्रौद्योगिकी विभाग ने इलेक्ट्रिक वाहन, साइबर फिजिकल सिस्टम, क्वांटम टेक्नोलॉजीज, फ्यूचर मैन्युफैक्चरिंग, ग्रीन हाइड्रोजन फ्यूल आदि जैसे कई नए मिशन मोड कार्यक्रम शुरू किए हैं और सामाजिक चुनौतियों के मुद्दों को हल करने में फिनलैंड के साथ संयुक्त सहयोग की मांग की है। मंत्री ने कहा कि दोनों देशों के बीच द्विपक्षीय एसटीआई सहयोग अभिनव अनुसंधान एवं विकास परियोजनाओं को प्रोत्साहित करने का एक प्रयास है जो एक विशिष्ट आवश्यकता या चुनौती को संबोधित करता है। साथ ही उच्च औद्योगिक प्रासंगिकता और वाणिज्यिक क्षमता प्रदर्शित करता है और दोनों देशों को लाभ पहुंचाने का लक्ष्य रखता है।

पिछले मार्च में प्रधान मंत्री श्री नरेन्द्र मोदी और फिनलैंड गणराज्य की प्रधान मंत्री सुश्री सना मारिन के बीच वर्चुअल शिखर सम्मेलन का उल्लेख करते हुए, डॉ. जितेंद्र सिंह ने बताया कि स्वच्छ और हरित प्रौद्योगिकियों में फिनलैंड की अग्रणी भूमिका भारत के सतत विकास की दिशा में अभियान में मदद कर सकती है। मंत्री ने याद किया कि विज्ञान, प्रौद्योगिकी और नवाचार में भारत और फिनलैंड के बीच मजबूत संबंध हैं।