बुंदेलखंड में बढ़ रही बगावत ने भाजपा की बढ़ाई टेंशन अपने ही बने मुसीबत.

पंकज पाराशर छतरपुर
मध्य प्रदेश चुनाव की तारीख जारी होते ही पार्टी में बढ़ती बगावत ने भाजपा की टेंशन बढ़ा दी है। बुंदेलखंड में भाजपा के अपने ही मुसीबत बन रहे हैं और बगावत पर उतारू हैं। कई नेताओं ने तो दल बदल का रास्ता चुनना शुरु कर दिया है, वहीं कुछ नेता दूसरे दलों से सौदा करने में लगे हैं। कुल मिलाकर बुंदेलखंड में विधानसभा चुनाव में बीजेपी के लिए अपने ही मुसीबत बन रहे हैं।

राज्य विधानसभा चुनाव के लिए अब तक 136 उम्मीदवारों के नामों का ऐलान कर चुकी है। अब 230 विधानसभा की सीटों में से सिर्फ 94 पर उम्मीदवारों के नामों का फैसला होना बाकी है। संभावना है कि सूची भी जल्द आ जाएगी। बुंदेलखंड की बात करें तो यहां की 26 सीटों में से पांच सीट पर मंत्री गोपाल भार्गव, भूपेंद्र सिंह, गोविंद सिंह राजपूत, बृजेंद्र प्रताप सिंह और राहुल लोधी का दावा है।

इसके अलावा कई हारी हुई सीटों पर भी पार्टी उम्मीदवार तय कर चुकी है। लेकिन पार्टी की ओर से जहां एक ओर उम्मीदवार तय किए जा रहे है, वहीं दूसरी ओर बगावती स्वर भी सुनाई दे रहे हैं। पूर्व सांसद लक्ष्मीनारायण यादव ने तो खुले तौर पर हाईकमान को बहरा और अंधा तक कह डाला। इतना ही नहीं उनके पुत्र सुधीर यादव ने भी बगावत कर भाजपा छोड़ दी है।

छतरपुर जिले के पूर्व जिलाध्यक्ष घासीराम पटेल तो बीएसपी का दामन थाम चुके हैं, इसी तरह बड़ा मलहरा विधानसभा क्षेत्र में जिला पंचायत सदस्य करण सिंह लोधी ने भी पार्टी के सभी पदों से इस्तीफा दे दिया है। यहां की विधानसभा सीटों से हजारों लोगों ने भाजपा छोड़ दिया है l कुल मिलाकर बुंदेलखंड में विधानसभा चुनाव में भाजपा के लिए अपने ही मुसीबत बन रहे हैं। फिलहाल कांग्रेस में इस तरह की बगावत नहीं दिख रही है, बुंदेलखंड में भाजपा की स्थिति बहुत कमजोर है l