गूगल सर्च इंजन
Friday, 30 September 2022
Wednesday, 28 September 2022
कार्बन उत्सर्जन को और कम करने के लिए सतत प्रयास किए जाएंगे - अध्यक्ष सेल
नई दिल्ली ।भारतीय इस्पात प्राधिकरण स्टील अथॉरिटी ऑफ इंडिया लिमिटेड (सेल) ने आज नई दिल्ली में कंपनी के मुख्यालय में अपनी 50वीं वार्षिक आम बैठक आयोजित की। सेल की अध्यक्ष श्रीमती सोमा मंडल ने वर्चुअल प्लेटफॉर्म के माध्यम से आयोजित बैठक में शेयरधारकों को संबोधित किया।
अपने संबोधन में श्रीमती मंडल ने वित्त वर्ष 2021-22 के दौरान कंपनी की उपलब्धियों पर प्रकाश डाला और कंपनी की भविष्य की कार्ययोजना के बारे में बताया। सेल ने वित्त वर्ष 2021-22 के दौरान 18.733 मिलियन टन (एमटी) हॉट मेटल और 17.366 एमटी कच्चे इस्पात का उत्पादन किया, जो अब तक का सर्वाधिक है। कंपनी ने पहली बार एक लाख करोड़ रुपये से अधिक के कारोबार वाली भारतीय कंपनियों के शीर्ष समूह में में प्रवेश किया। वित्त वर्ष 2021-22 के दौरान 1.03 लाख करोड़ रुपए का कारोबार, पिछले वित्त वर्ष 2020-21 के दौरान अब तक के सर्वाधिक 68452 करोड रुपए की तुलना में 50 प्रतिशत की पर्याप्त वृद्धि दर्शाता है। कारोबार में वृद्धि के साथ-साथ उन्नत संचालन आत्मक निष्पादन से इस कंपनी को मुनाफे के रूप में भी अब तक के उच्चतम आंकड़े तक पहुंचने में मदद मिली।
श्रीमती मंडल ने वर्ष 2022 को देश के लिए एक ऐतिहासिक वर्ष बताया, क्योंकि भारत ने स्वतंत्रता के 75 गौरवशाली वर्ष पूरे किए और इसे आधुनिक भारत की यात्रा में एक असाधारण मील का पत्थर के रूप में निरूपित किया, जो भारत 2.0 में आगे बढ़ने के लिए भारत की तैयारियों के संदर्भ में और भी अधिक महत्व रखता है। सेल की अध्यक्ष ने कहा कि सेल आंतरिक शक्ति और संसाधनों के बल पर भारत की इस विकास गाथा में योगदान देने के लिए तैयार है।
श्रीमती मंडल ने एक ईमानदार नैतिक कॉर्पोरेट के रूप में सेल की भूमिका पर प्रकाश डालते हुए कहा कि पर्यावरण, सामाजिक और शासन (ईएसजी) संबंधी लक्ष्यों को पूरा करने पर ध्यान केंद्रित किया गया है। आने वाले समय में, सेल वैश्विक मानकों को पूरा करने के लिए कार्बन उत्सर्जन को कम करने के लिए कई और कार्य करेगा। सिल्की अध्यक्ष ने कहा कि स्थिरता पर उचित जोर देने के साथ, कंपनी भविष्य के लिए एक महत्वाकांक्षी रोडमैप का निर्माण करते हुए अपनी प्रक्रियाओं, उत्पाद सामग्री, नीतियों में लगातार सुधार कर रही है।
देश ही नहीं दुनिया के दिलों की भी लता दीदी ने जीता- श्री जी. किशन रेड्डी
लखनऊ ।केंद्रीय संस्कृति और पर्यटन मंत्री श्री जी. किशन रेड्डी और उतर प्रदेश के मुख्यमंत्री योगी आदित्यनाथ ने आज अयोध्या में लता मंगेश्कर चौक का लोकार्पण किया। इस अवसर पर बोलते हुए श्री रेड्डी ने कहा कि अयोध्या को विश्व पर्यटक केंद्र बनाने के लिये प्रधानमंत्री श्री नरेंद्र मोदी के नेतृत्व में केंद्र सरकार और राज्य सरकार संयुक्त रुप से काम कर रही है।
दिव्यांगजन सशक्तिकरण विभाग और अमेजन सेलर प्राइवेट लिमिटेड के बीच आज त्रिपक्षीय समझौता ज्ञापन (एमओयू) पर हस्ताक्षर किए गए
रामजी पांडे
भारत सरकार के दिव्यांगजन सशक्तिकरण विभाग (डीईपीडब्ल्यूडी), दिव्यांग व्यक्तियों के लिए कौशल परिषद् (एससीपीडब्ल्यूडी) और अमेजन सेलर प्राइवेट लिमिटेड के बीच आज एक त्रिपक्षीय समझौता ज्ञापन (एमओयू) पर हस्ताक्षर किए गए। इस समझौता ज्ञापन का मुख्य उद्देश्य ई-कॉमर्स क्षेत्र में दिव्यांग जनों के लिए संयुक्त रूप से कौशल प्रशिक्षण और रोजगार के अवसर प्रदान करना है। यह दिव्यांग जनों के अधिकारिता विभाग द्वारा दिव्यांग जनों को कौशल प्रशिक्षण प्रदान करेगा, दिव्यांग जनों के लिए कौशल परिषद द्वारा ई-कॉमर्स क्षेत्र के लिए नौकरी की भूमिकाओं को डिजाइन करने और अमेजन द्वारा दिव्यांग जनों को कौशल प्रशिक्षण और भर्ती करने की परिकल्पना तैयार करता है। सभी पक्षों की इस तरह की पहल से दिव्यांग जनों (पीडब्ल्यूडी) के लिए नौकरी में उनकी स्थायी रोजगार क्षमता बढ़ाने के साथ-साथ उन्हें सक्षम बनाने के लिए आपूर्ति श्रृंखला क्षेत्र में नौकरी विशेष, व्यावहारिक और ई-कॉमर्स कौशल प्रदान करके उद्यमी बनाने के बेहतर अवसर पैदा होंगे।
सामाजिक न्याय एवं अधिकारिता मंत्री डॉ. वीरेंद्र कुमार ने नई दिल्ली के डॉ. आंबेडकर इंटरनेशनल सेंटर में समझौता ज्ञापन पर हस्ताक्षर के लिए आयोजित समारोह में अपनी उपस्थिति से इस अवसर की शोभा बढ़ाई।
इस अवसर पर सामाजिक न्याय एवं अधिकारिता मंत्री ने कहा कि प्रधानमंत्री की यह भी इच्छा है कि दिव्यांग जनों को रोजगार के अवसर उपलब्ध कराकर उन्हें आत्मनिर्भर बनाने के लिए निजी कंपनियों को शामिल किया जाए। मंत्री महोदय ने कहा कि आत्मनिर्भर भारत को ध्यान में रखते हुए न केवल अमेजन जैसी निजी कंपनियां बल्कि समाज को भी आगे आकर दिव्यांग जनों को आत्मनिर्भर बनाना चाहिए।
दिव्यांगजन सशक्तिकरण विभाग के सचिव, श्री राजेश अग्रवाल ने दिव्यांग व्यक्तियों के लिए कौशल परिषद् (एससीपीडब्ल्यूडी) और अमेजन की सराहना करते हुए कहा कि कार्यक्रम के अंतर्गत प्रशिक्षित / नियोजित दिव्यांग जनों की संख्या की निगरानी की जानी चाहिए और दिव्यांग जनों को गोदामों में नौकरी उद्यमी बनाने के लिए रोजगार के अवसर प्रदान करने के प्रयास किए जाने चाहिए।
दिव्यांगजन सशक्तिकरण विभाग का प्रतिनिधित्व उप महानिदेशक, श्री किशोर बी सुरवड़े, दिव्यांग व्यक्तियों के लिए कौशल परिषद् का प्रतिनिधित्व परिषद के मुख्य कार्यकारी अधिकारी श्री रवीन्द्र सिंह ने और अमेजन सेलर प्राइवेट लिमिटेड का प्रतिनिधित्व एपीएसी/एमईएनए/एलएटीएम परिचालन के उपाध्यक्ष श्री अखिल सक्सेना द्वारा किया गया था।
माकपा व सीटू कार्यकर्ताओं ने मनाया भगत सिंह का 116 जन्मदिन- गंगेश्वर दत्त शर्मा
