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Tuesday, 31 May 2022
Monday, 30 May 2022
मणिपुरी डॉक्यूमेंट्री फिल्म 'मीराम - द फायरलाइन, फ्रांस की एनिमेशन फिल्म स्टअवे और जापान की लघु फिल्म ‘शाबू-शाबू स्पिरिट’ महोत्सव की ओपनिंग फिल्में रहीं
नई दिल्ली डॉक्यूमेंट्री, शॉर्ट फिक्शन और एनिमेशन फिल्मों (एमआईएफएफ-2022) के लिए मुंबई अंतर्राष्ट्रीय फिल्म महोत्सव का 17वां संस्करण आज (29 मई, 2022) मुंबई के नेहरू सेंटर, वर्ली में एक रंगीन उद्घाटन समारोह के साथ शुरू हुआ।
केंद्रीय वाणिज्य एवं उद्योग, उपभोक्ता मामले, खाद्य एवं सार्वजनिक वितरण और कपड़ा मंत्री श्री पीयूष गोयल ने सूचना और प्रसारण मंत्रालय के फिल्म प्रभाग द्वारा आयोजित सात दिवसीय फिल्म महोत्सव का उद्घाटन किया। फिल्म महोत्सव के निदेशक रवींद्र भाकर ने कहा कि इस फिल्म महोत्सव में व्यापक भागीदारी को बढ़ावा देने के लिए एमआईएफएफ 2022 को हाइब्रिड मोड में आयोजित किया गया है और https://miff.in पर पंजीकरण कराने वालों के लिए फिल्में ऑनलाइन देखना मुफ्त है।
बांग्लादेश की आजादी के 50 साल पूरे होने के उपलक्ष्य में इस साल बांग्लादेश को फिल्म महोत्सव का 'फोकस देश' चुना गया है। फिल्म समीक्षकों द्वारा प्रशंसित फिल्म 'हसीना- ए डॉटर्स टेल' सहित बांग्लादेश की 11 फिल्मों का एक विशेष पैकेज एमआईएफएफ 2022 में दिखाया जाएगा।
632 करोड़ रूपए की लागत से बनने वाले ओलिंपिक-स्तरीय स्पोर्ट्स कॉम्प्लेक्स का शिलान्यास किया
गुजरात:केन्द्रीय गृह एवं सहकारिता मंत्री श्री अमित शाह ने आज गुजरात के अहमदाबाद में 632 करोड़ रूपए की लागत से बनने वाले ओलिंपिक-स्तरीय स्पोर्ट्स कॉम्प्लेक्स का शिलान्यास किया। कार्यक्रम में गुजरात के मुख्यमंत्री श्री भूपेन्द्र पटेल, केन्द्रीय मंत्री श्री अनुराग सिंह ठाकुर और केन्द्रीय गृह राज्यमंत्री श्री निशिथ प्रमाणिक सहित अनेक गणमान्य व्यक्ति शामिल हुए।
इस अवसर पर अपने संबोधन में श्री अमित शाह ने कहा कि आज इस क्षेत्र के युवाओं का एक बड़ा स्वप्न साकार होने जा रहा है। क्षेत्र में कई स्कूल ऐसे हैं जहां मैदान ही नहीं है, ऐसे में ये बच्चे कहां खेलेंगे। लेकिन अब इस स्पोर्ट्स कॉम्प्लेक्स में पीटी का दिन निश्चित कर जिस स्कूल में मैदान नहीं है, वहां के बच्चे यहां खेलने के लिए आएंगे। आज से तीस माह बाद हम प्रधानमंत्री श्री नरेन्द्र मोदी जी को इस स्पोर्ट्स कॉम्प्लेक्स के उद्घाटन के लिए आमंत्रित करेंगे और मैं आपको भरोसा दिलाता हूं कि मैं ख़ुद इसकी मॉनिटरिंग करके ये सुनिश्चित करूंगा कि तीस महीनों में यह कार्य संपन्न हो। आज इस क्षेत्र के सांसद के तौर पर मैं देश के प्रधानमंत्री और गुजरात के सपूत श्री नरेन्द्र मोदी जी का हृदयपूर्वक आभार व्यक्त करता हूं कि अगर उनका सहयोग ना मिला होता तो यह कॉम्प्लेक्स कभी बननेवाला नहीं था।
श्री अमित शाह ने कहा कि देश के प्रधानमंत्री श्री नरेन्द्र मोदी जी ने अहमदाबाद को खेलकूद के क्षेत्र में अंतर्राष्ट्रीय नाम बनाने के लिए अनेक सुविधाएँ दी हैं। उन्होंने कहा कि जब श्री नरेन्द्र मोदी गुजरात के मुख्यमंत्री थे तब उन्होंने आबाद (ABAD) डेयरी में अनेक प्रकार के खेल खेलने के लिए एक इंडोर स्पोर्ट्स कॉम्प्लेक्स शुरु किया था। इसके अलावा अहमदाबाद में ही स्थित विश्व के सबसे बड़े क्रिकेट स्टेडियम का नाम भी नरेन्द्र मोदी क्रिकेट स्टेडियम रखा गया है। प्रधानमंत्री मोदी ने इस स्टेडियम के नज़दीक़ ही एक बहुत विशाल जगह सरदार पटेल स्पोर्ट्स कॉम्प्लेक्स बनाने के लिए दी है और यह स्पोर्ट्स कॉम्प्लेक्स बनने के साथ ही अहमदाबाद एक ऐसा शहर बन जाएगा जहां ओलंपिक की तैयारी की जा सकेगी। सरदार पटेल स्पोर्ट्स कॉम्पलेक्स, नरेन्द्र मोदी स्टेडियम, नारणपुरा स्पोर्ट्स कॉम्पलेक्स और अन्य तीन स्पोर्ट्स कॉम्पलेक्स के साथ ही ओलंपिक के लिए सभी खेलों के लिए अंतरराष्ट्रीय स्तर के मैदानों, स्टेडियमो की हमारी तैयारी पूरी हो जाएगी।
प्रधानमंत्री श्री नरेंद्र मोदी का विजन भारत में खेल संस्कृति को बढ़ावा देने और भारत को खेल महाशक्ति बनाने का है: केन्द्रीय खेल मंत्री
रामजी पांडे
नई दिल्ली:अहमदाबाद के नारणपुरा में आंतरराष्ट्रीय स्तर के स्पोर्ट्स कॉम्प्लेक्स का केन्द्रीय गृहमंत्री एवं सहकारिता मंत्री श्री अमित शाह ने केन्द्रीय खेल मंत्री श्री अनुराग सिंह ठाकुर की उपस्थिति में आज शिलान्यास किया।
इस अवसर पर अपने संबोधन में श्री अमित शाह ने कहा कि आज इस क्षेत्र के युवाओं का एक बड़ा स्वप्न साकार होने जा रहा है। क्षेत्र में कई स्कूल ऐसे हैं जहां मैदान ही नहीं है, ऐसे में ये बच्चे कहां खेलेंगे। लेकिन अब इस स्पोर्ट्स कॉम्प्लेक्स में पीटी का दिन निश्चित कर जिस स्कूल में मैदान नहीं है, वहां के बच्चे यहां खेलने के लिए आएंगे। आज से तीस माह बाद हम प्रधानमंत्री श्री नरेन्द्र मोदी जी को इस स्पोर्ट्स कॉम्प्लेक्स के उद्घाटन के लिए आमंत्रित करेंगे और मैं आपको भरोसा दिलाता हूं कि मैं ख़ुद इसकी मॉनिटरिंग करके ये सुनिश्चित करूंगा कि तीस महीनों में यह कार्य संपन्न हो। आज इस क्षेत्र के सांसद के तौर पर मैं देश के प्रधानमंत्री और गुजरात के सपूत श्री नरेन्द्र मोदी जी का हृदयपूर्वक आभार व्यक्त करता हूं कि अगर उनका सहयोग ना मिला होता तो यह कॉम्प्लेक्स कभी बनने वाला नहीं था
कतर की यह यात्रा दोनों देशों के बीच राजनयिक संबंधों की 50वीं वर्षगांठ से पूर्व द्विपक्षीय संबंधों को बढ़ावा देगी
रामजी पांडे
नई दिल्ली:उपराष्ट्रपति श्री एम. वेंकैया नायडु ने आज तीन देशों गैबॉन, सेनेगल और क़तर के दौरे की शुरुआत की जो 30 मई से 7 जून 2022 तक चलेगी। उनके साथ स्वास्थ्य और परिवार कल्याण राज्य मंत्री डॉ. भारती प्रवीण पवार और तीन सांसद श्री सुशील कुमार मोदी (राज्य सभा), श्री विजय पाल सिंह तोमर (राज्य सभा) और श्री पी. रवींद्रनाथ (लोकसभा) सहित एक उच्च स्तरीय प्रतिनिधिमंडल भी है। यह उम्मीद है कि तीनों देशों के साथ कई द्विपक्षीय दस्तावेजों के संबंध में अंतिम फैसला लिया जाएगा।
फोटो कैप्शन- उपराष्ट्रपति श्री एम. वेंकैया नायडु 30 मई, 2022 को नई दिल्ली से तीन देशों गैबॉन, सेनेगल और क़तर के दौरे के लिए विमान पर सवार होते हुए
हालांकि श्री नायडु की यह यात्रा इन तीनों देशों में किसी भी उपराष्ट्रपति की पहली यात्रा होगी लेकिन, यह यात्रा भारत की ओर से गैबॉन और सेनेगल की पहली उच्च स्तरीय यात्रा है। उनकी यात्रा से अफ्रीका के साथ भारत के जुड़ाव को गति मिलने की उम्मीद है। यह यात्रा अफ्रीकी महाद्वीप के लिए भारत की प्रतिबद्धता पर जोर देगी।
उपराष्ट्रपति की क़तर यात्रा काफी मायने रखती है क्योंकि दोनों देश राजनयिक संबंधों की स्थापना की 50वीं वर्षगांठ मनाने की तैयारी में हैं। इस यात्रा से देशों के बीच द्विपक्षीय संबंधों को और बढ़ावा मिलने की उम्मीद है।
