गुवाहाटी में बिहू कार्यक्रम में प्रधानमंत्री के संबोधन का मूल पाठ

नई दिल्ली मोय ओमबाखिक, रोंगाली बीहूर, होभेच्छा जोनाइसू, एई होभा मोहोर्टत, आपोना-लुकोलोई, ऑनटोरिक ओभिनन्दन, आंकलन कोरीसू।

साथियों,

आज का ये दृश्य, टीवी पर देखने वाला हो, यहां कार्यक्रम में मौजूद हो जीवन में कभी भी भूल नहीं सकता। ये अपराध है, अद्भुत है, अपरिचित है, ये असमंजस है। आकाश में गूंजती ढोल पेपा अरू गोगोना की आवाज आज पूरा हिंदुस्तान सुन रहा है। असम के हजारों कलाकारों की ये मेहनत, ये मेहनत, ये असमंजस, आज देश और दुनिया बड़े गर्व के साथ देख रहे हैं। एक तो अवसर इतना बड़ा है, उत्सव इतना बड़ा है, दूसरा आपका जोश और आपका जज्बा ये लाजवाब है। मुझे याद है, जब मैं विधानसभा चुनाव के दौरान यहां आया था, तो कहा था कि वो दिन दूर नहीं जब लोग ए से असम बोंलेगे। आज प्रत्यक्ष असम, अ-वन प्रदेश बन रहा है। मैं असम के लोगों को, देश के लोगों को बीहू की बहुत-बहुत शुभकामनाएं देता हूं।

साथियों,

अभी पंजाब समेत उत्तर भारत के कई इलाकों में बैसाखी की भी रौनक है। बांग्ला बहन-भाई पोइला बोइशाख मना रहे हैं, तो केरल में विषु पर्व मनाया जाएगा। ये कई राज्यों में नए साल की शुरुआत का समय है। जो उत्सव हम मना रहे हैं, वो एक भारत-श्रेष्ठ भारत की भावना का प्रतिबिंब हैं। ये उत्सव, सबके प्रयास से विकसित भारत के हमारे संकल्पों को पूरा करने की प्रेरणा हैं।

साथियों,

आज इसी भावना से असम के, उत्तर पूर्व के विकास से कई नए जुड़े हुए हैं यहां शिलान्यास और लोकार्पण किया गया है। आज असोम को, नॉर्थ ईस्ट को, एम्स गोवाहटी का और तीन नए मेडिकल कॉलेज का तोहफा मिला है। आज नॉर्थ ईस्ट की रेल से जुड़े कनेक्शन, इससे जुड़ी कई परियोजनाओं की भी शुरुआत हुई है। आज ब्रह्मपुत्र पर सूचना बढ़ाने के लिए एक और ब्रिज पर काम जुड़ा है। मीथेनॉल प्लांट बनने से आस-पास के देशों को भी मीथेनॉल एक्सपोर्ट कर लिमिट। असमिया कला-संस्कृति, परंपरा के प्रतीक रंगघर के पुनर्विकास और सुंदरीकरण का कार्य भी आज शुरू हुआ है। संस्कृति और तेज विकास का जो ये उत्सव हम सभी मना रहे हैं, उसके लिए भी आप सभी को बहुत-बहुत बधाई।