Tuesday, 27 September 2022
केवल पांच वर्षों में ही, लगभग 500 सदस्य इसमें शामिल हो चुके हैं
रक्षा मंत्री ने एसआईडीएम की उन्नति की सराहना करते हुए कहा कि इसकी स्थापना के केवल पांच वर्षों में ही, लगभग 500 सदस्य इसमें शामिल हो चुके हैं, जो भारतीय रक्षा उद्योग की प्रगति का संकेतक है। उन्होंने दिल्ली के बाहर एसआईडीएम के विस्तार को उद्योग के विश्वास के प्रतिबिंब और साथ ही साथ स्थानीय कंपनियों के हितों की रक्षा के प्रति एसोसिएशन के संकल्प के रूप में वर्णित किया, जिसका मुख्य उद्देश्य राष्ट्रीय सुरक्षा को मजबूत करना है।
एसआईडीएम के 5वें वार्षिक सत्र का आयोजन 'इंडिया@75: शेपिंग फॉर इंडिया@100' की थीम पर आयोजित किया गया, जिसका उद्देश्य भारत को रक्षा निर्माण के क्षेत्र में शीर्ष देशों में शामिल करना है। इस सत्र में रक्षा मंत्रालय, भारतीय सशस्त्र बलों, उद्योग जगत और भारत में विदेशी रक्षा अटैचियों के शीर्ष नेतृत्व, वायु सेना प्रमुख एयर चीफ मार्शल वी आर चौधरी, नौसेना के उप प्रमुख वाइस एडमिरल एस एन घोरमडे, थल सेना के उप प्रमुख लेफ्टिनेंट जनरल बी एस राजू, एसआईडीएम के
इस अवसर पर श्री राजनाथ सिंह ने एसआईडीएम चैंपियंस अवार्ड के दूसरे संस्करण के विजेताओं को सम्मानित किया। विजेताओं में भारत इलेक्ट्रॉनिक्स लिमिटेड, भारत फोर्ज लिमिटेड और लार्सन एंड टुब्रो लिमिटेड शामिल रहे, जिन्हें क्षमता संबंधी कमियों को दूर करने के लिए प्रौद्योगिकीय नवाचार, डिजाइन/विकास और परीक्षण के लिए आयात प्रतिस्थापन तथा अवसंरचना जैसी विभिन्न श्रेणियों में सम्मानित किया गया।
धर्मेन्द्र प्रधान ने भारतीय और वैश्विक संस्थानों के बीच तालमेल बनाकर एक नए ज्ञान नेटवर्क का आह्वान किया
नई दिल्ली ।केन्द्रीय शिक्षा और कौशल विकास मंत्री श्री धर्मेन्द्र प्रधान ने आज "डिजिटल ट्रांसफॉर्मेशन एण्ड इंटरनेशनलाइजेशन ऑफ हायर एजुकेशन" विषय पर अंतर्राष्ट्रीय सम्मेलन के उद्घाटन सत्र में भाग लिया और उसे संबोधित किया। इसका आयोजन दिल्ली में टीसीएस के सहयोग से डीकिन यूनीवर्सिटी ने किया।
श्री प्रधान "डिजिटल ट्रांसफॉर्मेशन एंड इंटरनेशनलाइजेशन ऑफ हायर एजुकेशन" विषय पर आयोजित अंतर्राष्ट्रीय सम्मेलन में डीकिन यूनीवर्सिटी के वाइस चांसलर प्रो. इयान मार्टिन, ओपी जिंदल विश्वविद्यालय के श्री सुब्रमण्यम रामादुरई, संस्थापक कुलपति प्रो. सी राजकुमार, श्री मैथ्यू जॉनसन और भारत और ऑस्ट्रेलिया के अन्य विचारशील नेताओं के साथ शामिल हुए।
श्री प्रधान ने कहा कि भारत और ऑस्ट्रेलिया साझा मूल्यों के आधार पर लंबे सम्बन्धों को साझा करते हैं। शिक्षा और कौशल क्षेत्रों में हमारी साझेदारी मजबूत होती जा रही है। भारत औद्योगिक क्रांति 4.0 का नेतृत्व करने की इच्छा रखता है। इस यात्रा में भारत-ऑस्ट्रेलिया साझेदारी एक प्रमुख भूमिका निभा सकती है।
श्री प्रधान ने कहा कि ज्ञान किसी भी सभ्यता का एक महत्वपूर्ण स्तंभ है। भारतीय सभ्यता हमेशा से ज्ञान आधारित और ज्ञान पर चलने वाली रही है। इसे आगे बढ़ाते हुए, भारत एनईपी 2020 को लागू कर रहा है। आज की चुनौती 15 से 25 आयु वर्ग की विशाल आबादी को शिक्षित और कुशल बनाना है।
उन्होंने यह भी कहा कि भारत में एक नया "डिजिटल लाइफस्टाइल" आकार ले रहा है। 2023 के अंत तक डिजिटल भुगतान में स्वदेशी 5जी से विश्व नेतृत्व तक, आगामी डिजिटल विश्वविद्यालय और हाई-स्पीड इंटरनेट के साथ सभी गांवों की नेटवर्किंग, भारत का डिजिटलीकरण नए अवसर पैदा कर रहा है।
श्री प्रधान ने नए ज्ञान नेटवर्क का भी आह्वान किया जिसमें अंतर्राष्ट्रीय संस्थान भारत में कैंपस स्थापित कर रहे हैं और भारतीय संस्थान भी वैश्विक हो रहे हैं। बाद में, उन्होंने कहा कि भारत ने हमेशा विवेक के साथ समाज को समृद्ध किया है। हमेशा विकसित दुनिया में, भारतीय ज्ञान नेटवर्क मानवता के लाभ के लिए होगा।
वित्तीय सेवाओं में स्वरोजगार में महिलाओं की संख्या पुरुषों से अधिक है
नई दिल्ली केंद्रीय श्रम एवं रोजगार मंत्री श्री भूपेंद्र यादव ने अखिल भारतीय त्रैमासिक स्थापना आधारित रोजगार सर्वेक्षण (एक्यूईईएस) के तहत तिमाही रोजगार सर्वेक्षण (क्यूईएस) के चौथे दौर (जनवरी-मार्च 2022) की रिपोर्ट जारी की।
नौ चुने हुए सेक्टर के तहत संगठित और असंगठित दोनों क्षेत्रों में रोजगार एवं प्रतिष्ठानों से संबंधित बदलाव के बारे में त्रैमासिक अनुमान प्रदान करने के लिए श्रम ब्यूरो यह सर्वेक्षण (एक्यूईईएस) करता है। इन्हीं नौ क्षेत्रों में गैर-कृषि प्रतिष्ठान सबसे ज्यादा रोजगार देते हैं। ये नौ चयनित क्षेत्र विनिर्माण, निर्माण, कारोबार, परिवहन, शिक्षा, स्वास्थ्य, आवास और रेस्तरां, आईटी/बीपीओ और वित्तीय सेवाएं हैं।
अखिल भारतीय त्रैमासिक स्थापना आधारित रोजगार सर्वेक्षण (एक्यूईईएस) के दो हिस्से हैं- पहला, त्रैमासिक रोजगार सर्वेक्षण (क्यूईएस) और दूसरा, एरिया फ्रेम प्रतिष्ठान सर्वेक्षण (एएफईएस)। पहला 10 या उससे अधिक श्रमिकों को रोजगार देने वाले प्रतिष्ठानों से संबंधित है, जबकि दूसरा 9 या उससे कम श्रमिकों को रोजगार देने वाले प्रतिष्ठानों को लेकर है।
अर्थव्यवस्था के संगठित क्षेत्र में रोजगार और उससे संबंधित परिवर्तन को लेकर महत्वपूर्ण जानकारी जुटाने के लिए अप्रैल 2021 में एक्यूईईएस के एक हिस्से के रूप में क्यूईएस शुरू किया गया था। हर तिमाही में करीब 12,000 प्रतिष्ठानों से जानकारी इकट्ठा की जा रही है। अप्रैल-जून 2021 की अवधि के लिए ऐसी पहली रिपोर्ट सितंबर 2021 में जारी की गई थी।