श्री नायडु 30 मई से 01 जून 2022 तक गैबॉन दौरे पर रहेंगे। गैबॉन में वह गैबॉन के प्रधानमंत्री माननीय सुश्री रोज क्रिस्टियन ओसौका रापोंडा के साथ प्रतिनिधिमंडल स्तर की बातचीत करेंगे। उपराष्ट्रपति नायडु गैबॉन के राष्ट्रपति महामहिम श्री अली बोंगो ओंडिम्बा और अन्य गणमान्य व्यक्तियों से भी मिलेंगे। उम्मीद है कि वे गैबॉन में व्यापारिक समुदाय के साथ बातचीत करेंगे और वहां भारतीय प्रवासियों को भी संबोधित करेंगे।
उपराष्ट्रपति नायडु 1 से 3 जून तक सेनेगल की यात्रा पर रहेंगे। श्री नायडु सेनेगल के राष्ट्रपति महामहिम श्री मैकी सैल के साथ प्रतिनिधिमंडल स्तर की वार्ता करेंगे। श्री नायडु सेनेगल के नेशनल असेंबली के अध्यक्ष माननीय श्री मुस्तफा नियासे और अन्य गणमान्य हस्तियों से भी मिलेंगे। उल्लेखनीय है कि भारत और सेनेगल इस वर्ष राजनयिक संबंधों की स्थापना की 60वीं वर्षगांठ मना रहे हैं। उपराष्ट्रपति के एक व्यापार गोलमेज सम्मेलन में भाग लेने और भारतीय समुदाय को संबोधित करने की भी उम्मीद है।
दौरे के अंतिम चरण में 4 से 7 जून 2022 तक क़तर की यात्रा होगी। क़तर यात्रा के दौरान, श्री नायडु क़तर के डिप्टी अमीर, महामहिम शेख अब्दुल्ला बिन हमद अल थानी के साथ प्रतिनिधिमंडल स्तर की वार्ता करेंगे और द्विपक्षीय सहयोग की समीक्षा भी करेंगे। वह इस यात्रा के दौरान क़तर के कई अन्य गणमान्य व्यक्तियों से भी मुलाकात करेंगे और क़तर में एक व्यापार गोलमेज सम्मेलन को संबोधित करेंगे। उल्लेखनीय है कि क़तर ने पिछले दो वर्षों में विभिन्न भारतीय कंपनियों में 2 अरब अमेरिकी डॉलर से अधिक का निवेश किया है।
क़तर यात्रा के अंतिम दिन उपराष्ट्रपति की यात्रा के अवसर पर एक सामुदायिक स्वागत समारोह आयोजित किया जा रहा है, जहां वह क़तर में भारतीय समुदाय के लोगों को संबोधित करेंगे। भारत और कतर का लोगों से लोगों के बीच संपर्क का एक लंबा इतिहास है। क़तर में अभी अनुमानित रूप से 7,50,000 भारतीय प्रवासी हैं।
प्रधानमंत्री पीएम-किसान की 11वीं किस्त भी जारी करेंगे
प्रधानमंत्री श्री नरेन्द्र मोदी 31 मई, 2022 को शिमला, हिमाचल प्रदेश का दौरा करेंगे। लगभग 11 बजे, प्रधानमंत्री 'गरीब कल्याण सम्मेलन' में भाग लेंगे। प्रधानमंत्री के नेतृत्व में सरकार के आठ वर्ष पूरे होने के उपलक्ष्य में यह अनूठा सार्वजनिक कार्यक्रम देश भर में राज्यों की राजधानियों, जिला मुख्यालयों और कृषि विज्ञान केंद्रों में आयोजित किया जा रहा है। यह सम्मेलन सरकार द्वारा चलाए जा रहे विभिन्न कल्याणकारी कार्यक्रमों के बारे में लोगों की राय प्राप्त करने के प्रयास के तहत देश भर में निर्वाचित जनप्रतिनिधियों को जनता के साथ सीधे बातचीत करने का अवसर प्रदान करता है।
'गरीब कल्याण सम्मेलन' सुबह करीब 09:45 बजे शुरू होगा, जिसमें मुख्यमंत्री, केंद्रीय मंत्री, राज्य मंत्री, संसद सदस्य, विधान सभा के सदस्य और अन्य निर्वाचित जनप्रतिनिधि देश भर में अपने-अपने स्थानों पर जनता से सीधे बातचीत करेंगे। लगभग 11:00 बजे प्रधानमंत्री के कार्यक्रम में शामिल होने के साथ, विभिन्न राज्य और स्थानीय स्तर के कार्यक्रमों को इसमें शामिल करके सम्मेलन को राष्ट्रीय बना दिया जाएगा। सम्मेलन के दौरान प्रधानमंत्री भारत सरकार के नौ मंत्रालयों/विभागों के विभिन्न कार्यक्रमों के लाभार्थियों से सीधे संवाद करेंगे।
देश भर में आयोजित फ्रीव्हीलिंग बातचीत का उद्देश्य जनता से स्वतंत्र और स्पष्ट राय प्राप्त करना, लोगों के जीवन में कल्याणकारी योजनाओं के प्रभाव को समझना और विभिन्न सरकारी कार्यक्रमों को लेकर विलय एवं सैचुरेशन का पता लगाना है। देश के नागरिकों के जीवन को आसान बनाने के लिए सरकारी कार्यक्रमों की पहुंच और वितरण को और अधिक कारगर बनाने का प्रयास है।
प्रधानमंत्री इस अवसर पर प्रधानमंत्री किसान सम्मान निधि (पीएम-किसान) योजना के तहत वित्तीय लाभ की 11वीं किस्त भी जारी करेंगे। इससे 10 करोड़ से अधिक लाभार्थी किसान परिवारों को 21,000 करोड़ रुपये की राशि अंतरित हो सकेगी। इस अवसर पर, प्रधानमंत्री देश भर में (पीएम-किसान) के लाभार्थियों के साथ भी बातचीत करेंगे।
Sunday, 29 May 2022
मजदूरों की आम सभा में सीटू नेताओं ने प्रदेश सरकार को बताया घोर मजदूर विरोधी, 8 साल से नहीं बढ़ा प्रदेश के मजदूरों का न्यूनतम वेतन- गंगेश्वर दत्त शर्मा
Friday, 27 May 2022
लखनऊ में भी राष्ट्रीय रोजगार नीति आधारित कानून बनाने की उठी माँग TAP NEWS
अंतर्राष्ट्रीय योग दिवस पर मैसुरु में डिजिटल योग प्रदर्शनी
हैदराबाद में आज सभी क्षेत्रों के हजारों लोगों ने योग उत्सव में हिस्सा लिया। इस कार्यक्रम का आयोजन केंद्रीय आयुष मंत्रालय ने किया था, जिसमें तेलंगाना सरकार ने सक्रिय सहयोग दिया था। इस कार्यक्रम में तेलंगाना के राज्यपाल डॉ. तमिलिसाई सुंदरराजन मुख्य अतिथि के तौर पर उपस्थित थे। उनके साथ केंद्रीय आयुष, पत्तन, पोत परिवहन एवं जलमार्ग मंत्री श्री सर्बानन्द सोनोवाल, आयुष और महिला एवं बाल विकास राज्यमंत्री डॉ. मुंजपरा महेन्द्रभाई कालूभाई, तेलंगाना के वित्त, स्वास्थ्य, चिकित्सा एवं परिवार कल्याण मंत्री श्री थान्नीरू हरीश राव भी मौजूद थे। इस उत्सव की विषयवस्तु ‘मेक योग ए पार्ट ऑफ यूअर लाइफ’ थी।
इस कार्यक्रम की व्यवस्था आयुष मंत्रालय के अधीन मोरारजी देसाई राष्ट्रीय योग संस्थान ने की थी, जिसमें 10 हजार से अधिक योगाभ्यासियों ने साझा योगाभ्यास नियम (सीवाईपी) का प्रदर्शन किया। इस कार्यक्रम का उद्देश्य था कि योग के विभिन्न आयामों और मानव जीवन को समृद्ध बनाने की उसकी क्षमता के प्रति जागरूकता पैदा की जाये। ‘मेक योग ए पार्ट ऑफ यूअर लाइफ’ विषयक उत्सव में खेल, सिनेमा और संस्कृति की दुनिया की कई हस्तियों ने भाग लिया और इस कार्यक्रम में अन्य योग उत्साही लोगों के साथ सीवाईपी का प्रदर्शन किया।
इस अवसर पर श्री सर्बानन्द सोनोवाल ने कहा कि हमें योग को अपने जीवन का हिस्सा बनाकर अपनी समृद्ध धरोहर को मान देना चाहिये। योग हमारे स्वास्थ्य और मन को समृद्ध करता है। उन्होंने कहा कि आज के कार्यक्रम की सफलता 21 जून को मैसुरु में आसन्न आठवें अंतर्राष्ट्रीय योग दिवस को गति देगा, जिसमें प्रधानमंत्री श्री नरेन्द्र मोदी जी विश्वभर के योगाभ्यासियों और योग के उत्साहियों का नेतृत्व करेंगे। श्री सोनोवाल ने कहा कि योग उत्सव के पीछे विचार यह है कि लोगों को योग को अपनाने के लिये प्रोत्साहित किया जाये, क्योंकि यह हजारों साल पुरानी हमारी सभ्यता का शानदार उपहार है और इसके जरिये हम अपने जीवन की गुणवत्ता को समृद्ध कर सकते हैं।
