जेपी का नाम लेकर राजनीति में आये लोग अब पाला बदलकर जेपी के सिद्धांतों को दरकिनार कर चुके हैं, और आज सत्ता सुख के लिए विपक्ष की सरकार में बैठ गए हैं


 नई दिल्ली।-केंद्रीय गृह एवं सहकारिता मंत्री श्री अमित शाह ने लोकनायक जयप्रकाश नारायण की जयंती के अवसर पर आज बिहार में उनकी जन्मभूमि सिताब दियारा में उनकी प्रतिमा का अनावरण किया और एक जनसभा को संबोधित किया। इस अवसर पर उत्तर प्रदेश के मुख्यमंत्री श्री योगी आदित्यनाथ, केन्द्रीय मंत्री श्री अश्विन चौबे और नित्यानंद राय समेत अनेक गणमान्य व्यक्ति भी उपस्थित थे।

अपने संबोधन में श्री अमित शाह ने कहा कि प्रधानमंत्री श्री नरेंद्र मोदी जी ने कैबिनेट में प्रस्ताव लाकर जयप्रकाश नारायण जी की आदमकद प्रतिमा को लगाने का प्रण था और आज जयप्रकाश जी की 121वीं जन्म जयंती पर वह प्रण पूरा हो गया है। श्री शाह ने कहा कि जयप्रकाश नारायण जी का जीवन अनेक विशेषताओं से भरा हुआ था, जयप्रकाश जी ने आजादी के लिए न केवल क्रांति के रास्ते से लड़ाई लड़ी बल्कि उन्होंने गांधीजी के बताए मार्ग को भी अपनाया। आजादी के बाद जब सत्ता लेने का समय आया तो जयप्रकाश जी एक सन्यासी की भाँति विनोबा भावे के साथ सर्वोदय की आंदोलन से जुड़ गए। जयप्रकाश नारायण ने अपना पूरा जीवन देशभर के भूमिहीनों, गरीबों, दलितों और पिछड़ों को समर्पित कर दिया। गृह मंत्री ने कहा कि जयप्रकाश जी ने समाजवाद, सर्वोदय की विचारधारा और जातिविहीन समाज की रचना की कल्पना को साकार करने के लिए अनेक नए-नए प्रकल्प दिए। मगर देश के लिए उनका सबसे बड़ा योगदान 1970 के दशक में भ्रष्टाचार और सत्ता में चूर शासनाधिकारियों द्वारा लगाए गए आपातकाल के खिलाफ किया गया आंदोलन रहा।