चौथी तिमाही की रिपोर्ट जारी करते हुए केंद्रीय मंत्री ने कहा कि अर्थव्यवस्था के चुने हुए क्षेत्रों में रोजगार में बढ़ोतरी के रुझान दिख रहे हैं। अनुमानित रोजगार तीसरी तिमाही (सितंबर-दिसंबर 2022) के 3.14 करोड़ से बढ़कर चौथी तिमाही (जनवरी-मार्च 2022) में 3.18 करोड़ हो गए हैं। यहां इस बात का जिक्र करना महत्वपूर्ण है कि छठी आर्थिक गणना (2013-14) में सामूहिक रूप से लिए गए इन 9 चुने हुए क्षेत्रों में कुल रोजगार 2.37 करोड़ दर्ज किया गया था।
यह त्रैमासिक रोजगार सर्वेक्षण की रिपोर्ट आपूर्ति के साथ-साथ मांग पक्ष को लेकर भी सर्वेक्षण है, यानी आवधिक श्रम बल सर्वेक्षण (पीएलएफएस) देश में रोजगार पर डेटा संबंधी अंतर को भरेगा।
पंचकूला के इंद्रधनुष सभागार में आजादी के अमृत महोत्सव पर दूरदर्शन द्वारा आयोजित ‘स्वराज’ धारावाहिक की विशेष स्क्रीनिंग पर पहुंचे थे मुख्यमंत्री
हरियाणा के मुख्यमंत्री श्री मनोहर लाल ने प्रदेश की सभी संस्थाओं, स्कूलों, कॉलेजों व समाज के अन्य वर्गों को आजादी के अमृतकाल में आजादी के किस्सों से जुड़े अलग-अलग कार्यक्रम आयोजित करने का आह्वान किया है। उन्होंने कहा कि आजादी से जुड़े किस्से, कहानियां, चर्चा और इससे जुड़ी बातें होती रहनी चाहिए, ताकि हम आने वाली युवा पीढ़ी को बता सकें कि देश को आजादी कैसे मिली। मुख्यमंत्री मंगलवार को पंचकूला के इंद्रधनुष सभागार में आजादी के अमृत महोत्सव के अंतर्गत दूरदर्शन द्वारा आयोजित ‘स्वराज’ धारावाहिक की विशेष स्क्रीनिंग के अवसर पर बोल रहे थे।
मुख्यमंत्री श्री मनोहर लाल ने कहा कि आजादी के इतिहास में क्या छिपा है और क्या हमें ज्ञात है व क्या अभी भी अज्ञात है, इसे आम लोगों तक पहुंचाने के लिए दूरदर्शन द्वारा किया गया यह प्रयत्न सराहनीय है। उन्होंने कहा कि ऐसा माना जाता है कि हमारी आजादी की लड़ाई 1857 में शुरू हुई लेकिन इससे पूर्व भी अनेक ऐसे क्रांतिकारी और शहीद हुए, जिन्होंने इस देश की आजादी के लिए बहुत प्रयत्न किए। उन्होंने पहले मुगलों से संघर्ष किया फिर अंग्रेजों से लोहा लिया, इस संघर्ष में बहुत सी महान विभूतियों ने अपने प्राण न्योछावर कर दिए, जो इतिहास में दर्ज नहीं हो पाए। मुख्यमंत्री ने कहा कि आजादी के इस अमृत महोत्सव में यह प्रयास किया गया है कि वीर शहीदों के बारे में उपलब्ध जानकारियां को दूरदर्शन ने इक_ा करने का बीड़ा उठाया और स्वराज नाम से धारावाहिक की श्रृंखला को बनाया। दूरदर्शन ने स्वराज के 75 एपिसोड बनाए, जिनमें से आज पहले और तीसरे एपिसोड की विशेष स्क्रीनिंग हुई।
नई पीढ़ी को बताना होगा स्वराज का अर्थ
मुख्यमंत्री श्री मनोहर लाल ने कहा कि स्वराज शब्द के कई मायने लिए गए। ऐसा माना जाता है कि शासन हमारा है तो हम स्वतंत्र हैं लेकिन स्वराज की गाथा हमारे देश के इतिहास से, हमारे देश की संस्कृति से, भाषा से, हमारे धर्म से शुरू होती है। यह बातें हमें नई पीढ़ी को बतानी पड़ेगी। यह समय की आवश्यकता है कि हम आजादी के 100 साल बाद तक भी युवा पीढ़ी को स्वराज का सही अर्थ बताए।
मुख्यमंत्री ने प्रधानमंत्री श्री नरेंद्र मोदी का जताया आभार
मुख्यमंत्री श्री मनोहर लाल ने कहा कि प्रधानमंत्री श्री नरेंद्र मोदी का आभार है, जो उन्होंने वर्ष 2020 में आजादी के अमृत महोत्सव की योजना बनाई। अमृतकाल में 2 वर्ष तक कार्यक्रम बनाने की बात कही गई है। इसी के अंतर्गत यह कार्यक्रम आयोजित किया जा रहा है। मुख्यमंत्री ने दूरदर्शन की टीम को यह धारावाहिक श्रृंखला बनाने पर हार्दिक बधाई दी।
इस अवसर पर मुख्यमंत्री के अतिरिक्त प्रधान सचिव एवं महानिदेशक डॉ. अमित अग्रवाल ने मुख्यमंत्री का इस कार्यक्रम में पहुंचने पर आभार जताया। डॉ. अग्रवाल ने कहा कि पूरा देश आजादी के अमृत महोत्सव को मना रहा है। हरियाणा का सूचना जनसंपर्क एवं भाषा विभाग इस अमृत काल में लगातार प्रदेशभर में कार्यक्रमों का आयोजन कर रहा है। दूरदर्शन ने भी अमृत महोत्सव के अंतर्गत 75 एपिसोड की धारावाहिक श्रृंखला बनाई है। उन्होंने दूरदर्शन की टीम को भी बधाई दी।
इस मौके पर विधानसभा अध्यक्ष श्री ज्ञानचंद गुप्ता, गृह एवं स्वास्थ्य मंत्री श्री अनिल विज, शिक्षा मंत्री श्री कंवरपाल, परिवहन मंत्री श्री मूलचंद शर्मा, शहरी स्थानीय निकाय मंत्री डॉ. कमल गुप्ता, महिला एवं बाल विकास मंत्री श्रीमती कमलेश ढांडा, सोनीपत के सांसद श्री रमेश कौशक, राज्यसभा सांसद श्री कृष्ण लाल पंवार, विधायक मोहन बड़ौली व अन्य वरिष्ठ अधिकारी मौजूद रहे।
सीटू के बैनर तले मैसर्स- पाल सेल्स प्रा. लि. कम्पनी पर श्रमिकों का धरना जारी- गंगेश्वर दत्त शर्मा
Monday, 26 September 2022
डिजिटल प्लेटफॉर्म के विकास और सभी के लिए डिजिटल सेवाओं तक पहुंच सुनिश्चित होने पर ही किया जा सकता है - श्री देवुसिंह चौहान
संचार राज्य मंत्री, श्री देवुसिंह चौहान ने कहा है कि बेहतर डिजिटल भविष्य का निर्माण व्यापक डिजिटल बुनियादी ढांचे की उपलब्धता, प्रत्येक नागरिक को सरकारी सेवाओं की आपूर्ति के लिए डिजिटल प्लेटफॉर्म विकसित करने और सभी के लिए डिजिटल सेवाओं तक पहुंच सुनिश्चित होने पर ही किया जा सकता है। वे आज रोमानिया के बुखारेस्ट में मंत्रिस्तरीय गोलमेज सम्मेलन को संबोधित कर रहे थे, जो अंतर्राष्ट्रीय दूरसंचार संघ (आईटीयू) के पूर्ण सम्मेलन 2022 का हिस्सा है। इस सम्मेलन का विषय "बेहतर डिजिटल भविष्य का निर्माण" है।
इस अवसर पर श्री देवुसिंह चौहान ने बेहतर और समावेशी डिजिटल भविष्य की सुविधा के लिए प्रधानमंत्री श्री नरेन्द्र मोदी के नेतृत्व में भारत सरकार के एकीकृत दृष्टिकोण पर प्रकाश डाला। उन्होंने कहा कि हमने सभी आवश्यक चेक बॉक्स की पहचान कर ली है। दूरसंचार बुनियादी ढांचे के निर्माण में सरकार की प्रतिबद्धता के उदाहरणों का संदर्भ देते हुए उन्होंने संकेत दिया कि भारत सरकार ने 2023 तक देश के सभी 6,40,000 गांवों तक मोबाइल सेवाओं और 2025 तक ऑप्टिकल फाइबर का विस्तार करने की योजना बनाई है। उन्होंने यह उल्लेख भी किया कि हाल ही में सफल 5जी स्पेक्ट्रम नीलामी हुई है, जिसमें 1.5 लाख करोड़ का निवेश आकर्षित हुआ, जिससे उद्योग में बहुत उत्साहजनक प्रतिक्रिया का संकेत मिला है। यह नागरिक केंद्रित और उद्योग के अनुकूल सार्वजनिक नीतियों का परिणाम है तथा यह भारत के भविष्य के प्रति सकारात्मक दृष्टिकोण का सूचक भी है।