श्री सोनोवाल ने एक प्रमुख आकर्षण की घोषणा की, जो “गार्डियन रिंग” के नाम से जाना जाता है। इसके तहत पूरे योग दिवस को दुनिया भर में होने वाले योग उत्सव को दिखाया जायेगा। हर वर्ष अंतर्राष्ट्रीय योग दिवस को विदेश में स्थित दूतावास योग गतिविधियों का आयोजन करते हैं। गार्डियन रिंग विभिन्न दूतावासों से मिलने वाले दृश्यों को एक लड़ी में पिरोयेगी। उसकी स्ट्रीमिंग जापान से शुरू होगी, जिसे सूर्योदय की धरती भी कहा जाता है। वहां स्थानीय समयानुसार छह बजे प्रातः इसकी शुरुआत होगी और फिर यह कड़ी पश्चिम की तरफ घूम जायेगी। जब भी, जिस देश में भी सूर्योदय होगा, वहां से स्ट्रीमिंग शुरू हो जायेगी। डीडी इंडिया पर इसका सीधा प्रसारण किया जायेगा। “गार्डियन रिंग” में “वन सन, वन अर्थ” को रेखांकित किया जायेगा। इस अवधारणा का उद्देश्य है कि योग की एकीकरण शक्ति को दर्शाया जाये। श्री सोनोवाल ने बताया कि पूर्वावलोकन कार्यक्रम के तहत आजादी के अमृत महोत्सव के क्रम में देशभर के 75 प्रमुख स्थानों पर आयोजित होने वाले योग उत्सवों में 25 करोड़ से अधिक लोग शामिल होंगे।
Thursday, 26 May 2022
दीदी की रसोई ट्रस्ट ने जरूरतमंदों को बांटा निशुल्क भोजन- गंगेश्वर दत्त शर्मा
Wednesday, 25 May 2022
noida दिल्ली पुलिस की वर्दी पहनकर घूम रहे फर्जी दारोगा गिरफ्तार
झुठी शान की खातिर पहले युवती के परिजनों ने युवक को नहर पर बुलाया मारपीट कर उसे जहर पिला दिया
पुलिस द्वारा वेंडर्स को परेशान करने के विरोध में सीटू ने पुलिस कमिश्नर कार्यालय पर दिया ज्ञापन - गंगेश्वर दत्त शर्मा
आम आदमी पार्टी की ट्रेड विंग श्रमिक विकास संगठन SVS के जिला अध्यक्ष बने अनिल मिश्रा
Tuesday, 24 May 2022
थाना ईसानगर पुलिस एवं राजस्व विभाग की संयुक्त टीम द्वारा 02 नफर गैंगस्टर अभियुक्तों के विरुद्ध गैंगस्टर एक्ट की धारा 14(1) के तहत की गई
नोएडा के निठारी स्थित हंसराज कमर्शियल कंपलेक्स में लगी भीषण आग, फायर बिग्रेड की एक दर्ज़न गाड़ियों ने आग पर काबू पाने में जुटी
वेंडर्स की समस्याओं के समाधान के लिए प्राधिकरण की जनसुनवाई कार्यक्रम की सीटू ने की सराहना
Monday, 23 May 2022
रोहित धनखड़ ने समर्थकों सहित ज्वाइन की AAP
तमिलनाडु के लोगों की संस्कृति और समृद्ध परंपरा के प्रति लगाव ने क्षेत्र की अनूठी जैव विविधता को संरक्षित किया है: केंद्रीय पर्यावरण मंत्री श्री भूपेंद्र यादव
नई दिल्ली :केंद्रीय पर्यावरण, वन और जलवायु परिवर्तन मंत्री श्री भूपेंद्र यादव ने कहा है कि सुंदर राज्य तमिलनाडु के लोगों की संस्कृति और समृद्ध परंपरा के प्रति लगाव ने क्षेत्र की अनूठी जैव विविधता को संरक्षित किया है। मंत्री महोदय ने आज चेन्नई में अंतर्राष्ट्रीय जैव विविधता दिवस के अवसर पर एक विशेष प्रदर्शनी के उद्घाटन के दौरान यह बात कही। केंद्रीय पर्यावरण, वन और जलवायु परिवर्तन राज्य मंत्री श्री अश्विनी कुमार चौबे और तमिलनाडु सरकार के पर्यावरण मंत्री, श्री शिवा वी. मेयनाथन के साथ श्री भूपेंद्र यादव ने एक विशेष स्मारक पोस्टल कवर और 'इंडिया नेचुरल' नामक पुस्तक का विमोचन किया और भारत जैव विविधता पुरस्कार-2021 भी प्रदान किए।
श्री भूपेंद्र यादव ने अपने भाषण में लोगों से जैव विविधता के संरक्षण और सुरक्षा के मुद्दों पर युवाओं को संवेदनशील बनाने की दिशा में काम करने का संकल्प लेने की अपील की। उन्होंने कहा, "जैव विविधता हमें ऐसी वस्तुएं और सेवाएं प्रदान करती है जो दुनिया की प्राकृतिक जीवन संरचना उपलब्ध कराती हैं और यह एक अच्छी वैश्विक अर्थव्यवस्था के लिए आवश्यक हैं। ऐसा अनुमान है कि विश्व की लगभग 40 प्रतिशत अर्थव्यवस्था जैविक उत्पादों या प्रक्रियाओं पर आधारित है। जैव विविधता के संरक्षण और संवर्धन का कोई भी प्रयास तभी सफल हो सकता है जब हम ग्लोबल वार्मिंग की चुनौती से निपटें। ग्लोबल वार्मिंग को तत्काल नियंत्रण में लाना होगा।”
डिजिटल इंडिया स्टार्टअप हब जल्द शुरू होगा
रामजी पांडेय
नई दिल्ली :भारत में सफल होने के लिए अब आपको किसी प्रसिद्ध उपनाम की आवश्यकता नहीं है। कठिन परिश्रम, साहस, नवाचार ही सफलता के निर्धारक हैं। ऐसा उस वक्त नहीं था जब मैंने अपनी उद्यमशीलता की यात्रा शुरू की थी। यह नया भारत है जिसे श्री नरेन्द्र मोदी जी बना रहे हैं। 2014 से पहले, उद्यमिता एक नियम या मानदंड के बजाय केवल एक अपवाद था। युवा भारतीयों के लिए सफल होने का इससे पहले अधिक उपयुक्त क्षण कभी नहीं रहा है। नरेन्द्र मोदी सरकार और गुजरात सरकार की सक्रिय नीतियों के लिए धन्यवाद।” ये बातें केंद्रीय इलेक्ट्रॉनिक्स एवं आईटी और कौशल विकास एवं उद्यमिता राज्य मंत्री श्री राजीव चंद्रशेखर ने गुजरात विश्वविद्यालय में 'युवा भारत के लिए नया भारत: अवसरों की तकनीक' विषय पर बोलते हुए कही।
केंद्रीय मंत्री ने युवा स्टार्टअप, उद्यमियों, छात्रों और विश्वविद्यालय के संकाय से खचाखच भरे सभागार में एक बेहतरीन प्रस्तुति दी। मंत्री ने इस बात पर प्रकाश डाला कि कैसे मोदी सरकार के 8 वर्षों ने भारत के बारे में पारंपरिक कथाओं को ध्वस्त किया है। श्री राजीव चंद्रशेखर ने कहा कि, “पहले भारतीय लोकतंत्र भ्रष्टाचार और इसकी प्रणाली बड़ी खामियों से जुड़ी थी। 80 के दशक में एक प्रधानमंत्री थे जिन्होंने एक कुख्यात बयान दिया था कि दिल्ली से एक लाभार्थी को भेजे जाने वाले हर 100 पैसे में से केवल 15 पैसे ही उसके पास पहुंच पाते हैं। तथाकथित कमजोर और दोषपूर्ण प्रणाली की स्वीकार्यता ऐसी ही थी। लेकिन, 2015 में प्रधानमंत्री नरेन्द्र मोदी द्वारा शुरू किए गए डिजिटल इंडिया कार्यक्रम के लिए धन्यवाद, जिसके तहत अब एक-एक रुपया सीधे देश के कोने-कोने में रहने वाले लाभार्थी के खातों में हस्तांतरित किया जाता है। हमने भारत में लोकतंत्र के कमजोर और दोषपूर्ण होने के आख्यान को अब बदल दिया है।”
स्टार्टअप्स के लिए सरकार की भावी नीतिगत पहलों के बारे में जिज्ञासु युवा स्टार्टअप्स के साथ बातचीत करते हुए केंद्रीय मंत्री राजीव चंद्रशेखर ने बताया कि, “स्टार्टअप परितंत्र को बढ़ावा देने और राष्ट्रीय स्तर पर स्टार्टअप पहलों को केंद्रीकृत रूप में समन्वयित करने के लिए जल्द ही एक संस्थागत ढांचा डिजिटल इंडिया स्टार्टअप हब स्थापित किया जाएगा। सरकार स्टार्टअप्स को सरकारी परितंत्र से जोड़ने का प्रयास कर रही है ताकि सरकार की खरीद आवश्यकताएं स्टार्टअप्स के अभिनव समाधानों से पूरी की जा सके।
केंद्रीय मंत्री ने उभरती प्रौद्योगिकियों में कौशल हासिल करने के लिए छात्रों और स्टार्टअप्स को प्रेरित करते हुए और भारत की बढ़ती डिजिटल अर्थव्यवस्था के लिए डिजिटल कौशल सीखने के महत्व पर प्रकाश डालते हुए कहा कि, "नवाचार, नवाचार और नवाचार आगे बढ़ने का एक मात्र मंत्र है। नवाचार हमारे भविष्य को संचालित करने वाला है। हमारे स्टार्टअप और उद्यमी भारतीय अर्थव्यवस्था को 5 ट्रिलियन डॉलर और डिजिटल अर्थव्यवस्था को 1 ट्रिलियन डॉलर की ओर ले जाएंगे।
पुरुषोत्तम रूपाला ने 16 से 20 मई 2022 तक ब्राजील का दौरा किया
रामजी पांडेय
