सुश्री क्रिस्टीना स्कॉट ने कहा, "भू-खतरों से निपटने का सामर्थ्‍य बनाना एक प्रमुख चुनौती प्रस्‍तुत करता है, जिसके लिए शोधकर्ताओं, नीति निर्माताओं, सरकारों, निजी क्षेत्रों तथा सिविल सोसाइटी द्वारा सहयोगपूर्ण अंतर्राष्ट्रीय कार्रवाई आवश्यक होती है"


नई दिल्ली केंद्रीय विज्ञान और प्रौद्योगिकी; राज्य मंत्री (स्वतंत्र प्रभार), पृथ्वी विज्ञान राज्य मंत्री (स्वतंत्र प्रभार), प्रधानमंत्री कार्यालय में राज्‍य मंत्री, कार्मिक, लोक शिकायत, पेंशन, परमाणु ऊर्जा और अंतरिक्ष राज्‍य मंत्री डॉ. जितेंद्र सिंह ने पृथ्‍वी खतरों पर दो दिवसीय भारत-ब्रिटेन कार्यशाला का उद्घाटन करते हुए कहा कि प्राकृतिक आपदाओं के मानवीय प्रभावों को कम करने के लिए शमन रणनीतियां बनाने की आवश्‍यकता है।

डॉ. जितेंद्र सिंह ने यह टिप्पणी दिल्ली में संयुक्त भारत-ब्रिटेन अकादमिक कार्यशाला में की, जहां ब्रिटेन के प्रतिनिधिमंडल का नेतृत्व भारत में ब्रिटिश उप उच्चायुक्त सुश्री क्रिस्टीना स्कॉट ने किया।

 

कार्यशाला में सुश्री स्कॉट के साथ यूके रिचर्स इनोवेशन (यूकेआरआई) रेसिलिएंट इन्वॉयरमेंट, नैचुरल इन्वॉयरमेंट रिसर्च काउन्सि (एनईआरसी) की प्रमुख सुश्री वेंडी मैचम और यूके रिसर्च एंड इनोवेशन इंडिया की कार्यवाहक निदेशक सुश्री सुकन्या कुमार शामिल हुईं। भारत की ओर से पृथ्वी विज्ञान मंत्रालय के सचिव डॉ. एम. रविचंद्रन,  पृथ्‍वी विज्ञान मंत्रालय के नेशनल सेंटर फॉर सिस्‍मोलॉजी के निदेशक डॉ. ओ.पी मिश्रा और और सुश्री सुकन्या कुमार शामिल हुईं।

डॉ. जितेंद्र सिंह ने कहा कि यह एक संयोग है कि "पृथ्वी खतरों" पर संयुक्त भूविज्ञान कार्यशाला ऐसे समय में हो रही है जब भारत उत्तराखंड में जोशीमठ की घटना से निपट रहा है। जोशीमठ में पृथ्वी विज्ञान मंत्रालय अन्य एजेंसियों के साथ मिलकर समस्‍या के समाधान में जुटा है।

डॉ. जितेंद्र सिंह ने कहा कि प्रधानमंत्री श्री नरेन्‍द्र मोदी से संकेत लेते हुए पृथ्वी विज्ञान मंत्रालय ने सक्रिय रुख अपनाया है और पिछले दो वर्षों में 37 नए भूकंप विज्ञान केंद्रों (वेधशालाओं) की स्‍थापना की है। अब भारत में व्यापक अवलोकन सुविधाओं के लिए 152 ऐसे केंद्र हैं। उन्‍होंने बताया कि अगले 5 वर्षों में रियल टाइम डेटा निगरानी और डेटा संग्रह में सुधार के लिए देश भर में 100 और ऐसे भूकंप विज्ञान केंद्र स्‍थापित किए जाएंगे। उन्‍होंने कहा कि भारत भूकंप संबंधी प्रगति और समझ में महत्वपूर्ण भूमिका निभाने के निकट पहुंच रहा है।