सहकारिता मंत्रालय ने आईटी मंत्रालय के समर्थन से पैक्स को कम्युनिटी सेंटर के रुप में भी मान्यता दी है, अब पैक्स के माध्यम से भारत सरकार और राज्य सरकार की 300 सेवाएं उपलब्ध होंगी


 नई दिल्ली केन्द्रीय गृह एवं सहकारिता मंत्री श्री अमित शाह ने आज झारखण्ड के देवघर में विश्व के पहले इफको(IFFCO) नैनो यूरिया प्लांट के पांचवे सयंत्र का भूमिपूजन और शिलान्यास किया। श्री अमित शाह ने बाबा बैद्यनाथ मंदिर में पूजा-अर्चना कर देश की उन्नति व खुशहाली के लिए प्रार्थना की। इफको के नैनो यूरिया प्लांट शिलान्यास के अवसर पर गोड्डा से सांसद श्री निशिकांत दुबे, इफको के चेयरमैन श्री दिलीप संघानी सहित अनेक गणमान्य व्यक्ति भी उपस्थित थे।

श्री अमित शाह ने अपने संबोधन में कहा कि आज यहां इफको के नैनो यूरिया प्लांट के उत्पादन संयंत्र की आधारशिला रखी गई है। हमारे देश की भूमि की सरंक्षण के लिए तरल यूरिया बहुत जरूरी है। उन्होंने कहा कि प्रधानमंत्री श्री नरेंद्र मोदी जी ने भूमि संरक्षण को प्रमुख मुद्दा बना भूमि संरक्षण के सभी कार्यों को प्राथमिकता दी, चाहे वह प्राकृतिक खेती हो,ऑर्गेनिक खेती हो या नैनो यूरिया के अनुसंधान से लेकर उत्पादन तक की प्रक्रिया को गति देने की बात हो। श्री शाह ने कहा कि नैनो यूरिया की देवघर इकाई बनने से यहां प्रतिवर्ष लगभग 6 करोड़ तरल यूरिया की बोतलों का निर्माण किया जाएगा जिससे इसके आयात पर हमारी निर्भरता कम होगी और भारत इस क्षेत्र में आत्मनिर्भर बनेगा।

केंद्रीय गृह एवं सहकारिता मंत्री ने कहा कि 500 ग्राम की यह एक छोटी सी बोतल यूरिया के एक पूरे बैग का विकल्प बनेगी। देश में कई जगहों पर किसान यूरिया के साथ-साथ तरल यूरिया का छिड़काव भी करते हैं जिससे न केवल फसल को बल्कि भूमि को भी नुकसान होता है। उन्होंने कहा कि किसानों द्वारा तरल यूरिया का छिड़काव करने पर उत्पादन में संभवत: ही वृद्धि होगी। श्री शाह ने कहा कि धरती मां के सरंक्षण के लिए ही नैनो तरल यूरिया का अनुसंधान किया गया है। केमिकल फर्टिलाइजर भूमि में उपस्थित कुदरती खाद बनाने वाले केंचुओं को मार देता है वहीं तरल यूरिया का छिड़काव करने पर भूमि किसी भी प्रकार से विषाक्त नहीं होगी।

श्री अमित शाह ने कहा कि यदि जल्द ही कृषि में से रसायन और यूरिया खाद के उपयोग को समाप्त नहीं किया गया तो दुनिया के कई देशों की भांति यहां भी भूमि की उत्पादकता पर नकारात्मक असर पड़ेगा। उन्होंने कहा कि किसानों की सहकारिता से बने इफको ने विश्व में सर्वप्रथम तरल नैनो यूरिया बनाया और अब डीएपी (डी-अमोनियम फॉस्फेट) की ओर आगे बढ़ रहा है। यह भारत और पूरे सहकारिता क्षेत्र के लिए गौरव की बात है। श्री शाह ने कहा कि प्रधानमंत्री मोदी जी ने सहकारिता को बढ़ावा देने के लिए बजट में कई योजनाओं की घोषणा की। इसके तहत उत्पादन के क्षेत्र में नई सहकारिता इकाईयों के लिए इनकम टैक्स की दर 26% से घटाकर 15% कर दी गयी है।