नई दिल्ली:केंद्रीय मत्स्य पालन, पशुपालन और डेयरी मंत्री श्री पुरुषोत्तम रूपाला ने ब्राजील के कृषि मंत्री के आमंत्रण पर 16 से 20 मई 2022 तक ब्राजील का दौरा किया। इस यात्रा के दौरान उन्होंने एक प्रतिनिधिमंडल का नेतृत्व किया, जिसमें पशुपालन और डेयरी क्षेत्र के विशेषज्ञ तथा निजी क्षेत्र के प्रतिनिधि भी शामिल थे।
श्री रूपाला ने ब्राजील के अपने समकक्ष कृषि, पशुधन एवं आपूर्ति मंत्री श्री मार्कोस मोंटेस कोर्डेइरो के साथ बहुत उपयोगी चर्चा की। दोनों मंत्रियों ने पारस्परिक रूप से लाभकारी संबंधों को और अधिक सुदृढ़ करने पर सहमति व्यक्त की।
श्री रूपाला ने ब्राजीलियाई एसोसिएशन ऑफ ज़ेबू ब्रीडर्स (एबीसीजेड), उबेरबा के मेयर, ब्राजीलियाई कृषि और पशुधन परिसंघ (सीएनए) और ब्राजीलियाई सहकारी संगठन (ओसीबी) के अध्यक्षों के साथ बैठकें कीं। उन्होंने अनुसंधान एवं विकास, आनुवंशिक सुधार और व्यापार तथा निवेश के माध्यम से डेयरी क्षेत्र में सहयोग बढ़ाने के तौर-तरीकों पर चर्चा की।
जनवरी 2020 में राष्ट्रपति श्री बोल्सोनारो की भारत यात्रा के दौरान, ब्राजील ने अपने इतिहास में पहली बार किसी देश के साथ 15 समझौता ज्ञापनों व सहमति पत्रों पर हस्ताक्षर किए और पशुपालन एवं डेयरी, तेल तथा प्राकृतिक गैस, बायोएनर्जी, इथेनॉल, व्यापार व निवेश और कई अन्य क्षेत्रों में सहयोग बढ़ाने का निर्णय लिया गया।
राष्ट्रपति बोल्सोनारो की भारत यात्रा के दौरान राष्ट्रीय डेयरी विकास बोर्ड (एनडीडीबी) और ब्राजीलियाई ज़ेबू ब्रीडर्स एसोसिएशन (एबीसीजेड) के बीच तकनीकी सहयोग की एक संयुक्त घोषणा पर हस्ताक्षर किए गए। केंद्रीय मंत्री ने उबेरबा में ज़ेबू संग्रहालय का दौरा किया और चार अत्याधुनिक मवेशी जीनोमिक्स तथा भ्रूण प्रयोगशालाओं ज़ेबुएम्ब्रियो, एबीएस सीमेन एंड एम्ब्रियोस सेंट्रल, जीनल एम्ब्रियोस सेंट्रल और अल्टा जेनेटिक्स सेमेन सेंट्रल का काम-काज देखा। श्री रूपाला ने उनके कार्यों की सराहना की और पशुपालन एवं इनसे संबद्ध क्षेत्रों की गतिविधियों में पारस्परिक रूप से लाभकारी भागीदारी के लिए सहयोग बढ़ाने में उनकी रुचि का स्वागत किया।
वर्ष 2016 में पशुपालन एवं डेयरी विभाग (डीएएचडी) और ब्राजील के कृषि अनुसंधान निगम (ईएमबीआरएपीए) के बीच एक समझौता ज्ञापन पर हस्ताक्षर किए गए थे। इस सिलसिले में केंद्रीय मंत्री ने जुइज़ डी फोरा में एम्ब्रापा मवेशी डेयरी (एम्ब्रापा गाडो डी लेइट) अनुसंधान केंद्र का दौरा किया और समझौता ज्ञापन के तहत जल्द से जल्द एक कार्य योजना को अंतिम रूप देने तथा उसे लागू करने की आवश्यकता पर बल दिया। आईवीएफ प्रौद्योगिकी में विशेषज्ञता के लिए ब्राजील में भारतीय पेशेवरों का प्रशिक्षण और भारत में आईवीएफ भ्रूण उत्पादन शुरू करने के लिए ब्राजील की कंपनियों की पहचान करना इस कार्य योजना में अमल की जाने वाली प्रमुख गतिविधियों में शामिल है।
श्री रूपाला ने ब्राजील में अंतर्राष्ट्रीय योग दिवस 2022 के उपलक्ष्य में आयोजित समारोह में भाग लिया और बड़ी संख्या में ब्राजील के योग शिक्षकों के साथ बातचीत की। केंद्रीय मंत्री ने आयुर्वेद को बढ़ावा देने के लिए एक आयुर्वेद चित्रकथा पुस्तक "प्रोफेसर आयुष्मान" का शुभारंभ किया। इस पुस्तक का अनुवाद भारत के दूतावास द्वारा ब्राजील के आयुर्वेद विशेषज्ञ डॉ जोस रुगु के साथ साझेदारी में किया गया है। श्री रूपाला ने वहां सार्वजनिक और निजी क्षेत्रों के विभिन्न उच्च-स्तरीय गणमान्य व्यक्तियों के साथ भी चर्चा की।
भारत की स्वतंत्रता के 75 वर्षों के संदर्भ में आयोजित गतिविधियों के हिस्से के रूप में भारतीय दूतावास भारत की अंतरिक्ष एजेंसी इसरो द्वारा हासिल की गई उपलब्धियों को प्रदर्शित करने के लिए 21 मई से 10 जून 2022 तक ब्राजील के तारामंडल में एक अंतरिक्ष प्रदर्शनी का आयोजन कर रहा है। केंद्रीय मंत्री ने 20 मई 2022 को इस अंतरिक्ष प्रदर्शनी का उद्घाटन किया।
केंद्रीय मंत्री ने साओ पाउलो, ब्रासीलिया तथा रियो डी जनेरियो में राष्ट्रपिता महात्मा गांधी की प्रतिमाओं पर पुष्पांजलि अर्पित की। उन्होंने इन स्थानों पर भारतीय प्रवासियों के साथ बातचीत भी की।
केंद्रीय मंत्री श्री रूपाला ने यूपीएल लिमिटेड के सुविधा केंद्रों का दौरा किया, जो एक भारतीय बहुराष्ट्रीय कंपनी है। यह वाणिज्यिक संस्था कृषि रसायनों का निर्माण एवं विपणन करती है और फसल सुरक्षा समाधान भी प्रदान करती है। केंद्रीय मंत्री की इस यात्रा के दौरान उनके साथ सेंट्रल फ्रोजन सीमेन प्रोडक्शन एंड ट्रेनिंग इंस्टिट्यूट के निदेशक डॉ बी अरुण प्रसाद और प्रतिनिधिमंडल के अन्य सदस्यों के साथ-साथ पशु प्रजनन राष्ट्रीय डेयरी विकास बोर्ड के वरिष्ठ प्रबंधक डॉ नीलेश नई भी उपस्थित थे।
स्टील अथॉरिटी ऑफ इंडिया लिमिटेड (सेल) मना रही है अपनी स्थापना के 50वें साल का उत्सव
रामजी पांडेय
नई दिल्ली:देश की सार्वजनिक क्षेत्र की स्टील उत्पादक कंपनी, स्टील अथॉरिटी ऑफ इंडिया लिमिटेड (सेल), इस साल यानि 2022 में अपनी स्थापना के पचासवें साल का उत्सव मना रही है। सेल की स्थापना 24 जनवरी, 1973 हुई थी।
सेल ने अपने पचास साल की इस महान विरासत को यादगार बनाने के लिए आज एक स्मारक लोगो जारी किया है, जिसके बाद देश भर में स्थित कंपनी के संयंत्रो और इकाईयों में पूरे साल अनेक कार्यक्रम आयोजित किए जाएंगे। इस अवसर पर जारी किया गया स्मारक लोगो का डिजाइन, कंपनी के मूल लोगो को बरकरार रखने के साथ, कंपनी की पचास साल की इस यात्रा की भावनाओं को बड़ी खूबसूरती से संजोये हुए है। यह लोगो, सेल की अध्यक्ष श्रीमती सोमा मण्डल ने आज यहां कंपनी के निदेशकों की मौजूदगी में जारी किया।
यह उपलब्धि अनेक साल से देश के निर्माण में स्टेकहोल्डर्स की बेहतर भागीदारी और योगदान सुनिश्चित करने के लिए कंपनी के निरंतर प्रयासों और पहलों का प्रमाण है।
निठारी कांड में दुष्कर्म के बाद हत्या के मामले सुरेंद्र कोली 14वीं बार दोषी करार, मिली मौत की सजा, मोनिंदर सिंह पंढेर को सात साल की जेल
Saturday, 21 May 2022
दीदी की रसोई ट्रस्ट ने जरूरतमंदों को कराया निशुल्क भोजन- गंगेश्वर दत्त शर्मा
Friday, 20 May 2022
1971 में भारतीयों ने बांग्लादेशियों के लिए अपनी सीमाएं और अपने मन के द्वार खोल दिए: डॉ महमूद
नई दिल्ली केंद्रीय सूचना एवं प्रसारण मंत्री श्री अनुराग ठाकुर तथा बांग्लादेश के सूचना और प्रसारण मंत्री डॉ. हसन महमूद ने आज संयुक्त रूप से भारत-बांग्लादेश सह-निर्माण में बनी व श्री श्याम बेनेगल द्वारा निर्देशित फीचर फिल्म 'बंगबंधु', मुजीब- द मेकिंग ऑफ ए नेशन’ पर 90-सेकंड का एक आकर्षक ट्रेलर जारी किया।