श्री चौहान ने प्रधानमंत्री श्री नरेन्द्र मोदी द्वारा शुरू की गई डिजिटल इंडिया पहल की सफलता पर प्रकाश डाला। उन्होंने आधार और आधार सक्षम भुगतान प्रणाली (एईपीएस) की सफलता का जिक्र किया। उनहोंने प्रतिष्ठित सदन को यह भी बताया गया कि एईपीएस से प्रतिदिन 40 करोड़ लेनदेन हो रहे हैं, जो डिजिटल बुनियादी ढांचे के विकास के माध्यम से प्रभावित वित्तीय समावेश का एक बेहतरीन उदाहरण है। उन्होंने यह भी उल्लेख किया कि असंबद्ध लोगों तक पहुंचने के लिए, भारत ने दूरस्थ और ग्रामीण क्षेत्रों में 5,70,000 सामान्य सेवा केंद्र स्थापित किए हैं, जो विभिन्न सरकार-से-नागरिकों (जी2सी) और अन्य नागरिक-केंद्रित ई-सेवाओं की आपूर्ति सुनिश्चित करते हैं। उन्होंने यह भी कहा कि भारत दुनिया के साथ अपनी सर्वोत्तम प्रथाओं को साझा करने के लिए तैयार है। श्री देवुसिंह चौहान ने आईटीयू परिषद में भारत का पुन: चयन और श्रीमती एम. रेवती का रेडियो विनियमन बोर्ड के सदस्य के रूप में चुनाव के लिए सदस्य देशों का समर्थन मांगा।
संयुक्त समुद्री बल अभ्यास में भारतीय नौसेना पहली बार भाग लेगी
आईएनएस सुनयना 24 सितंबर, 22 को वार्षिक प्रशिक्षण अभ्यास, ‘ऑपरेशन सदर्न रेडीनेस ऑफ कंबाइंड मैरीटाइम फोर्सेज’ (सीएमएफ) में भाग लेने के लिए पोर्ट विक्टोरिया सेशेल्स पहुँची। यह न केवल हिंद महासागर क्षेत्र में समुद्री सुरक्षा के लिए भारतीय नौसेना की प्रतिबद्धता को सुदृढ़ करता है, बल्कि सीएमएफ अभ्यास में भारतीय नौसेना के जहाज की पहली भागीदारी को भी दर्शाता है।
जहाज, सीएमएफ द्वारा आयोजित क्षमता निर्माण अभ्यास में सहयोगी भागीदार के रूप में भाग लेगा। संयुक्त प्रशिक्षण अभ्यास में संयुक्त राज्य अमेरिका, इटली, ऑस्ट्रेलिया, कनाडा तथा न्यूजीलैंड के प्रतिनिधिमंडल और यूके, स्पेन तथा भारत के जहाज भाग लेंगे।
जहाज के पोर्ट कॉल के दौरान, भाग लेने वाले देशों के साथ पेशेवर स्तर पर बातचीत की योजना तैयार की गई है।
ईएनएस तरकश पोर्ट जेंटिल, गैबॉन में भारतीय नौसेना के युद्धपोत का पहला दौरा
नई दिल्ली आईएनएस तरकश ने समुद्री डकैती रोधी गश्त के लिए गिनी की खाड़ी में उसकी इन दिनों चल रही तैनाती के अंतर्गत पोर्ट जेंटिल, गैबॉन में एक पोर्ट कॉल किया। यह किसी भारतीय नौसेना जहाज की गैबॉन की पहली यात्रा है।
इस बंदरगाह में अपने प्रवास के दौरान, जहाज और उसके चालक दल आधिकारिक और पेशेवर बातचीत के साथ-साथ खेल संबंधी आयोजनों में भाग लेंगे।
उनकी पेशेवर बातचीत में अग्निशमन और क्षति नियंत्रण, चिकित्सा और हताहतों की निकासी के मुद्दों और गोताखोरी संबंधी ऑपरेशन्स पर चर्चा और अभ्यास शामिल होंगे। स्थितियों के परिचय के उद्देश्य से करवाए गए दौरे भी होंगे। इसके अतिरिक्त योग सत्र और सामाजिक बातचीत की भी योजना बनाई गई है।
यह जहाज आगंतुकों के लिए भी खुला रहेगा।
सीटू के बैनर तले मैसर्स- पाल सेल्स प्रा. लि. कम्पनी पर श्रमिकों ने शुरू किया धरना- गंगेश्वर दत्त शर्मा
Sunday, 25 September 2022
दीदी की रसोई ट्रस्ट ने सैकड़ों जरूरतमंदों को बाटा निशुल्क भोजन- गंगेश्वर दत्त शर्मा
Saturday, 24 September 2022
बढ़ती महंगाई बेरोजगारी व सरकार की जन विरोधी नीतियों के खिलाफ माकपा कार्यकर्ताओं ने किया विरोध प्रदर्शन- गंगेश्वर दत्त शर्मा
Friday, 23 September 2022
नर्सिंग स्टाफ को वापस नौकरी पर रखने की मांग को लेकर चाइल्ड पीजीआई में हंगामा निदेशक के कक्ष का घेराव मरीज परेशान
विज्ञान एवं प्रौद्योगिकी मंत्रालय ने पिछले दशक में 34.3 मिलियन डॉलर के निवेश के साथ अनुसंधान विकास और प्रौद्योगिकी की तैनाती को समर्थन दिया है
विज्ञान एवं प्रौद्योगिकी एवं विद्युत, नवीन तथा नवीकरणीय ऊर्जा मंत्रालय के उच्च स्तरीय संयुक्त मंत्रिस्तरीय शिष्टमंडल का नेतृत्व कर रहे विज्ञान एवं प्रौद्योगिकी मंत्री डॉ. जितेन्द्र सिंह ने आज कहा कि सार्वजनिक और निजी क्षेत्रों के लिए शहरों और भवनों को डिकार्बोनाइज करने के काम को सर्वोच्च प्राथमिकता देनी चाहिए और व्यवस्थित दक्षता लाने के लिए इसे बड़े पैमाने पर, गति और एकीकृत तथा डिजिटलीकृत दृष्टिकोण का उपयोग करते हुए किए जाने की आवश्यकता है।
अमरीका के पीट्सबर्ग में ग्लोबल क्लिन एनर्जी एक्सनफोरम-2022 में “नेट जीरो बिल्ट एनवायरनमेंट विथ कनेक्टेड कम्युनिटीज” विषय पर गोलमेज सम्मेलन को संबोधित करते हुए उन्होंने कहा कि हम अपने शहरों और इमारतों को बदले बिना जलवायु परिवर्तन की समस्या का समाधान नहीं कर सकते हैं और इसके लिए सार्वजनिक और निजी क्षेत्र को व्यापक स्तर पर प्रयास करने की आवश्यकता है और यह आज की प्रौद्योगिकियों के साथ ही सम्भव है।
डॉ. जितेन्द्र सिंह ने कहा कि कूलिंग को तेजी से विकास की आवश्यकता के रूप में माना जा रहा है जो अनेक सतत विकास लक्ष्यों को प्राप्त करने से जुड़ा है। उन्होंने कहा वैश्विक स्तर पर नेट जीरो कनेक्टेड कम्युनिटीज के लक्ष्य को हासिल करने में प्रदर्शन और तैनाती, निवेश, टेक्नोलॉजी महत्वपूर्ण चुनौतियां हैं।
डॉ. जितेन्द्र सिंह ने बताया कि मजबूत अनुसंधान विकास तथा नवाचार इको-सिस्टम के विकास में अन्य बातों के साथ-साथ क्षेत्र में वैज्ञानिक मानव शक्ति का और अधिक विकास, अपेक्षित शैक्षिक और अनुसंधान तथा विकास की संस्थागत क्षमताओं, कुलिंग के विभिन्न पहलुओं पर अनुसंधान और विकास गतिविधियों के लिए मदद शामिल हैं जिसमें रेफरिजरेंट, कूलिंग उपकरण, ठोस भवन डिजाइन कार्यक्रम, वैकल्पिक टेक्नोलॉजी तथा नई उभरती टेक्नोलॉजी अपनाने के लिए उद्योग की तैयारी शामिल हैं।
