मनसुख मंडाविया से मिले अनुराग ठाकुर, बल्क ड्रग पार्क हिमाचल में लाने व पीजीआई के जल्द शुरुआत का किया अनुरोध


नई दिल्ली केंद्रीय सूचना प्रसारण एवं युवा कार्यक्रम व खेल मंत्री श्री अनुराग सिंह ठाकुर ने केंद्रीय रसायन और उर्वरक व स्वास्थ्य मंत्री श्री मनसुख मंडाविया जी से भेंट करके देश में बनने वाले तीन बल्क ड्रग पार्क में एक की हिमाचल में स्थापना को मंज़ूरी देने व ऊना में पीजीआई सैटेलाइट सेंटर के जल्द निर्माण कार्य पूरा  करने का आग्रह किया।

श्री अनुराग ठाकुर ने कहा “ हिमाचल प्रदेश में   अच्छी स्वास्थ्य सेवा के साथ रोज़गार के अवसर बढ़ सकें इस दिशा में  मैं सदैव प्रयासरत हूँ। केमिकल एंड फर्टिलाइजर मिनिस्ट्री ने पूरे देश में तीन बल्क ड्रग पार्क देने का निर्णय लिया था, और 3000 करोड़ का प्रावधान पिछले बजट में किया था। हिमाचल क्योंकि फ़ार्मा हब है इसलिए इन तीन में से एक बल्क ड्रग पार्क हिमाचल में भी आ सके इसके लिए सामूहिक प्रयास किए जा रहे हैं। आज केंद्रीय रसायन और उर्वरक व स्वास्थ्य मंत्री श्री मनसुख मंडाविया जी से भेंट करके उनसे मैंने एक बल्क ड्रग पार्क को हिमाचल में लगाने की मंज़ूरी देने का अनुरोध किया। मेरे अनुरोध को उन्होंने सकारात्मक रूप से  लिया। इस बल्क ड्रग पार्क के बनने से ना सिर्फ़ पूरे हिमाचल में फ़ार्मा उद्योग को और बढ़ावा मिलेगा बल्कि इस मंजूरी मिलने पर करीब 10 हजार लोगों को रोजगार का अवसर भी मिलेगा। बल्क ड्रग पार्क बनने से यहाँ एक बड़ा इंफ़्रास्ट्रक्चर बनकर तैयार होगा जिसका लाभ पूरे प्रदेश को मिलेगा”

आगे बोलते हुए श्री अनुराग ठाकुर ने कहा “ इसके अतिरिक्त मैंने  माननीय स्वास्थ्य मंत्री से ऊना में बन रहे पीजीआई सैटेलाइट सेंटर  के जल्द  निर्माण कार्य पूरा का आग्रह किया।मैंने अपने निजी प्रयासों से ऊना के मलाहत में में लगभग 500 करोड़ रुपए की लागत से पीजीआई के सैटेलाइट सेंटर की मंज़ूरी कराई थी जिसका शिलान्यास 2019 में हो चुका है। ऊना में बन रहे इस पीजीआई का लाभ जल्द से जल्द प्रदेशवासियों को मिल सके इस विषय में स्वास्थ्य मंत्री जी से विस्तार में बात हुई जिस पर प्रतिक्रिया देते हुए उन्होंने इसके काम में तेज़ी लाने व यथाशीघ्र निर्माण का भरोसा दिया है। ऊना के इस पीजीआई सेटेलाइट सेंटर का लाभ पंजाब और हिमाचल दोनों को हो पाएगा। 500 करोड़ से बनने वाले सेंटर में 125 से अधिक चिकित्सक एक हजार के करीब कर्मचारी तैनात होंगे। इससे प्रत्यक्ष और अप्रत्यक्ष रोजगार के साधन भी उपलब्ध हो पाएंगे”