इस अवसर पर दर्शकों को संबोधित करते हुए केंद्रीय मंत्री श्री अनुराग ठाकुर ने कहा कि भारत और बांग्लादेश के सह-निर्माण की फिल्म होने के साथ ही यह प्रधानमंत्री श्री नरेन्द्र मोदी की एक पहल भी है। मंत्री श्री ठाकुर ने कहा, "फिल्म बंगबंधु शेख मुजीबुर्रहमान जी की जन्मशती पर एक उपहार के समान है।“ फिल्म-निर्माण से जुड़ी कठिनाइयों के बारे में श्री ठाकुर ने कहा कि जब दुनिया कोविड महामारी के दौरान चुनौतीपूर्ण समय का मुकाबला कर रही थी, तब फिल्म पर काम चल रहा था। श्री ठाकुर ने फिल्म को अच्छे पड़ोसी संबंधों का एक उदाहरण बताया, विशेषकर ऐसे समय में जब दुनिया विभिन्न पड़ोसी देशों के बीच जारी संघर्ष को देख रही है। फिल्म के जरिए दोनों देश एक दूसरे के काम के सन्दर्भ में पूरक सिद्ध हुए हैं। मंत्री महोदय ने इस पहल के लिए प्रधानमंत्री नरेन्द्र मोदी और बांग्लादेश की प्रधानमंत्री शेख हसीना को धन्यवाद दिया।
श्री अनुराग ठाकुर ने कहा कि इस साल भारत की आजादी की 75वीं वर्षगांठ मनायी जा रही है तथा इसके साथ ही भारत मार्चे डू फिल्म में ‘कंट्री ऑफ ऑनर’ देश भी है। ऐसे में ट्रेलर रिलीज करने तथा भारत और बांग्लादेश की दोस्ती को प्रदर्शित करने का इससे बेहतर अवसर नहीं हो सकता। उन्होंने समारोह में भाग लेने के लिए पूरे बांग्लादेश प्रतिनिधिमंडल को धन्यवाद दिया।
डॉ. हसन महमूद ने अपने संबोधन में कहा कि यह फिल्म बंगबंधु शेख मुजीबुर्रहमान के संघर्ष, पीड़ा और राष्ट्र के निर्माण पर आधारित है। दोनों देशों के बीच के संबंधों की सराहना करते हुए उन्होंने कहा कि दो प्रधानमंत्रियों शेख हसीना और श्री नरेन्द्र मोदी के नेतृत्व में बांग्लादेश व भारत के संबंधों ने नई ऊंचाइयों को छुआ है। डॉ. महमूद ने कहा, "यह फिल्म दोनों देशों के बीच संबंधों की मजबूती और गहराई को दर्शाती है।" मंत्री महोदय ने 1971 में बांग्लादेश के स्वतंत्रता संग्राम का समर्थन करने के लिए भारत के लोगों को धन्यवाद दिया। उन्होंने कहा कि बांग्लादेश के लोग हमेशा भारतीय सैनिकों के बलिदान को याद रखेंगे।
फिल्म के बारे में अपनी राय रखते हुए, डॉ. महमूद ने कहा कि यह फिल्म एक राष्ट्र को आजाद कराने में शेख मुजीब के संघर्ष, दर्द और पीड़ा पर आधारित है। उन्होंने कहा “दुनिया के लोग जानेंगे कि कैसे फांसी के फंदे के सामने होने पर भी वे अटूट बने रहे और उन्होंने कैसे एक निहत्थे राष्ट्र को एक सशस्त्र राष्ट्र में परिवर्तित किया एवं मुक्ति संग्राम का नेतृत्व किया। ऐसे महान लोगों के पूरे जीवन को 3 घंटे में कैप्चर करना आसान नहीं है, लेकिन फिल्म का निर्माण करने वाली टीम ने बहुत अच्छा काम किया है।"
एक रिकॉर्डेड संदेश में अपना संदेश देते हुए, श्री श्याम बेनेगल ने कहा कि, "ट्रेलर जारी किया जा चुका है और मुझे उम्मीद है कि दर्शक इसे पसंद करेंगे। इस फिल्म के लिए काम करना एक अद्भुत यात्रा थी क्योंकि मुझे दोनों देशों के कलाकारों और तकनीशियनों के साथ काम करने का अवसर मिला और भारत व बांग्लादेश के मंत्रालयों को भी पूरी तरह से समर्थन देने के लिए धन्यवाद।”
इस अवसर पर, भारत के सूचना और प्रसारण सचिव श्री अपूर्व चंद्र, फ्रांस में भारत के राजदूत श्री जावेद अशरफ, फ्रांस में बांग्लादेश के राजदूत श्री खोंडकर मोहम्मद तलहा और इस फिल्म के कलाकार भी उपस्थित थे।
मशीनों बुआई मशीनों और वर्टिकल फार्मिंग जैसे समाधानों से किसानों को आय बढ़ाने में मदद मिलेगी : डॉक्टर जितेन्द्र सिंह
नई दिल्ली केन्द्रीय विज्ञान एवं प्रौद्योगिकी राज्यमंत्री (स्वतंत्र प्रभार), केन्द्रीय पृथ्वी विज्ञान राज्यमंत्री (स्वतंत्र प्रभार), प्रधानमंत्री कार्यालय और कार्मिक, लोक शिकायत एवं पेंशन मंत्रालय में राज्यमंत्री डॉक्टर जितेन्द्र सिंह ने कहा कि कृषि तकनीकी से जुड़े स्टार्टअप्स भारत की अर्थव्यवस्था के भविष्य के लिए बेहद महत्वपूर्ण हैं।
मैसूरू में कृषि तकनीकी और खाद्य तकनीकी विषय पर आयोजित सम्मेलन सह-प्रदर्शनी को संबोधित करते हुए डॉक्टर जितेन्द्र सिंह ने कहा कि मोदी सरकार द्वारा भारतीय कृषि के समक्ष उत्पन्न- आपूर्ति श्रृंखला प्रबंधन, पुराने पड़ चुके उपकरणों के इस्तेमाल, अनुचित संरचना और किसानों की विभिन्न बाजारों का आकलन करने में अक्षमता- जैसी कठिनाइयों को दूर करने के लिए नीतिगत माहौल प्रदान किए जाने की वजह से पिछले कुछ वर्षों में भारत में कृषि तकनीकी स्टार्टअप्स की एक नई लहर आई है। मंत्री जी ने इस बात पर संतोष व्यक्त किया कि युवा उद्यमी अब आईटी सेक्टर और बहुराष्ट्रीय कंपनियों की अपनी नौकरियां छोड़कर अपने खुद के स्टार्टअप स्थापित कर रहे हैं। इन युवा उद्यमियों ने अब इस तथ्य को महसूस करना शुरू कर दिया है कि कृषि में निवेश करना बहुत सुरक्षित और लाभकारी व्यापारों में से एक है।
डॉक्टर जितेन्द्र सिंह ने कहा, कृषि तकनीकी से जुड़े स्टार्टअप समूची कृषि मूल्य श्रृंखला के समक्ष उत्पन्न विभिन्न चुनौतियों से निपटने के लिए अभिनव विचार और किफायती समाधान सुझा रहे हैं। इन स्टार्टअप्स में इतनी सामर्थ्य है कि वे भारतीय कृषि क्षेत्र के परिदृश्य को बदल सकते हैं और अंततः किसानों की आय में वृद्धि कर सकते हैं। उन्होंने कहा कि यह स्टार्टअप्स और नवोदित उद्यमी किसानों, कृषि सामग्री के डीलरों, थोक विक्रेताओं, फुटकर विक्रताओं और उपभोक्ताओं को एक-दूसरे से जोड़कर उनके लिए सशक्त बाजार संपर्क और समय पर गुणवत्तापूर्ण उत्पाद प्रदान करने वाली बीच की कड़ियां बन गए हैं।
डॉक्टर जितेन्द्र सिंह ने कहा, ‘भारत की खाद्य तकनीकी, कृषि तकनीकी और कृषि अर्थव्यवस्था परिदृश्य को परिवर्तित करने’ की थीम पर आधारित ‘टेक भारत’ का तीसरा संस्करण एक बहुत ही सामयिक कार्यक्रम है, क्योंकि कृषि, भारतीय अर्थव्यवस्था के महत्वपूर्ण स्तंभों में से एक स्तंभ है, यहां की 54 प्रतिशत आबादी कृषि पर सीधे निर्भर है और देश के सकल घरेलू उत्पाद में इसका हिस्सा करीब 19 (21) प्रतिशत है। उन्होंने कहा कि हालांकि भारत में कृषि की पिछले कुछ वर्षों में सतत प्रगति हुई है लेकिन इस क्षेत्र में युवा, ताजा और अभिनव विचारों को प्रोत्साहित करने के लिए कुछ ज्यादा नहीं किया गया।
डॉक्टर जितेन्द्र सिंह ने कृषि क्षेत्र में आधुनिक नवीन प्रौद्योगिकी के उपयोग की वकालत की और बताया कि इस्राइल, चीन और अमरीका जैसे देशों ने अपने यहां नई प्रौद्योगिकी की मदद से खेती करने के तरीकों में बड़ा परिवर्तन किया है। उन्होंने कहा कि इन देशों ने दिखा दिया है कि प्रौद्योगिकी का वर्गीकरण जैसे हाइब्रिड बीज, सटीक खेती (प्रेसीशन फार्मिंग), डाटा के बड़े पैमाने पर विश्लेषण (बिग डाटा एनालिटिक्स), कृत्रिम बुद्धिमत्ता (आर्टिफिशियल इंटेलिजेंस), जीओ टैगिंग और सेटेलाइट मॉनेटरिंग, मोबाइल ऐप और कृषि प्रबंधन सॉफ्टवेयर को खेती की पूरी प्रक्रिया में विभिन्न स्तरों पर लागू कर उपज और कृषि से होने वाली आय को बढ़ाया जा सकता है।
राज्यों केंद्र शासित प्रदेशों से कोविड19 वैक्सीन की बर्बादी रोकने का आग्रह किया फर्स्ट एक्सपायरी फर्स्ट आउट" सिद्धांत का पालन करें