जटिल सामाजिक मुद्दों की उनकी गहरी समझ पर प्रकाश डालती है: श्री अनुराग ठाकुर
पूर्व उपराष्ट्रपति श्री एम. वेंकैया नायडु ने आज केरल के राज्यपाल श्री आरिफ मोहम्मद खान और केन्द्रीय सूचना एवं प्रसारण मंत्री श्री अनुराग ठाकुर के साथ प्रधानमंत्री के चुनिंदा भाषणों के संग्रह 'सबका साथ सबका विकास सबका विश्वास' पुस्तक का विमोचन किया। प्रकाशन विभाग निदेशालय ने इस समारोह का आयोजन किया। पुस्तक विभिन्न विषयों पर मई 2019 से मई 2020 तक प्रधानमंत्री के 86 भाषणों का संकलन है।
इस अवसर पर पूर्व उपराष्ट्रपति ने कहा कि यह पुस्तक राष्ट्र के समक्ष मौजूद चुनौतियों को समझने और उनसे निपटने के लिए किए जा रहे ठोस प्रयासों की समझ को व्यापक बनाने में महत्वपूर्ण योगदान देती है। उन्होंने कहा कि मौजूदा सरकार पूर्णत: तत्व ज्ञान के तहत काम कर रही है 'सर्वे जन सुखिनो भवन्तु'। उन्होंने कहा कि अच्छी योजनाएं पहले भी शुरू की गई हैं, लेकिन केवल वर्तमान प्रधानमंत्री, नेतृत्व करते हुए यह सुनिश्चित कर रहे हैं कि सभी कार्यक्रम निर्धारित समय सीमा और लक्ष्यों का पालन करें। वे स्वयं कमान संभालते हैं और निरंतर निगरानी एवं संभावित वितरण सुनिश्चित करते हैं, श्री नायडु ने कहा कि अपने असाधारण संवाद कौशल के कारण प्रधानमंत्री मोदी देश के सभी लोगों से समान रूप से जुड़ सकते हैं ।
तमिलनाडु में सामुदायिक बीज बैंक पहल ने चावल की पारम्परिक किस्मों का पता लगाया और उसे पुन: प्रचलन में लाए
रामजी पांडे
तमिलनाडु में लगभग 10 सामुदायिक बीज बैंकों के माध्यम से चावल की लगभग 20 पारम्परिक किस्मों का पता लगाकर, उन्हें एकत्र किया जा रहा है, बचाया जा रहा है और पुन: प्रचलन में लाया जा रहा है, जिससे राज्य में 500 से अधिक किसान लाभान्वित हो रहे हैं।
तमिलनाडु के अधिकांश छोटे और मध्यम किसान संकरों (हाइब्रिड) की मोनोक्रॉपिंग के कारण किसी समय उनके समुदाय के पूर्वजों के स्वामित्व वाले पारम्परिक बीजों को खो चुके हैं। इन किस्मों की पहचान उनके अद्वितीय पोषण, औषधीय और पारिस्थितिक गुणों तथा सबसे बढ़कर, जलवायु के प्रति उनके लचीलेपन के लिए की गई थी। धान की किस्मों के पारम्परिक आनुवंशिक क्षरण और स्वदेशी जीन पूल, देशी मौजूदा किस्मों के चिकित्सीय/उपचारात्मक गुणों के बारे में जानकारी के नुकसान, उनके बीज भंडार तक पहुंच की कमी, तमिलनाडु में कृषि और मानव स्वास्थ्य के भरण-पोषण तथा भविष्य के लिए एक चुनौती है।
इन सामुदायिक बीज बैंकों को 24 जिलों - अरियालुर, चेंगलपट्टू, कोयम्बटूर, धर्मपुरी, डिंडीगल, इरोड, कांचीपुरम, करूर, मदुरै, मयीलादुरई, नागपट्टिनम, पुदुकोट्टई, रामनाथपुरम रानीपेट्टई, सेलम, शिवगंगई, तेनकासी, तंजावुर, थूथुकुडी, तिरुवन्नामलाई, थिरुवरुर, तिरुचिरापल्ली, विल्लुपुरम और विरुदुनगर में स्थानीय गैर सरकारी संगठनों की सहायता से स्थान के आधार पर इच्छुक किसानों द्वारा इनकी पहचान करके बढ़ावा दिया गया है।
एक प्रमुख किसान अपने खेत में एक से लेकर अनेक पारंपरिक किस्मों की खेती करता है, जिसका एक हिस्सा कटाई के बाद पड़ोसी इलाकों और जिलों में अन्य इच्छुक किसानों को भुगतान के साथ या उसके बिना वितरित किया जाता है। यह स्वैच्छिक भागीदारी के साथ एक औपचारिक ढांचा है। बीज बैंक की 2000 रुपये की पूंजी प्रत्येक लाभार्थी किसान को वितरित की गई ताकि पारम्परिक चावल समुदाय बीज बैंकों को मजबूत बनाया जा सके।
विज्ञान और प्रौद्योगिकी विभाग (डीएसटी) की विज्ञान और पारम्परिक अनुसंधान पहल (एसएचआरआई) कार्यक्रम के समर्थन से सस्त्र डीम्ड टू बी यूनिवर्सिटी की पहल से चावल की पारम्परिक किस्मों को पुन: प्रचलन में लाया जा रहा है, संरक्षित किया जा रहा है और उसकी विशेषता बताई जा रही है।
पब्लिक अफेयर्स फोरम ऑफ इंडिया के 9वें एनुअल फोरम 2022 में संबोधन दिया
रामजी पांडे
नई दिल्ली ।केंद्रीय इलेक्ट्रॉनिकी एवं सूचना प्रौद्योगिकी और कौशल विकास राज्य मंत्री श्री राजीव चंद्रशेखर ने कहा कि यह कर्मचारी- उद्यमियों का युग है और कॉरपोरेट्स/कंपनियों को अब यह समझना चाहिए कि युवा भारतीय तकनीकी कार्यबल के मस्तिष्क और दृष्टिकोण में संरचनात्मक बदलाव आया है। वह आज यहां पब्लिक अफेयर्स फोरम ऑफ इंडिया (पीएएफआई) के 9वें एनुअल फोरम 2022 को संबोधित कर रहे थे।
मूनलाइटिंग के मुद्दे पर संबोधित करते हुए केंद्रीय मंत्री ने कहा कि वे दिन लद गए जब कर्मचारियों ने बड़ी प्रौद्योगिकी कंपनियों के साथ करार किया और नौकरी में ही अपना जीवन बिता दिया। मूनलाइटिंग का मतलब एक समय में एक से ज्यादा नियोक्ताओं के साथ काम करने से है। उन्होंने कहा, “आज के युवाओं में आत्मविश्वास की भावना है और अपने कौशल के मुद्रीकरण, ज्यादा मूल्य तैयार करने की इच्छा है। इस प्रकार अपने कर्मचारियों पर बंदिशें लगाने की कंपनियों की कोशिशें जिससे वह अपने स्टार्टाअप पर काम न कर सकें, उनका असफल होना तय है।”
मूनलाइटिंग से किसी भी संविदात्मक दायित्वों का उल्लंघन नहीं होने की बात पर सहमति जताते हुए उन्होंने कहा, “कोई भी कैप्टिव मॉडल यानी बंदिशें लगाने वाला मॉडल फीका पड़ जाएगा। नियोक्ता अपनी सेवा के दौरान कर्मचारियों से उद्यमशील होने की उम्मीद करते हैं। इसी बात को उनके ऊपर भी लागू किया किया जा सकता है। एक ऐसा समय आएगा जहां उत्पाद निर्माताओं का एक वर्ग होगा जो अपना समय कई परियोजनाओं पर लगाएगा। ऐसी ही वकील या सलाहकार करते हैं। काम का यही भविष्य है।”
