केंद्रीय भैंस अनुसंधान संस्थान, हिसार में उपराष्ट्रपति के भाषण के प्रमुख अंश

नई दिल्ली सबसे पहले तो अन्नदाता जो यहां है, उनको मेरा प्रणाम!

हरियाणा राज्य के महामहिम राज्यपाल बंडारू दत्तात्रेय जी, हरियाणा सरकार के कैबिनेट मंत्री श्री कमल गुप्ता जी, केंद्रीय में कृषि राज्य मंत्री श्री कैलाश चौधरी जी, संस्थान से जुड़े हुए डॉक्टर TK भट्टाचार्य जी, TK दत्ता जी, विद्यार्थियों, साइंटिस्ट,

देश की अर्थव्यवस्था में, देश के विकास में, देश के स्थायित्व में किसान का बहुत बड़ा योगदान है। किसान चुनौतीपूर्ण वातावरण में हमारा अन्नदाता है। एक जमाना था जब अन्न की कमी इतनी ज़्यादा थी कि अन्न बहार से आता था। जो लोग पुराने हैं, उनको पता है कि अमेरिका से कैसे गेहूं आता था। लाल बहादुर शास्त्री जी को नारा देना पड़ा 'जय जवान जय किसान'। यहां तक हालात थे कि उन्होंने देश की खाद्य समस्या को पूर्ति करने के लिए कहा कि सप्ताह में एक दिन शाम का उपवास रखो। हम कहां थे, आज कहां आ गए हैं।

हमारे प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी जी ने किसान की ओर विशेष ध्यान दिया है, उन्होंने किसान के लिए जो नारा दिया वह फलीभूत हो रहा है - जय जवान जय किसान जय विज्ञान और जय अनुसंधान।

मेरा आपसे अनुग्रह है, एक बहुत बड़ा बदलाव हो सकता है यदि अगर इंडियन काउंसिल आफ एग्रीकल्चर रिसर्च, किसान से जुड़े हुए संबंधित प्रतिनिधि, किसान के हित को ध्यान में रखने वाले उद्योग, यह ध्यान दें कि किसान जिस चीज को पैदा करता है-  पशुधन है, कृषि धन है, उसमें किसान का रोल एक तरीके से खत्म हो जाता है, और बाकी लोग उसको टेक अप कर लेते हैं।

समय आ गया है कि जब किस को सोचना पड़ेगा, किसान परिवार के कृषक पुत्रों को सोचना पड़ेगा कि दुनिया में सबसे बड़ा व्यापार यदि अगर आज के दिन में कोई है, तो वह कृषि उत्पादन से जुड़ा हुआ है। आप गेहूं को ले लो, चावल को ले लो, बाजरे को ले लो, मिलेट को ले लो... चाहे तो सब्जी को ले लो, फल को ले लो, थोड़ा और आगे जाएं पशुधन में देख लो, दूध को ले लो। किसान को एक अच्छा मार्केटिंग मेकैनिज्म अपनाना पड़ेगा। किसान को अपने उत्पाद की मलाई खानी पड़ेगी, किसान पिसता रहे और फायदा कोई अन्य ले- जो ले रहे हैं, मेरा उनसे कोई विरोध नहीं है- पर किसान के परिवार में प्रतिभा है, किसान को तीन बातों पर खास ध्यान देना पड़ेगा।

जो मैं कहने आया हूं और मैं पहले भी कई बार कह चुका हूं। किसान को कृषि मंडी के माध्यम से जो कृषि का व्यापार होता है, उसमें भागीदारी बढ़ानी चाहिए - The farmer must engage in marketing of its produce. जब यह होगा, तो किसान की अर्थव्यवस्था में बहुत बड़ा बदलाव आएगा। दूसरा, किसान जो पैदा करता है, उसमें वैल्यू ऐड नहीं करता है। उसमें वैल्यू ऐड कोई और करता है। किसान को भी प्रेरित करना चाहिए, संगठित करने तरीके से करना चाहिए। In a structured manner, we must motivate our farmers that they should engage in value addition of their product.

किसान के यहां सरसों होती है, वह तेल नहीं बनाता है, किसान के यहां आलू होती है, वह चिप्स नहीं बनाता है, किसान के यहां सब्जियां होती हैं, मार्केटिंग नहीं कर पाता है। किसान का बेस्ट प्रोड्यूस ऑर्गेनिक होता है, वह बड़ी मेहनत से करता है, but he does not get real value for money.