नई दिल्ली केंद्रीय स्वास्थ्य मंत्रालय ने राज्यों और केंद्र शासित प्रदेशों में कोविड19 टीकाकरण की काफी धीमी गति को लेकर चिंता व्यक्त की है, और सभी पात्र लोगों को टीका लगाकर पूर्ण टीकाकरण कवरेज की गति में तेजी लाने का आग्रह किया है। केंद्रीय स्वास्थ्य सचिव श्री राजेश भूषण ने इस बारे में आज एक वीडियो कॉन्फ्रेंस (वीसी) के माध्यम से राज्यों और केंद्र शासित प्रदेशों के स्वास्थ्य सचिवों और एनएचएम एमडी के साथ कोविड टीकाकरण की स्थिति की समीक्षा करने के बाद सभी राज्यों और केंद्र शासित प्रदेशों को सूचित किया है।
केंद्रीय स्वास्थ्य सचिव ने देश भर में कोविड19 टीकाकरण की हाल की गति में तेजी लाने के लिए एक गहन 'मिशन मोड' की तत्काल आवश्यकता पर प्रकाश डालते हुए राज्यों और केंद्र शासित प्रदेशों को जून-जुलाई के दौरान दो महीने तक चलने वाले "हर घर दस्तक" अभियान 2.0 की विस्तृत योजना बनाने की सलाह दी है जिसमें जिला, प्रखंड और ग्राम स्तर पर टीकाकरण की की विस्तृत योजना हो। 'हर घर दस्तक' अभियान 2.0 का उद्देश्य अलग-अलग अभियानों के जरिए घर-घर जाकर पात्र लोगों को पहले, दूसरे और एहतियाती खुराक देकर उनका पूर्ण टीकाकरण करना है जिसमें वृद्धाश्रमों, स्कूलों / कॉलेजों के लिए केंद्रित अभियान शामिल हैं। इसमें स्कूल के बाहर के बच्चे (12-18 वर्ष की आयु के बच्चों के लिए केंद्रित कवरेज), जेलों, ईंट भट्ठों, आदि में काम करने वालों का भी टीकाकरण शामिल है। इसमें 60 वर्ष या इससे अधिक की आयु के लोगों के लिए एहतियाती खुराक देना शामिल है, जो इसके अभाव में बीमारी की चपेट में जल्द आ सकते हैं। इसके साथ ही 12-14 वर्ष के समूह में टीकाकरण कवरेज की उल्लेखनीय धीमी गति को भी इंगित किया गया। राज्यों/केंद्र शासित प्रदेशों से सभी पात्र लाभार्थियों की देय सूचियों के आधार पर सूक्ष्म योजनाओं के साथ प्रभावी निगरानी करने का आग्रह किया गया। उनसे निजी अस्पतालों के साथ नियमित रूप से 18-59 वर्ष आयु वर्ग के लिए एहतियाती खुराक दिलाए जाने की समीक्षा करने का भी आग्रह किया गया।
वेंडर्स की समस्याओं को लेकर नोएडा प्राधिकरण की सीईओ से मिला सीटू का प्रतिनिधिमंडल- गंगेश्वर दत्त शर्मा
23 मई को नई दिल्ली लोकसभा के पटेल नगर में होगी रोजगार संसद
Thursday, 19 May 2022
Noida पुलिस कमिश्नरेट के कैंप लगा कर बच्चों को ट्रैफिक नियमों की जानकारी दी गई
विश्व मधुमक्खी दिवस का राष्ट्रीय कार्यक्रम 20 मई को गुजरात में
नई दिल्ली :केंद्रीय कृषि एवं किसान कल्याण मंत्रालय 20 मई को विश्व मधुमक्खी दिवस पर वृहद राष्ट्रीय कार्यक्रम का आयोजन टेंट सिटी-II, एकता नगर, नर्मदा, गुजरात में कर रहा है। इसका शुभारंभ केंद्रीय कृषि एवं किसान कल्याण मंत्री श्री नरेंद्र सिंह तोमर करेंगे। इस अवसर पर श्री तोमर 5 राज्यों में 7 जगह स्थापित की गई हनी टेस्टिंग लैब एंड प्रोसेसिंग यूनिट का उद्घाटन भी करेंगे। इस आयोजन का मुख्य उद्देश्य मधुमक्खीपालन को बढ़ावा देते हुए देश के छोटे किसानों को अधिकाधिक लाभ पहुंचाना है, जिनकी प्रगति के लिए प्रधानमंत्री श्री नरेंद्र मोदी के कुशल नेतृत्व में केंद्र सरकार प्रतिबद्ध है।
लोगों को स्वस्थ रखने व इस संदर्भ में विभिन्न चुनौतियों का समाधान करने में मधुमक्खियों एवं अन्य परागणकों की महत्वपूर्ण भूमिका के बारे में जागरूकता पैदा करने के लिए संयुक्त राष्ट्र महासभा ने 20 मई को विश्व मधुमक्खी दिवस के रूप में घोषित किया है। इसे ध्यान में रखते हुए, कृषि एवं किसान कल्याण मंत्रालय देश के सभी मधुमक्खीपालकों को साथ लेकर इस महत्वपूर्ण दिन का उत्सव मना रहा है, जिससे जागरूकता बढ़ेगी। प्रमुख कार्यक्रम केंद्रीय कृषि मंत्री श्री तोमर के मुख्य आतिथ्य में होगा। केंद्रीय कृषि एवं किसान कल्याण राज्य मंत्री श्री कैलाश चौधरी व सुश्री शोभा करंदलाजे विशेष अतिथि होंगे। गुजरात की कृषि मंत्री सुश्री मटेजा वोडेब, स्लोवेनिया गणराज्य की राजदूत सुश्री कोंडा रेड्डी चाववा, भारत के एफएओ प्रतिनिधि की गरिमामयी उपस्थिति इस कार्यक्रम में रहेगी। समारोह में मधुमक्खी पालक किसान, प्रसंस्करणकर्ता, उद्यमियों सहित शहद उत्पादन से जुड़े अन्य हितधारक शामिल होंगे।
समारोह के दौरान मधुमक्खीपालन क्षेत्र में मधुमक्खी की विविध किस्में व उत्पाद प्रदर्शित करने के लिए मधुमक्खीपालकों, प्रसंस्करणकर्ताओं और मधुमक्खीपालन क्षेत्र के विभिन्न हितधारकों द्वारा अनेक स्टालों के साथ एक प्रदर्शनी लगाई जाएगी। मधुक्रांति पोर्टल में मधुमक्खीपालकों का आजीवन पंजीकरण अभियान चलाने के लिए मधुक्रांति पोर्टल की कार्यान्वयन एजेंसी इंडियन बैंक भी एक स्टॉल लगाएगी। मधुमक्खीपालकों के बीच मधुमक्खीपालन के वैज्ञानिक ज्ञान को उन्नत करने के लिए "उत्पादन प्रौद्योगिकी और वैज्ञानिक मधुमक्खी पालन के अनुसंधान तथा विकास- अनुभव साझेदारी व चुनौतियां" एवं "विपणन चुनौतियां और समाधान (घरेलू/वैश्विक)" पर परिचर्चा तथा तकनीकी सत्र भी आयोजित किए जाएंगे।
इस अवसर पर केंद्रीय मंत्री श्री तोमर गुजरात से जम्मू-कश्मीर में पुलवामा, बांदीपोरा व जम्मू, कर्नाटक के तुमकुर, उत्तर प्रदेश के सहारनपुर तथा पुणे और उत्तराखंड में स्थापित हनी टेस्टिंग लैब एंड प्रोसेसिंग यूनिट का वर्चुअल उद्घाटन करेंगे।
अगर संभावनाएं और शक्तियां हैं तो इन्हें प्लेटफार्म देने का काम केन्द्र की श्री नरेंद्र मोदी जी की सरकार ने किया है-अमित शाह
नई दिल्ली:केन्द्रीय गृह एवं सहकारिता मंत्री श्री अमित शाह ने आज नई दिल्ली में दिल्ली विश्वविद्यालय द्वारा ‘स्वराज से नव-भारत तक भारत के विचारों का पुनरावलोकन’ विषय पर एक अंतरराष्ट्रीय संगोष्ठी का उद्घाटन किया। तीन दिवसीय इस संगोष्ठी का आयोजन दिल्ली विश्वविद्यालय के शताब्दी समारोह के उपलक्ष्य में विश्वविद्यालय के राजनीति विज्ञान विभाग ने किया है। उद्घाटन समारोह में केन्द्रीय शिक्षा और कौशल विकास एवं उद्यमशीलता मंत्री श्री धर्मेन्द्र प्रधान और दिल्ली विश्वविद्यालय के कुलपति प्रो. योगेश सिंह समेत अनेक गणमान्य व्यक्ति शामिल हुए। अवसर पर अपने संबोधन में श्री अमित शाह ने कहा कि परिवर्तन के विचार, नीति और कल्पना का वाहक विश्वविद्यालय और विद्यार्थी ही हो सकते हैं और जब भी युग बदलता होता है तो उस परिवर्तन का वाहक हमेशा विश्वविद्यालय ही होता है। उन्होंने कहा कि किसी भी संस्था के लिए सौ साल के बाद भी अपनी प्रासंगिकता बनाए रखना अपने आप में बहुत बड़ी उपलब्धि होती है। आज देश में इतने सारे विश्विद्यालयों के बीच भी दिल्ली विश्वविद्यालय ने ना केवल अपनी प्रासंगिकता बनाए रखी है बल्कि अपने नेतृत्व के गुण को भी संजोकर रखा है। श्री शाह ने विश्वास व्यक्त किया कि देश में 2014 से परिवर्तन का जो युग शुरू हुआ है इसकी वाहक भी दिल्ली यूनिवर्सिटी बने। अंग्रेज़ों ने वर्ष 1922 में देश की राजधानी बदल कर दिल्ली यूनिवर्सिटी की स्थापना की और कई ऐतिहासिक प्रसंगों का दिल्ली विश्वविद्यालय साक्षी रहा है। 1975 में देश के लोकतंत्र को बचाने के आंदोलन में भी दिल्ली यूनिवर्सिटी का बहुत बड़ा योगदान रहा। देश के अनेक आंदोलनों का साक्षी और उन्हें परिणाम तक पहुंचाने का माध्यम दिल्ली विश्वविद्यालय रहा है।