2015 में सरकार द्वारा घोषित उत्पादन से जुड़ी प्रोत्साहन योजना (पीएलआई) पर एक प्रश्न के उत्तर में, श्री चंद्रशेखर ने कहा कि 2014 में जब प्रधानमंत्री श्री नरेन्द्र मोदी ने पदभार संभाला था, उस समय भारत का विनिर्माण क्षेत्र लगभग निष्क्रिय स्थिति में था।
श्री चंद्रशेखर ने कहा, “पीएम श्री मोदी ने पिछले 6-7 वर्षों में पीएलआई और अन्य कार्यक्रमों के साथ व्यवस्थित रूप से विनिर्माण क्षेत्र को इतना मजबूत बनाया है कि दुनिया आज वियतनाम और ताइवान के अलावा भारत को भी प्रौद्योगिकी के एक विश्वसनीय स्रोत के रूप में देख रही है। इस सूची में हमारे नजर आने की वजह प्रधानमंत्री की दूरदर्शी नीतियां हैं।”
डिजिटल इंडिया विधेयक के बारे में केंद्रीय मंत्री ने कहा कि यह विधेयक ज्यादा व्यवस्थित होगा और इससे प्रौद्योगिकी के क्षेत्र में विशेष बदलाव शामिल होंगे। इस विधेयक को जल्द ही परामर्श के लिए हितधारकों के पास भेजा जाएगा।
Thursday, 22 September 2022
सरल उपयोग और निजता के प्रति सम्मान के सिद्धांत पर आधारित नई पहलें
रामजी पांडे
नई दिल्ली।भारतीय विशिष्ट पहचान प्राधिकरण (यूआईडीएआई) नई पहलों के समुच्चय पर काम कर रहा है, ताकि नागरिक अपनी इच्छा से उपलब्ध एकाधिक सेवाओं के लिये आधार का इस्तेमाल कर सकें। यह आधार के उपयोग को विस्तार देने और जीवन सुगमता का समर्थन करने की दिशा में उठाया गया कदम है। इस पहल के तहत मौजूदा आधार के तीन घटकों का उपयोग किया जायेगा – ऑफलाइन केवाईसी सत्यापन, लोकल फेस मैचिंग और एम-आधार एपलीकेशन। इनसे उपयोगकर्ताओं को नये अनुभव मिलेंगे।
इसका प्रदर्शन मुम्बई में वैश्विक फिनटेक फेस्ट 2022 में किया गया, जो फिनटेक उद्योग को आधुनिक विकासों के प्रति जागरूक करने और उनका फीडबैक प्राप्त करने की एक गतिविधि है।
यूआईडीएआई के सीईओ डॉ. सौरभ गर्ग ने बताया कि इन पहलों के दिग्दर्शक सिद्धांतों में – नागरिकों के लिये सरल इस्तेमाल, हर व्यक्ति की निजता का सम्मान, नागरिकों को लेन-देन के लिये अपनी इच्छा से अपनी सूचना साझा करने का अधिकार तथा अपनी इच्छा से उपलब्ध तमाम सेवाओं का उपयोग शामिल है।
सहजता के लिये नागरिकों के अनुभवों पर ध्यान केंद्रित किया जायेगा तथा इस बात की अनुमति दी जायेगी कि वे यूआईडीएआई से बिना ऑनलाइन जुड़े अपनी केवाईसी सूचना ऑफलाइन साझा कर सकते हैं। इसके लिये वे अपने स्मार्टफोन से एम-आधार एप्लीकेशन के जरिये अपने बारे में प्रमाण दे सकते हैं।
इससे निजता सुनिश्चित होगी, क्योंकि इसके लिये नागरिकों के आधार नंबर को साझा करने की जरूरत नहीं है। इसके अलावा व्यक्ति के बारे में प्रमाण नागरिक के अपने स्मार्टफोन पर लोकल मैचिंग के जरिये स्थापित किया जायेगा। साथ ही, नागरिक खुद सुरक्षित तरीके से केवाईसी के विवरण को सेवा प्रदाता और व्यापार एप्प पर खुद साझा कर सकते हैं तथा उसे नियंत्रित कर सकते हैं।
ऑफलाइन केवाईसी के ऐच्छिक उपयोग में दोहरे सत्यापन से नागरिकों को एकाधिक सेवाओं का लाभ मिलेगा, जो सभी सेक्टरों और उप-सेक्टरों में उपलब्ध हैं। नागरिकों के सामने अपनी इच्छा के अनुरूप तमाम विकल्प मौजूद रहेंगे, जिनका लाभ नागरिक उठा सकेंगे। आधार के जरिये यूआईडीएआई नागरिकों को अधिकार सम्पन्न बनाने का लगातार प्रयास कर रहा है, जिसके तहत पहले से ही नागरिकों को सुशासन तथा जीवन सुगमता मिल रही है।
ये प्रस्तावित विशेषतायें प्रमाण की अवधारणा पर आधारित हैं। इनके बारे में जनता और विशेषज्ञों सहित सभी हितधारकों के साथ गहन विचार-विमर्श किया गया है। इन पहलों को परामर्श तथा आवश्यक नियम-कानून के बाद अंतिम रूप दिया जायेगा। एक बार जब इसे अंतिम रूप दे दिया जायेगा, तो नागरिक सेवायें लेने के लिये अपनी सूचना अपनी इच्छा से साझा करने के लिये स्वतंत्र हो जायेंगे।
भारत में लगभग सभी वयस्कों को आधार मिल चुका है। कुल आबादी का लगभग 94 प्रतिशत इसके दायरे में आ गया है। यूआईडीएआई विभिन्न सत्यापनों के जरिये एक दिन में सात करोड़ से अधिक बार नागरिकों के उपयोग में आता है। नई पहलें लागू हो जाने के बाद इसके ऑफलाइन सत्यापन का इस्तेमाल बढ़ेगा तथा आधार के ऐच्छिक उपयोग के जरिये नागरिकों को अपनी इच्छा से सेवायें लेने की स्वतंत्रता हो जायेगी।
भारत सरकार के प्रमुख वैज्ञानिक सलाहकार और ब्रिटेन के उच्चायुक्त ने शी इज़ – विमेन इन स्टीम का विमोचन किया
रामजी पांडे
नई दिल्ली ।भारत सरकार के प्रमुख वैज्ञानिक सलाहकार प्रो. अजय सूद और ब्रिटेन के उच्चायुक्त श्री एलेक्स एलिस ने 21 सितंबर, 2022 को “शी इज़ – विमेन इन स्टीम” पुस्तक का विमोचन किया। इस पुस्तक को एल्सा मैरी डी’ सिल्वा और सुप्रीत के. सिंह ने लिखा है।
’75 विमेन इन स्टीम’ भारत सरकार के प्रमुख वैज्ञानिक और ब्रिटेन के उच्चायुक्त के साथ पुस्तक के विमोचन के अवसर पर; इस पुस्तक में एसटीईएएम (स्टीम) में उनकी यात्रा के विभिन्न पहलुओं को दर्शाया गया है
भारत की स्वतंत्रता के 75 वर्ष होने के क्रम में इस पुस्तक में एसटीईएएम (विज्ञान, प्रौद्योगिकी, अभियांत्रिकी, कला और गणित के क्षेत्र) की 75 महिलाओं को सम्मानित किया गया है। पुस्तक में स्टीम के क्षेत्र में सतत विकास, नेतृत्व और स्त्रीत्व का अभिनंदन किया गया है। साहस, आशा और दृढ़ता की निजी कहानियों को पेश करते हुये यह पुस्तक उन महिलाओं की निजी और व्यावसायिक संघर्षों को बयान करती है, जिन्हें आसानी से कुछ नहीं मिला। ये महिलायें, निश्चित रूप से हर उस लड़की के लिये प्रेरणा हैं, जो इन विषयों में आगे बढ़ना चाहती है।
प्रधानमंत्री के चयनित भाषणों का संग्रह, सबका साथ सबका विकास सबका विश्वास का विमोचन
नई दिल्ली।प्रधानमंत्री श्री नरेन्द्र मोदी के चयनित भाषणों का संग्रह, "सबका साथ, सबका विकास, सबका विश्वास - प्रधानमंत्री नरेन्द्र मोदी का संबोधन (मई 2019 - मई 2020)", का विमोचन सूचना और प्रसारण मंत्रालय के प्रकाशन विभाग द्वारा 23 सितंबर, 2022 को सुबह 11 बजे रंग भवन सभागार, आकाशवाणी भवन, नई दिल्ली में आयोजित एक समारोह में किया जाएगा।
