डीपीआईआईटी सचिव ने निवेश आकर्षित करने और समग्र जीडीपी में विनिर्माण सेक्टर की हिस्सेदारी बढ़ाने के लिए औद्योगिक पार्कों के महत्व पर बल दिया

 नई दिल्ली में औद्योगिक पार्क रेटिंग प्रणाली (आईपीआरएस) पर राष्ट्रीय कार्यशाला का सफलतापूर्वक आयोजन किया। डीपीआईआईटी के सचिव श्री राजेश कुमार सिंह ने निवेश आकर्षित करने और समग्र जीडीपी में विनिर्माण सेक्टर की हिस्सेदारी बढ़ाने के लिए औद्योगिक पार्कों के महत्व पर बल दिया।

श्री सिंह ने भाग लेने वाले राज्यों एवं केंद्र शासित प्रदेशों, संचालन समिति और सहयोगी टीमों को आईपीआरएस प्रक्रिया और कार्यशाला को अत्यधिक सफल बनाने में उनके समर्पण और किए गए अथक प्रयासों के लिए आभार व्यक्त किया। 

यह कार्यशाला भारत की औद्योगिक प्रतिस्पर्धात्मकता को आगे बढ़ाने के लिए लक्षित एक उल्लेखनीय कार्यक्रम था जिसने भारत में एक मजबूत औद्योगिक बुनियादी ढांचे के सृजन में ज्ञान साझाकरण और क्षमता निर्माण को बढ़ावा देने के लिए डीपीआईआईटी और राज्यों एवं केंद्र शासित प्रदेशों, उद्योग के विशेषज्ञों और हितधारकों को एकजुट किया।

औद्योगिक पार्क रेटिंग प्रणाली (आईपीआरएस) डीपीआईआईटी की एक प्रमुख पहल है।  5 अक्तूबर, 2021 को लांच की गई आईपीआरएस 2.0  औद्योगिक पार्कों की  चार स्तंभों रेटिंग पर करती है : आंतरिक बुनियादी ढांचा और उपयोगिताएं, बाहरी अवसंरचना और सुविधाएं, व्यवसाय सहायता सेवाएं एवं पर्यावरणगत तथा सुरक्षा प्रबंधन। इस रेटिंग प्रणाली को वाणिज्य विभाग (डीओसी) द्वारा नामित 50 अतिरिक्त आर्थिक जोन (एसईजेड) के साथ-साथ 31 प्रतिभागी राज्यों एवं केंद्र शासित प्रदेशों से नामांकन प्राप्त हुए हैं।

कार्यशाला के दौरान प्रतिभागियों को नवंबर 2022 से मार्च 2023 तक राज्यों एवं केंद्र शासित प्रदेशों के सहयोग से संचालित एकल कार्यशालाओं के दौरान देखी गई सर्वश्रेष्ठ प्रथाओं का आदान-प्रदान करने का अवसर प्राप्त हुआ। इनमें टिकाऊ जल आपूर्ति प्रणालियां, स्थानीय स्व-सरकार मॉडल, उद्योग केंद्रित प्लग एवं प्ले सुविधाएं और व्यवसाय करने की सुगमता को सरल बनाने तथा नागरिकों के जीवन स्तर को बेहतर बनाने जैसी पहलें शामिल हैं।

इसके अतिरिक्त, उद्योग, सरकार, थिंक टैंक और बहुपक्षीय संगठनों के विशेषज्ञों के एक विविध समूह को एक साथ लाते हुए एक आकर्षक पैनल चर्चा का भी आयोजन किया गया। पैनल चर्चा का विषय ‘‘नवोन्मेषी वित्तीय समाधानों के साथ स्मार्ट, अनुकूल और इको - औद्योगिक पार्कों का निर्माण” से संबंधित था।

आईपीआरएस पर राष्ट्रीय कार्यशाला ने उद्योग के विशेषज्ञों, सरकार के प्रतिनिधियों और हितधारकों के लिए अपने बहुमूल्य अंतर्दृष्टि तथा विचारों को साझा करने के लिए एक मंच का कार्य किया। चर्चा का ध्यान पार्क प्रबंधन और शासन निष्पादन बढ़ाने, पर्यावरणगत निष्पादन में सुधार लाने, दक्षता को बढ़ाने, संवहनीयता को बढ़ावा देने और औद्योगिक पार्क प्रतिस्पर्धात्मकता में वृद्धि करने पर केंद्रित था।

यह सहयोगात्मक दृष्टिकोण व्यवसायों के लिए एक अनुकूल वातावरण का निर्माण करने, निवेश को आर्षित करने और आर्थिक विकास में तेजी लाने के भारत के औद्योगिक विकास की प्रगति को प्रेरित करना जारी रखेगा। डीपीआईआईटी एक सशक्त और समावेशी अर्थव्यवस्था के विजन को साकार करने के लिए प्रतिबद्ध है जैसीकि प्रधानमंत्री श्री नरेन्द्र मोदी ने परिकल्पना की है। आकर्षित

डीपीआईआईटी ने व्यवसाय इकोसिस्टम को रूपांतरित करने और निवेश को आकर्षित करने के लिए विभिन्न पहलों को कार्यान्वित किया है। इसके उल्लेखनीय प्रयासों में वैश्विक आपूर्ति श्रृंखला में भारत की उपस्थिति को सुदृढ़ करने के लिए सचिवों के अधिकार संपन्न समूह (ईजीओएस) की स्थापना, निवेशों में तेजी लाने के लिए परियोजना विकास प्रकोष्ठों (पीडीसी), विवेकपूर्ण सुगमीकरण के लिए राष्ट्रीय सिंगल विंडो सिस्टम (एनएसडब्ल्यूएस) के साथ निवेश मंजूरी प्रकोष्ठ (आईसीसी), एक जिला एक उत्पाद (ओडीओपी) स्कीम एवं उत्पादन से जुड़ी प्रोत्साहन (पीएलआई) स्कीम का निर्माण शामिल है।