पेटेंट अभियोजन और रखरखाव को सरल बनाने के लिए कई प्रावधानों के साथ पेटेंट नियम, 2024 अधिसूचित किया गया


रामजी पांडे

नई दिल्ली पेटेंट नियम, 2024 को आधिकारिक तौर पर अधिसूचित कर दिया गया है, जो इनोवेशन और आर्थिक विकास को बढ़ावा देने की दिशा में एक महत्वपूर्ण मील का पत्थर है। ये नियम पेटेंट प्राप्त करने और मैनेज करने की प्रक्रिया को सरल बनाने के उद्देश्य से कई प्रावधान पेश करते हैं, जिससे इनवेंटर्स और क्रिएटर्स के लिए अनुकूल वातावरण की सुविधा मिलती है। विकसित भारत संकल्प को पूरा करने के लिए विज्ञान और प्रौद्योगिकी के माध्यम से देश के आर्थिक विकास को गति देने की उम्मीद है।


संशोधित नियमों की कुछ मुख्य विशेषताएं इस प्रकार हैं:

  • पेटेंट किए गए इन्वेंशन में इन्वेंटर्स के योगदान को स्वीकार करने के लिए नए 'सर्टिफिकेट ऑफ इन्वेंटरशिप' का अनूठा प्रावधान पेश किया गया है।
  • धारा 31 के तहत ग्रेस पीरियड के लाभ प्रदान करने के प्रावधान को नए फॉर्म, यानी फॉर्म 31 को शामिल करके सुव्यवस्थित किया गया है।
  • फॉर्म 8 में विदेशी आवेदन दाखिल करने का विवरण प्रस्तुत करने की समय सीमा आवेदन दाखिल करने की तारीख से छह महीने से बदलकर पहली परीक्षा रिपोर्ट जारी होने की तारीख से तीन महीने कर दी गई है।
  • प्रौद्योगिकी की तेज गति को ध्यान में रखते हुए, परीक्षा के लिए अनुरोध दाखिल करने की समय सीमा आवेदन की प्राथमिकता की तारीख से या आवेदन दाखिल करने की तारीख से, जो भी पहले हो, 48 महीने से घटाकर 31 महीने कर दी गई है।
  • समय सीमा बढ़ाने और दाखिल करने में देरी को माफ करने के प्रावधान को और अधिक सरल बनाया गया है और व्यवहार में आसानी लाने के लिए इसे और अधिक स्पष्ट किया गया है। अब, किसी भी कार्य/कार्यवाही करने का समय निर्धारित तरीके से अनुरोध करके छह महीने तक कितनी भी बार बढ़ाया जा सकता है।
  • कम से कम 4 वर्ष की अवधि के लिए इलेक्ट्रॉनिक मोड के माध्यम से एडवांस पेमेंट करने पर रीन्युअल फी 10प्रतिशत कम कर दिया गया है।
  • फॉर्म 27 में पेटेंट के कामकाज का विवरण दाखिल करने की आवृत्ति को एक वित्तीय वर्ष में एक बार से घटाकर हर तीन वित्तीय वर्षों में एक बार कर दिया गया है। इसके अलावा, निर्धारित तरीके से अनुरोध करने पर तीन महीने तक की अवधि के लिए ऐसे विवरण दाखिल करने में देरी को माफ करने का प्रावधान शामिल किया गया है।
  • धारा 25(1) के तहत विरोध के माध्यम से प्री-ग्रांट रीप्रजेटेशन दाखिल करने और निपटाने की प्रक्रिया को और सुव्यवस्थित किया गया है। बेनामी पर अंकुश लगाने और धोखाधड़ीपूर्ण प्री-ग्रांट विरोध के लिए रीप्रजेटेशन के निपटान के तरीके प्रदान करके और साथ ही वास्तविक विरोधों को प्रोत्साहित करने के लिए इस तरह के रीप्रजेटेशन को दाखिल करने के लिए फीस तय करके इसे और अधिक स्पष्ट किया गया है।