इस कार्यक्रम के मुख्य अतिथि, केरल के राज्यपाल, श्री आरिफ मोहम्मद खान और विशिष्ट अतिथि, पूर्व उपराष्ट्रपति, श्री वेंकैया नायडू होंगे। केंद्रीय सूचना एवं प्रसारण तथा युवा कार्यक्रम एवं खेल मंत्री श्री अनुराग सिंह ठाकुर इस कार्यक्रम के मेजबान की भूमिका में होंगे। इस अवसर पर सूचना एवं प्रसारण मंत्रालय के सचिव श्री अपूर्व चंद्रा तथा मंत्रालय की विभिन्न मीडिया इकाइयों के अन्य वरिष्ठ अधिकारी भी उपस्थित रहेंगे।
प्रधानमंत्री श्री नरेन्द्र मोदी के चुनिंदा भाषणों का यह संकलन, 130 करोड़ भारतीयों की आशा और आकांक्षाओं के माध्यम से न्यू इंडिया के निर्माण का सारसंग्रह है।
'जनभागीदारी-सब को साथ लेकर चलना' - इस विजन को प्राप्त करने का मुख्य आधार है, सामूहिक विश्वास और संकल्प के माध्यम से समावेशी विकास।
यह संग्रह विभिन्न विषयों पर मई 2019 से मई 2020 तक प्रधानमंत्री के 86 भाषणों पर केंद्रित है। दस विषयगत क्षेत्रों में विभाजित, ये भाषण प्रधानमंत्री के ‘न्यू इंडिया’ दृष्टिकोण को दर्शाते हैं। अच्छी तरह से विभाजित किये गए खंड हैं - आत्मनिर्भर भारत: अर्थव्यवस्था, जन-प्रथम शासन, कोविड -19 के खिलाफ लड़ाई, उभरता भारत: विदेशी मामले, जय किसान, टेक इंडिया-न्यू इंडिया, हरित भारत-सहनशील भारत-स्वच्छ भारत (ग्रीन इंडिया-रेसिलिएंट इंडिया-क्लीन इंडिया), स्वस्थ भारत-सक्षम भारत (फिट इंडिया- एफिशिएंट इंडिया), सनातन भारत-आधुनिक भारत: सांस्कृतिक विरासत और मन की बात।
पुस्तक प्रधानमंत्री के न्यू इंडिया के दृष्टिकोण को चित्रित करती है, जो आत्मनिर्भर, सहनशील और चुनौतियों को अवसरों में बदलने में सक्षम हो। प्रधानमंत्री अपनी असाधारण वक्तत्व शैली के माध्यम से जनता से जुड़ने के लिए; उत्कृष्ट संवाद क्षमता के साथ नेतृत्व गुण, दूरदर्शी सोच और दूरदर्शिता का संयोजन करते हैं। यही बात इस पुस्तक में उनके शब्दों के माध्यम से परिलक्षित होती है, जैसे, "हमने 'सबका साथ, सबका विकास' के मंत्र से शुरुआत की थी; लेकिन पांच साल के निरंतर समर्पण के साथ, लोगों ने इसमें एक और अद्भुत शब्द जोड़ा है, वह है 'सबका विश्वास'।“
हिंदी के साथ-साथ अंग्रेजी में प्रकाशित यह किताब पूरे देश में प्रकाशन विभाग के बिक्री केन्द्रों और सूचना भवन, सीजीओ कॉम्प्लेक्स, नई दिल्ली की बुक गैलरी में उपलब्ध होगी। पुस्तक को प्रकाशन विभाग की वेबसाइट के साथ-साथ भारतकोश प्लेटफॉर्म के माध्यम से ऑनलाइन भी खरीदा जा सकता है। ई-पुस्तक अमेज़न और गूगल प्ले पर भी उपलब्ध होगी।
समय के साथ आगे बढ़ने और खुद को फिर से परिभाषित करने की जरूरत है": डॉ. मांडविया
रामजी पांडे
नई दिल्ली ।केन्द्रीय स्वास्थ्य और परिवार कल्याण मंत्री और आईआरसीएस के अध्यक्ष डॉ. मनसुख मांडविया ने आज कहा, “सेवा और सहयोग हमारी विरासत का हिस्सा हैं और वे हमारे संस्कार का एक अभिन्न अंग हैं। ये भारतीय रेड क्रॉस सोसाइटी के आदर्श वाक्य को भी रेखांकित और परिभाषित करते हैं जो जरूरत और आपात स्थिति में मानवता की सेवा और सहायता के प्रति अपने काम के लिए जाना जाता है। वे इंडियन रेड क्रॉस सोसाइटी (आईआरसीएस) के राज्यों/केंद्र शासित प्रदेशों के लीडरशिप समिट का उद्घाटन कर रहे थे। इस दो दिवसीय चिंतन शिविर के आयोजन का उद्देश्य आईआरसीएस के कामकाज में सुधार के तरीकों और साधनों पर गहन विचार-विमर्श करना है। बैठक में राज्य रेड क्रॉस के अध्यक्षों, उपाध्यक्षों, सचिवों और आईआरसीएस के अन्य गणमान्य व्यक्तियों ने भाग लिया।
आईआरसीएस को उसके सराहनीय कार्य के लिए बधाई देते हुए डॉ. मनसुख मांडविया ने कहा कि रेड क्रॉस लोगों के बीच उम्मीद और आशा की किरण के तौर पर पहचाना जाता है। यह भरोसे और सुनिश्चित उपस्थिति का प्रतीक है।" लेकिन उन्होंने आगाह किया कि अगर आईआरसीएस बदलते समय के साथ तालमेल नहीं बिठाता तो इसकी प्रासंगिकता और पहचान खो सकती है। उन्होंने कहा, “आईआरसीएस को अपनी ताकत और कमजोरियों पर आत्मनिरीक्षण करने और समय के साथ बदलती भूमिका को अपनाने तथा इसके लिए खुद को फिर से परिभाषित करने की एक कार्य योजना तैयार करने की आवश्यकता है। इसके लिए संरचनात्मक और संगठनात्मक संरचनाओं के बारे में गहरी समझ बनाने, आईआरसीएस क्षेत्रीय केंद्रों के कामकाज में अनुशासन पर ध्यान देने, नियुक्तियों में पारदर्शिता बरतने, बेहतर शिकायत निवारण तंत्र बनाने और अन्य बातों के साथ-साथ जन-केंद्रित गतिविधियों के लिए डिजिटल तकनीक का बेहतर उपयोग करने की आवश्यकता है।”
Wednesday, 21 September 2022
घरेलू कामगारों का राष्ट्रीय कन्वेंशन बड़े अभियान आंदोलन चलाने की आह्वान के साथ हुआ संपन्न- गंगेश्वर दत्त शर्मा "सीटू" नेता
सड़क निर्माण में तेजी व गुणवत्ता पूर्ण कार्य को लेकर राष्ट्रीय परशुराम सेना ने लोक निर्माण विभाग में सौंपा ज्ञापन
Tuesday, 20 September 2022
सीटू ने घरेलू कामगारों के मुद्दों पर दिल्ली में राष्ट्रीय कन्वेंशन का किया आयोजन- गंगेश्वर दत्त शर्मा
Monday, 19 September 2022
दीदी की रसोई ट्रस्ट ने सैकड़ों जरूरतमंदों को बाटा निशुल्क भोजन- गंगेश्वर दत्त शर्मा
साहित्य व्यक्ति को मनुष्य बनाने का काम करता है : हरि सुमन बिष्ट
Saturday, 17 September 2022
कानून व मुख्यमंत्री के आदेशों की धज्जियां उड़ा कर नोएडा प्राधिकरण ने गरीब वेंडर्स को उजाड़ा, सीटू ने की कड़ी निंदा- गंगेश्वर दत्त शर्मा
Friday, 16 September 2022
नोएडा एनसीआर में तेज बरसात के बाद, हल्की फुहारे बरसने का अनुमान मौसम हुआ सुहावना TNI
फिट इंडिया मिशन, विधि एवं न्याय मंत्रालय के साथ अंतर-मंत्रालय, बार व बेंच बैडमिंटन चैम्पियनशिप का समर्थन करेगा