श्री अमित शाह ने कहा कि इस संगोष्ठी का विषय ‘स्वराज से नव-भारत तक भारत के विचारों का पुनरावलोकन’ एक बहुत महत्वपूर्ण विषय है। इस महत्वपूर्ण विषय के समय दिल्ली यूनिवर्सिटी के सौ साल हो रहे हैं और देश की आज़ादी का अमृत महोत्सव मनाया जा रहा है। इस अवसर पर देश के प्रधानमंत्री श्री नरेन्द्र मोदी जी ने कहा है कि आज़ादी के अमृत काल की शुरूआत हो और 75 से 100 साल की अमृत काल की ये यात्रा हमारे लिए बहुत महत्वपूर्ण है। मोदी जी ने इन 25 सालों को संकल्प सिद्धि के 25 साल के रूप में वर्णित किया है।
केन्द्रीय गृह एवं सहकारिता मंत्री ने कहा कि आज़ादी के बाद स्वराज शब्द की बहुत अलग तरीक़े से व्याख्या की गई और इसे सिर्फ़ शासन व्यवस्था तक सीमित कर दिया गया। हमारी स्वराज की कल्पना में स्व शब्द का बहुत महत्व है और स्वराज की व्याख्या करने वालों ने आज़ादी के बाद स्व शब्द को बहुत डाइल्यूट और शासन शब्द को बहुत बड़ा कर दिया। स्वराज की व्याख्या में स्वदेशी, स्वभाषा, स्वधर्म, हमारी संस्कृति और देश का विचार सर्वोच्च हो, ये अपने आप आते हैं। इन सारी व्याख्याओं को सीमित करके स्वराज की व्याख्या को शासन व्यवस्था तक सीमित करने का काम कुछ लोगों ने किया। स्वराज की संपूर्ण कल्पना ही न्यू इंडिया का विचार है। आज की संगोष्ठी की थीम का मतलब है स्वराज के संपूर्ण अर्थ को चरितार्थ करना और सच्चे मायनों में स्वराज के संपूर्ण अर्थ के तत्वाधान में राष्ट्र की उन्नति करना। एक समृद्ध, सशक्त, संस्कृत, शिक्षित, सुरक्षित और सामर्थ्यवान भारत की रचना का विचार तभी हो सकता है जब हम स्वराज के सारे अर्थ समाहित करते हुए उन्हें प्राप्त करने के उद्देश्य के साथ एक रास्ते पर चलें।
केंद्रीय मंत्री श्री अनुराग ठाकुर ने सेंट ट्रोपेज़ में महाराजा रणजीत सिंह और राजकुमारी बन्नू पान देई को पुष्पांजलि अर्पित की
हिमाचल :केंद्रीय सूचना एवं प्रसारण मंत्री श्री अनुराग सिंह ठाकुर ने आज सेंट ट्रोपेज़ में अलर्ड स्क्वायर का दौरा किया। कान से दूर नाव की यात्रा से सेंट ट्रोपेज़ पहुंचा जा सकता है, जिसका हिमाचल प्रदेश राज्य के साथ संबंध है।
अपनी यात्रा के दौरान, मंत्री ने महाराजा रणजीत सिंह (सिख साम्राज्य के पहले महाराजा), जीन-फ्रेंकोइस अलर्ड (महाराजा रणजीत सिंह की सेना में जनरल) और उनकी पत्नी चंबा की राजकुमारी बन्नू पान देई की आवक्ष प्रतिमाओं पर पुष्पांजलि अर्पित की। महारानी बन्नू पान देई का जन्म हिमाचल प्रदेश के चंबा में हुआ था।
इस अवसर पर मंत्री महोदय ने कहा कि संत ट्रोपेज़ का भारत से सम्बन्ध चार पीढ़ियों के बाद भी समाप्त नहीं हुआ है। महारानी के परिवार को सेंट ट्रोपेज़ में बहुत सम्मान दिया जाता है और परिवार ने अपनी भारतीय जड़ों को संरक्षित रखा है।
मंत्री महोदय के आगमन पर, सेंट ट्रोपेज़ की मेयर सुश्री सिल्वी सिरी और डिप्टी मेयर श्री अलर्ड फ्रेडरिक के साथ पूर्व डिप्टी मेयर श्री हेनरी प्रिवोस्ट अलर्ड ने उनका स्वागत किया। मंत्री महोदय ने मेयर और डिप्टी मेयर को गोवा में भारत अंतर्राष्ट्रीय फिल्म महोत्सव को देखने के लिए आमंत्रित किया और उन्हें गोवा के समुद्र तटों से हिमाचल के पहाड़ों की यात्रा पर ले जाने का भी वादा किया।
सीसीआई ने ओएफबी टेक प्राइवेट लिमिटेड द्वारा एसएमडब्ल्यू इस्पात प्राइवेट लिमिटेड में बहुसंख्यक हिस्सेदारी के अधिग्रहण को मंजूरी दी
नई दिल्ली :भारतीय प्रतिस्पर्धा आयोग (सीसीआई) ने ओएफबी टेक प्राइवेट लिमिटेड द्वारा एसएमडब्ल्यू इस्पात प्राइवेट लिमिटेड में बहुसंख्यक हिस्सेदारी के अधिग्रहण को मंजूरी दी।
प्रस्तावित संयोजन, ओएफबी टेक प्राइवेट लिमिटेड (ओएफबी टेक) द्वारा एसएमडब्ल्यू इस्पात प्राइवेट लिमिटेड (एसएमडब्ल्यू इस्पात) में बहुसंख्यक हिस्सेदारी के अधिग्रहण की परिकल्पना करता है।
ओएफबी टेक, एक प्राइवेट लिमिटेड कंपनी है, जो अपने ऑनलाइन या ऑफलाइन चैनलों के माध्यम से व्यवसायों के बीच लेनदेन की सुविधा के लिए इस्पात, अलौह धातुओं, औद्योगिक रसायनों और पेट्रोलियम उप-उत्पाद, कृषि-वस्तुओं जैसे थोक कच्चे माल का थोक कारोबार करती है।
एसएमडब्ल्यू इस्पात, एक प्राइवेट लिमिटेड कंपनी है, जो टीएमटी स्टील बार और स्टील बिलेट जैसे उत्पादों के निर्माण का व्यवसाय करती है।
22 मई को लखनऊ और 23 मई को दिल्ली में होगा रोजगार संसद का आयोजन
Wednesday, 18 May 2022
कुशल, पेशेवर और एकीकृत प्रणाली का भारत में निर्माण किय़ा जाए: डॉ. भारती प्रवीण पवार
रामजी पांडे
नई दिल्ली केंद्रीय स्वास्थ्य और परिवार कल्याण राज्य मंत्री डॉ. भारती प्रवीण पवार ने आज डॉक्टरों, नर्सों और पैरामेडिक्स के लिए नेशनल इमरजेंसी लाइफ सपोर्ट (एनईएलएस) पाठ्यक्रमों का शुभारंभ किया। प्रशिक्षण मॉड्यूल के अलावा, इस कार्यक्रम में एनईएलएस पाठ्यक्रम को लागू करने के लिए सभी राज्यों/केंद्र शासित प्रदेशों में प्रशिक्षण बुनियादी ढांचे का विकास और अस्पतालों और एम्बुलेंस सेवाओं के आपातकालीन विभागों में काम करने वाले डॉक्टरों, नर्सों और पैरामेडिक्स को प्रशिक्षित करने के लिए प्रशिक्षकों का एक संवर्ग बनाना भी शामिल है।
केंद्रीय राज्य मंत्री ने कहा कि अब तक, देश में स्वास्थ्य देखभाल पेशेवरों को विदेशी मॉड्यूल और सशुल्क पाठ्यक्रमों पर निर्भर रहना पड़ता था, जो महंगे होने के साथ-साथ हमारे जनसंख्या परिदृश्य की जरूरतों और प्राथमिकताओं पर विचार किए बिना एक सीमित आपात स्थिति के लिए थे। उन्होंने कहा कि माननीय प्रधानमंत्री की 'मेक इन इंडिया' और 'आत्मनिर्भर भारत' नीति को साकार करते हुए, डॉक्टरों, नर्सों और पैरामेडिक्स के प्रशिक्षण के लिए यह मानकीकृत पाठ्यक्रम भारतीय संदर्भ के अनुकूल देश में ही विकसित आपातकालीन जीवनरक्षक सेवाएं प्रदान करता है।
छात्र संसद का चुनाव संपन्न मंत्रिमंडल को दिलाई शपथ
सत्योदय शिक्षा निकेतन इंटर कालेज बनगवा में गंगा समग्र द्वारा गंगा स्वक्षता एवम जल संरक्षण पर सेमिनार का आयोजन।
Monday, 16 May 2022
हमारी समृद्ध सांस्कृतिक विरासत को संरक्षित रखना और उन्हें विकसित करना प्रत्येक नागरिक की नैतिक जिम्मेदारी :संस्कृति मंत्री
नई दिल्ली :केन्द्रीय पर्यटन, संस्कृति और उत्तर पूर्व क्षेत्र विकास मंत्री (डोनर) श्री जी. किशन रेड्डी ने आज बोरीवली के नजदीक संजय गांधी राष्ट्रीय उद्यान में स्थित कन्हेरी गुफाओं में पर्यटकों के लिए विभिन्न सुविधाओं का उद्घाटन किया।
संस्कृति मंत्री ने कहा, "कन्हेरी गुफाएं हमारी प्राचीन विरासत का हिस्सा हैं क्योंकि वे हमारे उद्भव और अतीत का प्रमाण प्रदान करती हैं। बुद्ध पूर्णिमा के अवसर पर किए गए कार्यों का उद्घाटन करना सौभाग्य की बात है। बुद्ध का संदेश संघर्ष और जलवायु परिवर्तन जैसी चुनौतियों का समाधान करने के लिए आज भी महत्वपूर्ण है।”
प्रधानमंत्री 17 मई को ट्राई के रजत जयंती समारोह को संबोधित करेंगे
