डीयू के कॉलेजों व विभागों में होने वाली स्थायी नियुक्ति के लिए कोई लिखित परीक्षा नहीं होगी --प्रो. भागी


            दिल्ली विश्वविद्यालय में प्रोफेसर अजय भागी व  एनडीटीएफ की बढ़ती लोकप्रियता के त्रस्त डूटा चुनाव के समय कुछ शिक्षक संगठनों द्वारा यह भृम फैलाया गया कि भविष्य में होने वाली कॉलेज व विभागों में असिस्टेंट प्रोफेसर की स्थायी नियुक्ति की प्रक्रिया विश्वविद्यालय प्रशासन लिखित परीक्षा के माध्यम से कराएगा । दिल्ली विश्वविद्यालय शिक्षक संघ ( डूटा ) व एनडीटीएफ की ओर से डूटा चुनाव में उम्मीदवार प्रोफेसर ए. के. भागी को जैसे ही पता चला उन्होंने तुरंत इस संदर्भ में संज्ञान लेते हुए डीयू के कुलपति प्रोफेसर योगेश सिंह को पत्र लिखा । पत्र लिखकर उन्होंने असिस्टेंट प्रोफेसर की स्थायी नियुक्ति में लिखित परीक्षा के संदर्भ में स्पष्टीकरण मांगा ।

          दिल्ली विश्वविद्यालय के संयुक्त कुलसचिव ( भर्ती ) ने विश्वविद्यालय प्रशासन की ओर से डूटा अध्यक्ष प्रोफेसर ए.के. भागी को पत्र लिखकर स्पष्टीकरण व जवाब दिया है कि असिस्टेंट प्रोफेसर की स्थायी भर्ती में लिखित परीक्षा संबंधी  दिल्ली विश्वविद्यालय द्वारा कोई निर्णय नहीं लिया गया है और न ही किसी तरह का विश्वविद्यालय द्वारा प्रपोजल है । केवल फैकल्टी ऑफ टेक्नोलॉजी में इस तरह का प्रावधान किया गया है ।  प्रोफेसर भागी ने शिक्षकों से कहा है कि वे किसी भी शिक्षक संगठन के बहकावे में न आए , चुनाव के समय उन शिक्षक संगठनों के पास मुद्दे तो है नहीं इसलिए वे एडहॉक शिक्षकों के बीच भृम व डर का माहौल बनाकर शिक्षकों को अपने पक्ष में करना चाहते है । उन्होंने शनिवार को अपने चुनाव के दौरान शिक्षकों से कहा है कि चुनाव के समय कुछ शिक्षक संगठनों का काम लेटर - लेटर का खेल भी खेलेंगे कि हम दिल्ली सरकार के कॉलेजों  में समायोजन कराएंगे , उन्होंने कहा कि शिक्षकों को पता होना चाहिए कि दिल्ली सरकार के पूर्ण वित्त पोषित 12 कॉलेजों में ना तो समय पर सैलरी , ना एरियर , ना पेंशन , और न ही शिक्षकों के रिक्त पदों को भरने का विज्ञापन दिया जा रहा । उन्होंने बताया कि दिल्ली की सरकार इन पदों को भरना नहीं चाहती वह एडहॉक , गेस्ट टीचर्स बनाकर रखना चाहती है जिसका हम डूटा के हर प्लेटफॉर्म पर विरोध करेंगे ।

               प्रोफेसर भागी ने भाष्कराचार्य कॉलेज , दीनदयाल उपाध्याय कॉलेज , स्वामी श्रद्धानंद कॉलेज , श्यामा प्रसाद मुखर्जी , राजधानी व शिवाजी आदि कॉलेजों में शिक्षकों के बीच जाकर अपनी उपलब्धियों को बताते कहा कि उनके 22 महीने के कार्यकाल में 10000 यूनिट शिक्षकों की प्रमोशन , डीयू के इतिहास में पहली बार कॉलेजों में प्रोफेसरशिप आई और इसके अंतर्गत 650 शिक्षक प्रोफेसर बने । उन्होंने बताया कि अभी तक 20 से अधिक कॉलेजों ने अपने यहाँ  असिस्टेंट प्रोफेसर की स्थायी नियुक्ति की प्रक्रिया पूरी कर ली है और लगभग 20 कॉलेजों में नियुक्ति प्रक्रिया जारी है । इस समय 2900 शिक्षक स्थायी हो चुके हैं । इसमें एससी/एसटी व ओबीसी कोटे के अंतर्गत 1400 शिक्षकों की नियुक्ति हुई है वहीँ 200 ईडब्ल्यूएस शिक्षक व लगभग 100 पीडब्ल्यूडी शिक्षकों की भर्ती हुई है । प्रोफेसर भागी ने अपने कार्यकाल की दो अन्य महत्वपूर्ण उपलब्धि कॉलेजों में फिजिकल एजुकेशन में प्रोफेसरशिप पद मिला । इसी तरह से लाइब्रेरीयन भी प्रोफेसर बने । प्रोफेसर भागी ने बताया कि उनके कार्यकाल में एडहॉक महिला शिक्षिकाओं को मातृत्व अवकाश मिला व एडहॉक शिक्षकों के बच्चों को एडमिशन में वार्ड कोटा दिलाया ।

            उन्होंने अपने प्रचार के दौरान शिक्षकों से अपील की है कि उन्हें डूटा में एक ओर मौका दे ताकि वे शिक्षकों के लिए बेहतर सर्विस कंडीशन ला सके , एडहॉक शिक्षकों की पूरी सर्विस काउंट कराना , ओल्ड पेंशन स्कीम लागू कराना , बेहतर मेडिकल सुविधाएं उपलब्ध कराना ,25 फीसदी ईडब्ल्यूएस सीटें लाना , बाकी बचे कॉलेजों में ओबीसी सेकेंड ट्रांच के पदों को भरवाना आदि उनकी प्राथमिकता में है । उन्होंने बताया है हर कॉलेज में शिक्षक उन्हें सुन रहे हैं और सवाल भी पूछ रहे है  वे हर सवाल का जवाब दे रहे है , शिक्षक उनके कार्यों से बहुत खुश है , वे उन्हें एक मौका और देना चाहते है ताकि बाकी बचे हुए कार्यों को करा सकें ।