323 मिलियन टन कृषि उपज के रिकॉर्ड उत्पादन का अग्रिम अनुमान उत्साहजनक


 नई दिल्ली केंद्रीय कृषि एवं किसान कल्याण मंत्री श्री नरेंद्र सिंह तोमर ने आज नई दिल्ली में जायद (ग्रीष्मकालीन) अभियान-2023 के लिए कृषि पर राष्ट्रीय सम्मेलन की अध्यक्षता की। इस अवसर पर श्री तोमर ने कहा कि भारत खाद्यान्न उत्पादन के मामले में बहुत अच्छी स्थिति में है और यह प्रधानमंत्री श्री नरेन्द्र मोदी के नेतृत्व में सरकार की किसान हितैषी नीतियों, किसानों की अथक मेहनत के कारण हासिल हुआ है। किसानों और कृषि वैज्ञानिकों द्वारा उपन्यास अनुसंधान। लेकिन भारत आज जिस मुकाम पर है, वहां हम अपनी शान पर बैठे नहीं रह सकते, उत्पादन को बढ़ाया जाए और मिनट प्लानिंग के आधार पर ऐसे सार्थक परिणाम सामने आएं कि कृषि क्षेत्र में हमारी घरेलू जरूरतों की निरंतर आपूर्ति के अलावा , हम विश्व आपूर्ति मांगों को सफलतापूर्वक पूरा कर सकते हैं।

केन्द्रीय मंत्री श्री तोमर ने कहा कि रिकॉर्ड तोड़ कृषि उत्पादन (323 मिलियन टन) के अग्रिम अनुमान उत्साहजनक हैं। जबकि कृषि महत्वपूर्ण है, यह अधिक सावधानी और जिम्मेदारी का क्षेत्र भी है। एक समय था जब प्रगति कम मानी जाती थी और देश खाद्यान्न के लिए दूसरों पर निर्भर था लेकिन प्रधानमंत्री श्री मोदी के कुशल नेतृत्व में निरंतर प्रगति के कारण आज अधिकांश देश पहले की तुलना में भारत पर निर्भर हैं। हमें कृषि उत्पादों के रूप में अपनी जरूरतों को पूरा करना है, साथ ही जरूरत पड़ने पर दुनिया की मांगों को भी पूरा करना है। इस संबंध में हमें उत्पादन और उत्पादकता बढ़ाने के साथ-साथ गुणवत्ता में भी सुधार करना होगा ताकि हम वैश्विक मानकों को पूरा कर सकें। श्री तोमर ने कहा कि प्रधानमंत्री श्री मोदी के मार्गदर्शन में कृषि क्षेत्र के विकास के लिए कई ठोस कदम उठाए गए हैं, जिसमें राज्य भी सहयोग कर रहे हैं। प्रधानमंत्री के संकल्प के अनुसार दो चरणों में 22 करोड़ मृदा स्वास्थ्य कार्ड वितरित किए जा चुके हैं, जिसका मुख्य उद्देश्य हमारी धरती की उर्वरता को बनाए रखना है। कार्ड वितरण के साथ-साथ प्रत्येक स्तर पर मृदा परीक्षण प्रयोगशालाओं की संख्या बढ़ाई गई है। इस संबंध में सकारात्मक परिणाम की जिम्मेदारी राज्य सरकारों की है। इसमें सभी किसानों को भी भाग लेना चाहिए। कार्ड वितरण के साथ-साथ प्रत्येक स्तर पर मृदा परीक्षण प्रयोगशालाओं की संख्या बढ़ाई गई है। इस संबंध में सकारात्मक परिणाम की जिम्मेदारी राज्य सरकारों की है। इसमें सभी किसानों को भी भाग लेना चाहिए। कार्ड वितरण के साथ-साथ प्रत्येक स्तर पर मृदा परीक्षण प्रयोगशालाओं की संख्या बढ़ाई गई है। इस संबंध में सकारात्मक परिणाम की जिम्मेदारी राज्य सरकारों की है। इसमें सभी किसानों को भी भाग लेना चाहिए।