2014 से पहले ओडिशा में मेडिकल कॉलेजों की संख्या केवल 3 थी, अब यह बढ़कर 10 हो गई है: श्री प्रधान


 नई दिल्ली केंद्रीय स्वास्थ्य और परिवार कल्याण मंत्री डॉ. मनसुख मांडविया ने आज भुवनेश्वर में आईसीएमआर- क्षेत्रीय आयुर्विज्ञान अनुसंधान केंद्र (आरएमआरसी) के उपभवन का उद्घाटन किया। इसके अलावा उन्होंने आईसीएमआर स्कूल ऑफ पब्लिक हेल्थ और बीएसएल III प्रयोगशाला का शिलान्यास भी किया। इस दौरान केंद्रीय शिक्षा व कौशल विकास और उद्यमशीलता मंत्री श्री धर्मेंद्र प्रधान, केंद्रीय स्वास्थ्य और परिवार कल्याण राज्य मंत्री डॉ. भारती प्रवीण पवार और सांसद श्रीमती अपराजिता सारंगी भी उपस्थिति थीं।

इस अवसर पर डॉ. मांडविया ने कहा, "अनुसंधान के मामले में भारत के पास एक प्रमुख वैश्विक राष्ट्र बनने की क्षमता है। यह हाल ही में कोविड-19 महामारी के दौरान साबित हुआ है।” उन्होंने आईसीएमआर के वैज्ञानिकों की प्रशंसा की। स्वास्थ्य मंत्री ने कहा, "विश्व में पहले कोविड-19 टीके के आने के एक महीने के भीतर भारत ने अपना स्वदेशी कोविड-19 टीका तैयार किया था।"

इसके अलावा केंद्रीय स्वास्थ्य मंत्री ने चिकित्सा अनुसंधान की सीमा व परिणाम को बढ़ाने के लिए सरकारी और निजी अनुसंधान केंद्रों के बीच संयुक्त सहभागिता की जरूरत को भी रेखांकित किया।

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