कोयला मंत्रालय ने कोयला खनन के लिए पर्यावरण और वन मंजूरी पर कार्यशाला आयोजित की

रामजी पांडे
नई दिल्ली 10 जून 2024  कोयला मंत्रालय ने आज नई दिल्ली में कोयला खनन के लिए पर्यावरण और वन मंजूरी पर एक दिवसीय कार्यशाला का आयोजन किया। यह कार्यशाला पर्यावरण, वन और जलवायु परिवर्तन मंत्रालय (एमओईएफ एंड सीसी) के सहयोग से आयोजित की गई, जिसमें कोयला मंत्रालय, एमओईएफसीसी, कोल इंडिया लिमिटेड, एसईसीएल, बीसीसीएल, ईसीएल, एनएलसीआईएल, एससीसीएल, एनटीपीसी, कोयला नियंत्रक संगठन, निजी कोयला कंपनियों और कोयला खनन क्षेत्रों के अन्य विशेषज्ञों के 175 से अधिक अधिकारियों ने भाग लिया।

कार्यक्रम के मुख्य अतिथि कोयला मंत्रालय के सचिव श्री अमृत लाल मीणा थे, जबकि कोयला मंत्रालय के अपर सचिव एवं मनोनीत अधिकारी श्री एम. नागराजू मुख्य वक्ता के रूप में उपस्थित थे।

श्री एम. नागराजू ने अपने उद्घाटन भाषण में आर्थिक लाभ और पर्यावरण संरक्षण के बीच महत्वपूर्ण संतुलन पर जोर दिया और पर्यावरण की स्थिरता सुनिश्चित करने के लिए मंजूरी प्राप्त करने की आवश्यकता पर बल दिया। श्री अमृत लाल मीणा ने अपने मुख्य भाषण में स्थिरता के प्रति कोयला मंत्रालय की प्रतिबद्धता को रेखांकित किया। उन्होंने भूमि जीर्णोद्धार और व्यापक वनरोपण कार्यक्रमों पर किए जा रहे प्रयासों पर प्रकाश डाला, जो खनन गतिविधियों से प्रभावित क्षेत्रों के पुनर्वास के लिए महत्वपूर्ण हैं।

कार्यशाला के उद्घाटन सत्र में कोयला कंपनियों ने अपने-अपने संगठनों द्वारा अपनाई गई सर्वोत्तम कार्य प्रणालियों पर वीडियो प्रस्तुत किए। इसके बाद, पर्यावरण, वन और जलवायु परिवर्तन मंत्रालय के वक्ताओं ने नियामक ढांचे, प्रक्रियात्मक आवश्यकताओं, नीतिगत अपडेट, अनुपालन रणनीतियों और कोयला खनन परियोजनाओं के लिए पर्यावरण और वन मंजूरी प्राप्त करने की सर्वोत्तम कार्य प्रणालियों पर विस्तृत जानकारी साझा की। इसमें सूचनात्मक सत्रों और इंटरैक्टिव चर्चाओं की एक श्रृंखला शामिल थी।

इस कार्यशाला का मुख्य उद्देश्य कोयला खनन क्षेत्रों में पर्यावरण संरक्षण और स्थिरता को सुनिश्चित करते हुए खनन गतिविधियों को प्रोत्साहित करना था। कोयला मंत्रालय द्वारा उठाए गए इस कदम से खनन क्षेत्र में पर्यावरणीय जागरूकता और अनुकूलन की दिशा में महत्वपूर्ण प्रगति की उम्मीद है।