नई दिल्ली:प्रधानमंत्री श्री नरेन्द्र मोदी 17 मई, 2022 को सुबह 11 बजे भारतीय दूरसंचार नियामक प्राधिकरण (ट्राई) के रजत जयंती समारोह को वीडियो कॉन्फ्रेंसिंग के माध्यम से संबोधित करेंगे। इस अवसर पर प्रधानमंत्री एक डाक टिकट भी जारी करेंगे।
कार्यक्रम के दौरान, प्रधानमंत्री आईआईटी मद्रास के नेतृत्व में कुल आठ संस्थानों द्वारा बहु-संस्थान सहयोगी परियोजना के रूप में विकसित 5जी टेस्ट बेड का भी शुभारंभ करेंगे। परियोजना में भाग लेने वाले अन्य संस्थानों में आईआईटी दिल्ली, आईआईटी हैदराबाद, आईआईटी बॉम्बे, आईआईटी कानपुर, आईआईएस बैंगलोर, सोसाइटी फॉर एप्लाइड माइक्रोवेव इलेक्ट्रॉनिक्स इंजीनियरिंग एंड रिसर्च (एसएएमईईआर) और सेंटर ऑफ एक्सीलेंस इन वायरलेस टेक्नोलॉजी (सीईडब्लूआईटी) शामिल हैं। इस परियोजना को 220 करोड़ रुपये से अधिक की लागत से विकसित किया गया है। टेस्ट बेड भारतीय उद्योग और स्टार्टअप के लिए एक सहायक इकोसिस्टम को सक्षम बनाएगा, जो इन्हें 5जी और अगली पीढ़ी की प्रौद्योगिकियों में अपने उत्पादों, प्रोटोटाइप, समाधान और एल्गोरिदम को सत्यापित करने में मदद करेगा।
ट्राई की स्थापना 1997 में भारतीय दूरसंचार नियामक प्राधिकरण अधिनियम, 1997 के अंतर्गत की गई थी।
प्रधानमंत्री के आत्मनिर्भर भारत के अनुरुप भाषाई आत्मनिर्भरता की अपील
नई दिल्ली भारी उद्योग मंत्रालय की हिंदी सलाहकार समिति की बैठक आज गंगटोक में आयोजित की गई। बैठक की अध्यक्षता केंद्रीय भारी उद्योग मंत्री डॉ. महेंद्र नाथ पांडेय ने की।
श्री पांडे ने इस अवसर पर प्रधानमंत्री के आत्मनिर्भर भारत की तर्ज पर भाषाई आत्मनिर्भरता की अपील करते हुए कहा कि सभी क्षेत्रीय भाषाओं का सम्मान करते हुए हिंदी को बढ़ाने की जरूरत है। मंत्री ने कहा कि वह अपने कार्यालय में फाइलों को हिंदी में ही स्वीकार कर रहे हैं।
श्री पांडे ने समिति की पहली बैठक के लिए सिक्किम के चयन को भी बहुत महत्वपूर्ण और प्रतीकात्मक बताया। उनके इस सुझाव का गर्मजोशी से स्वागत किया गया कि संसदीय राजभाषा समिति और हिंदी सलाहकार समिति के सदस्यों को आमंत्रित करने की परंपरा विशेष रूप से हिंदी पखवाड़े के दौरान शुरू की जानी चाहिए।
बैठक में राज्य सभा सांसद सुश्री सीमा द्विवेदी और लोकसभा सांसद (बुलंदशहर) श्री भोला सिंह भी उपस्थित थे। मंत्रालय की ओर से भारी उद्योग मंत्रालय में सचिव श्री अरुण गोयल, संयुक्त सचिव श्री विजय मित्तल, निदेशक श्री रजनीश सिंह और विकास डोगरा उपस्थित थे।
समिति के सदस्यों में प्रो. पूरन चंद टंडन (दिल्ली विश्वविद्यालय), प्रो. ओकेन लेगो (राजीव गांधी विश्वविद्यालय, अरुणाचल प्रदेश), डॉ. संतराम वैश्य (हिंदी के सेवानिवृत्त प्रोफेसर, गुरुकुल कांगडी विश्वविद्यालय) और डॉ. बंदना पांडे (गौतम बुद्ध विश्वविद्यालय, नोएडा) जैसे हिंदी के विद्वान गैर-सरकारी सदस्य शामिल थे।
श्री भोला सिंह ने कुछ कंपनियों की प्रस्तुति में अंग्रेजी शब्दों के अत्यधिक प्रयोग का मुद्दा उठाया। प्रोफेसर टंडन ने केंद्र के पांच प्रमुख हिंदी संस्थानों में निदेशकों की रिक्तियों की ओर ध्यान आकर्षित किया। मंत्री ने कहा कि वह इस संबंध में गृह मंत्री को पत्र लिखेंगे।
हिंदी सलाहकार समिति हिंदी में सरकारी कामकाज को बढ़ावा देने के लिए केंद्र सरकार के प्रत्येक मंत्रालय में गठित समिति है। इस समिति की साल में कम से कम दो बैठकें आयोजित करने का प्रावधान है। गंगटोक में 15 मई को हुई बैठक मंत्रालय की पुनर्गठित समिति की पहली बैठक थी।
भारतीय नौसेना के दो अग्रिम मोर्चे के युद्धपोतों का लोकार्पण
नई दिल्ली :स्वदेशी युद्धपोत निर्माण के इतिहास में राष्ट्र 17 मई, 2022 को एक ऐतिहासिक घटना का साक्षी बनने जा रहा है, जब भारतीय नौसेना के दो अग्रिम मोर्चे के युद्धपोतों का लोकार्पण किया जायेगा। ये यद्धपोत हैं, सूरत, जो परियोजना 15बी का डिक्ट्रॉयर है और दूसरा है उदयगिरि, जो परियोजना 17ए का फ्रिगेट है। मुम्बई के मझगांव डॉक्स लिमिटेड (एमडीएल) में एक साथ दोनों का शुभारंभ किया जायेगा। दोनों कार्यक्रमों में रक्षामंत्री श्री राजनाथ सिंह मुख्य अतिथि होंगे।
परियोजना 15बी श्रेणी के पोत भारतीय नौसेना के अगली पीढ़ी के स्टेल्थ गाइडेड मिसाइल डिस्ट्रॉयर हैं, जिन्हें मझगांव डॉक्स लि. मुम्बई में बनाया जाता है। ‘सूरत’ परियोजना 15बी डिस्ट्रॉर श्रेणी का चौथा पोत है, जिसे पी15ए (कोलकाता श्रेणी) में कई परिवर्तन करके विकसित किया गया है। इसका नाम गुजरात की वाणिज्यिक राजधानी और मुम्बई के बाद पश्चिमी भारत के दूसरा सबसे बड़े व्यापारिक केंद्र सूरत के नाम पर रखा गया है। सूरत शहर का समृद्ध समुद्री और पोत निर्माण इतिहास रहा है। यहां 16वीं और 18वीं शताब्दी में जहाज बनाये जाते थे, जो लंबे समय तक कार्यशील रहते थे, यानी जिनकी आयु 100 से अधिक की होती थी। ‘सूरत’ का निर्माण ब्लॉक निर्माण पद्धित से हुआ है, जिसमें जहाज की पेंदी को दो विभिन्न भौगोलिक स्थानों पर निर्मित किया गया है। बाद में इसे एमडीएल, मुम्बई में जोड़ा गया। इस श्रेणी के पहले पोत को 2021 में कमीशन किया गया था। दूसरे और तीसरे पोत का शुभारंभ किया गया तथा वे साजो-सामान/परीक्षण के विभिन्न चरणों में हैं।
उदयगिरि’ का नाम आंध्रप्रदेश की पर्वत श्रृंखला के नाम पर रखा गया है। यह परियोजना 17ए का तीसरा फ्रिगेट है। इन्हें पी17 फ्रिगेट (शिवालिक श्रेणी) का अनुपालन करते हुये संशोधित स्टेल्थ विशेषताओं, उन्नत हथियारों, संवेदी उपकरणों और प्लेटफार्म प्रबंधन प्रणालियों से लैस किया गया है। ‘उदयगिरि’ दरअसल पुराने ‘उदयगिरि’ का अवतार है, जो लियेंडर क्लास एएसडब्लू फ्रिगेट था। इस पोत ने 18 फरवरी, 1976 से 24 अगस्त, 2007 तक के तीन दशकों के दौरान असंख्य चुनौतीपूर्ण गतिविधियों का सामना करते हुये राष्ट्र की शानदार सेवा की। पी17 कार्यक्रम के तहत कुल सात पोतों का निर्माण किया जा रहा है, जिनमें से चार पोत एमडीएल और तीन पोत जीआरएसई में बनाये जा रहे हैं। एकीकृत निर्माण, मेगा ब्लॉक आउटसोर्सिंग, परियोजना डाटा प्रबंधन/परियोजना जीवन-चक्र प्रबंधन (पीडीएम/पीएलएम) आदि जैसी नई अवधारणाओं तथा प्रौद्योगिकियों का इस्तेमाल किया जा रहा है। इन सबको स्वदेशी युद्धपोत डिजाइन तथा निर्माण में पहली बार अपनाया जा रहा है। याद रहे कि पी17ए परियोजना के पहले दो जहाजों को एमडीएल और जीआरएसई में क्रमशः 2019 और 2020 में शुरू किया गया था।
15बी और पी17ए, दोनों जहाजों को डायरेक्टोरेट ऑफ नैवल डिजाइन (डीएनडी) में घरेलू स्तर पर डिजाइन किया गया था। यह देश के सभी युद्धपोतों की डिजाइन तैयार करने की गतिविधियों की गंगोत्री बना। शिपयार्ड में निर्माण गतिविधियों के दौरान उपकरणों और प्रणालियों के लिये लगभग 75 प्रतिशत ऑर्डर स्वदेशी कंपनियों को मिले, जिनमें सूक्ष्म, लघु और मध्यम उद्यम शामिल थे। यह देश की ‘आत्मनिर्भर’ भावना का सच्चा प्रमाण है।