नई दिल्ली फिटनेस का नया मानदंड स्थापित करने के लिये फिट इंडिया मिशन, विधि एवं न्याय मंत्रालय के साथ अपनी तरह के पहले अंतर-मंत्रालय, बार व बेंच बैडमिंटन चैम्पियनशिप का आयोजन कर रहा है। इसमें सभी मंत्री, न्यायाधीश और वकील तथा अन्य हिस्सा लेंगे।
दो दिवसीय कार्यक्रम 17 सितंबर को दिल्ली के त्यागराज खेल परिसर में शुरू होगा। कार्यक्रम में केंद्रीय विधि एवं न्याय मंत्री श्री किरेन रिजिजू, विदेश मंत्री श्री एस. जयशंकर और युवा कार्य एवं खेल मंत्री श्री अनुराग सिंह ठाकुर सम्मिलित होंगे।
कार्यक्रम की अभिकल्पना पूर्व बैडमिंटन खिलाड़ी अबन्तिका डेका ने की है, जिसमें विधि एवं न्याय मंत्रालय और फिट इंडिया सहयोग कर रहे हैं। कार्यक्रम के बारे सुश्री डेका ने कहा, “अपने प्रोफेशनल करियर के बाद, मैं अब भी खेलों को जारी रखना चाहती हूं। फिट इंडिया मूवमेंट के जरिये फिटनेस के बारे में जागरूकता पैदा करने के विषय में हमारे माननीय प्रधानमंत्री की परिकल्पना ने मुझे इस कार्यक्रम की रूपरेखा तैयार करने के लिए प्रेरित किया। इससे जीवन के सभी वर्ग के लोगों को खेल और फिटनेस गतिविधियों में हिस्सा लेने का प्रोत्साहन मिलेगा। इस श्रृंखला में हम इसी तरह के कार्यक्रम अन्य मंत्रालयों के साथ भी करेंगे।” सुश्री डेका राष्ट्रीय डोपिंग रोधी एजेंसी की सदस्य भी हैं।
कार्यक्रम में न्याय क्षेत्र की कई जानी-मानी हस्तियां हिस्सा लेंगी, जिनमें भारत के सॉलीसिटर जनरल श्री तुषार मेहता, न्यायमूर्ति श्री विक्रम नाथ, सुप्रीम कोर्ट बार एसोसियेशन के अध्यक्ष श्री विकास सिंह, विधि एवं न्याय मंत्रालय की संयुक्त सचिव डॉ. अंजू राठी राणा, डालमिया भारत लिमिटेड के महानिदेशक व सीईओ श्री सिंघी और अन्य शामिल हैं।
Thursday, 15 September 2022
लखीमपुर खीरी में दो सगी बहनों की निर्मम हत्या की न्यायिक जांच हो : सूरज प्रधान AAP
उत्पीड़न के खिलाफ पाल सेल्स प्रा. लि. के श्रमिकों ने उप श्रम आयुक्त से मुलाकात कर किया शिकायत- गंगेश्वर दत्त शर्मा
Tuesday, 13 September 2022
वेंडिंग जोन से अवैध कब्जे को हटाने के लिए सेक्टर- 9 के वेंडर्स ने नोएडा प्राधिकरण को दिया ज्ञापन- गंगेश्वर दत्त शर्मा
Monday, 12 September 2022
2024 के तक देश में 2 लाख डेयरियां और बनाएंगे देश में दूध उत्पादन दोगुना करेंगे: अमित शाह
अपने जीवन की सुरक्षा के लिये सड़कों की सफाई हेलमेट पहनकर करते है-रोहित
सामान्य लॉजिस्टिक्स सहमति स्थापित करने पर ध्यान दिया जाना चाहिए
नई दिल्ली सरकार भविष्य की सुरक्षा चुनौतियों से प्रभावी ढंग से निपटने और देश को विकास की ऊंचाइयों पर ले जाने के लिए एक मजबूत, सुरक्षित, त्वरित और आत्मनिर्भर लॉजिस्टिक्स (रसद) प्रणाली का निर्माण करने के लिए प्रतिबद्ध है। यह बात रक्षा मंत्री श्री राजनाथ सिंह ने आज नई दिल्ली में 'सामंजस्य से शक्ति' नामक विषय पर आयोजित पहले भारतीय सेना लॉजिस्टिक्स सम्मेलन में अपने मुख्य भाषण के दौरान कही।
भारत आज दुनिया की पांचवीं सबसे बड़ी अर्थव्यवस्था बन गया है और यह तेजी से 5 ट्रिलियन डॉलर की अर्थव्यवस्था बनने की ओर अग्रसर है। भविष्य में, चाहे युद्ध क्षेत्र हो या नागरिक क्षेत्र हो, रसद जीविका का महत्व बढ़ने वाला है। ऐसी स्थिति में 21वीं सदी की जरूरतों के अनुसार लॉजिस्टिक्स की व्यवस्था में सुधार करना समय की जरूरत की मांग है। लॉजिस्टिक्स के क्षेत्र में आत्मनिर्भरता एक महत्वपूर्ण घटक है। अपने लक्ष्यों को प्राप्त करने के लिए हमें एक आत्मनिर्भर लॉजिस्टिक्स आपूर्ति प्रणाली की जरूरत है। यह बात श्री राजनाथ सिंह ने 2047 तक भारत को 'अमृत काल' में एक महाशक्ति बनाने के लिए सरकार द्वारा निर्धारित ढांचे के बारे में विस्तार से जानकारी देते हुए कही।
रक्षा मंत्री ने तीनों सेवाओं के बीच संयुक्त जुड़ाव को पिछले कुछ वर्षों में रक्षा मंत्रालय में किए गए प्रमुख नीतिगत परिवर्तनों में से एक बताया है, जिससे अनेक क्षेत्र, विशेष रूप से लॉजिस्टिक्स के कई क्षेत्रों में काफी लाभ हुआ है। उन्होंने कहा कि एक मजबूत लॉजिस्टिक्स प्रणाली स्थापित करने के लिए नींव रखी गई है, जो सशस्त्र बलों की परिचालन तैयारी के लिए बहुत महत्वपूर्ण है क्योंकि इससे यह सुनिश्चित होता है कि सही गुणवत्ता और मात्रा के साथ सही वस्तुएं सेना को सही समय और सही जगह पर उपलब्ध हो सकें। उन्होंने कहा कि सैन्य लॉजिस्टिक्स एक बहुत महत्वपूर्ण पहलू है जो किसी युद्ध का परिणाम निर्धारित करता है।
प्रत्यक्ष सकारात्मक परिणामों के बारे में जानकारी देते हुए श्री राजनाथ सिंह ने कहा कि सरकार के प्रयासों के कारण विद्रोहियों से निपटने के साथ-साथ आपदा राहत कार्यों, मानवीय सहायता, गैर-संघर्ष निकासी, संघर्ष के दौरान खोज, बचाव और हताहत निकासी से निपटने की प्रतिक्रिया में लगने वाले समय में काफी कमी आई है। उन्होंने कहा कि यह राष्ट्र निर्माण का एक महत्वपूर्ण पहलू है और इस संबंध में सभी प्रयास किए जा रहे हैं।
लॉजिस्टिक्स प्रणाली को मजबूत बनाने की आवश्यकता पर जोर देते हुए रक्षा मंत्री ने कहा कि सरकार तीनों सेवाओं की जरूरतों के अनुसार देश में सामान्य लॉजिस्टिक्स सहमति स्थापित करने पर ध्यान केंद्रित कर रही है। उन्होंने कहा कि इन सहमति (नोड्स) के माध्यम से एक सेवा के संसाधन निर्बाध रूप से अन्य सेवाओं के लिए भी उपलब्ध होंगे।
श्री राजनाथ सिंह ने सूचना और संचार प्रौद्योगिकी (आईसीटी) वास्तुकला पर अपनी अंतर्दृष्टि को साझा करते हुए इसे कुशल लॉजिस्टिक्स का एक प्रमुख हिस्सा बताया। तीनों सेवाओं ने अपनी आईसीटी वास्तुकला विकसित की है। हमारा यह प्रयास है कि तीनों सेवाओं के बीच अंतर-संचालन हो ताकि हम अपने संसाधनों का श्रेष्ठ तरीके से उपयोग कर सकें।