1857 से 1947 तक अनेक सेनानियों ने आजादी के आंदोलन की तपस्या की थी


नई दिल्ली :केन्द्रीय गृह एवं सहकारिता मंत्री श्री अमित शाह ने आज अंडमान निकोबार द्वीप समूह में गृह मंत्रालय द्वारा नेताजी सुभाष चंद्र बोस जी की 126वीं जयंती के उपलक्ष्य में मनाए जा रहे Iconic Events Week के समापन समारोह को संबोधित किया। इस अवसर पर अंडमान-निकोबार द्वीप समूह के उपराज्यपाल श्री डी के जोशी और केन्द्रीय गृह सचिव सहित अनेक गणमान्य व्यक्ति उपस्थित थे।

अपने संबोधन में केन्द्रीय गृह मंत्री ने कहा कि आज़ादी के अमृत महोत्सव के तहत इस वर्ष में देश में अनेक जाने-अनजाने स्वतंत्रतासेनानियों के जीवन को भारत की नई पीढ़ी के सामने रखने के लिए प्रधानमंत्री श्री नरेन्द्र मोदी जी ने हर मंत्रालय को ज़िम्मेदारी दी है। उन्होंने कहा कि ये गृह मंत्रालय का सौभाग्य है कि आज़ादी के आंदोलन के ध्रुव तारे जैसे, सबके प्रिय नेताजी के जन्म से लेकर आज तक की सारी यादों को संजोने का काम गृह मंत्रालय को दिया गया है।उन्होंने कहा कि इसके साथ-साथ आज का दिन और महत्वपूर्ण इसलिए है क्योंकि आज के दिन ही अंडमान निकोबार द्वीप समूहों के नाम में एक और यश कलगी को जोड़ने का काम भारत के प्रधानमंत्री जी ने किया है। श्री शाह ने कहा कि सुभाष द्वीप को सुभाष बाबू मेमोरियल के रूप में बदलकर बहुत बड़ा टूरिस्ट डेस्टिनेशन बनाने की शुरुआत देश के प्रधानमंत्री श्री नरेन्द्र मोदी जी ने की है।इसके साथ-साथ जिन्होंने देश की आजादी की सुरक्षा के लिए 1947 से लेकर आज तक अपनी जान न्योछावर की, अपने शरीर के खून का कतरा कतरा मातृभूमि के लिए बहाकर उसकी रक्षा करने का काम किया, कुछ जीवित रहे और कुछ शहीद हुए, ऐसे 21 परमवीर चक्र विजेताओं के नाम पर अंडमान निकोबार द्वीप समूहों के 21 बड़े द्वीपों का नामकरण हुआ है।